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संपूर्ण समाज को एकता के सूत्र में बांधना ही संघ का उद्देश्य : जे. नंद कुमार, अ भा सह प्रचार प्रमुख

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संघ का उद्देश्य संपूर्ण समाज को एकता के सूत्र में बांधना – जे. नंद कुमार जी

मेरठ (विसंकें). राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख जे नंद कुमार जी ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का उद्देश्य सम्पूर्ण समाज को एकता के सूत्र में बांधना है. संघ अन्य संस्थाओं की तरह दिखावटी संस्था नहीं है. संगठित, सशक्त,दोषरहित एवं समरसता के बल पर भारत को परम वैभव पर पहुंचाना संघ का एकमात्र लक्ष्य है. नंद कुमार जी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मेरठ महानगर द्वारा संघ एक परिचय एवं हिन्दुत्व विषय पर आयोजित विचार गोष्ठी में संबोधित कर रहे थे.
कार्यक्रम का शुभारम्भ भारत मां के चित्र के सामने दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ. इस अवसर पर उन्होंने एक ऑन लाईन समाचार,वैबसाईट www.samvaadbhartipost.com का शुभारम्भ किया. उन्होंने कहा कि आजकल कुछ लोग स्वतंत्रता आंदोलन में संघ की सहभागिता पर सवाल उठाते हैं, जो सरासर गलत है. संघ के संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार जी स्वयं हमारे सामने उदाहरण हैं. नमक आंदोलन में सत्याग्रह के समय संघ संस्थापक जेल गये. वर्ष 1942 में संघ के स्वयंसेवक ने अश्टि-चिमूर क्षेत्र (विदर्भ) में स्वतंत्र सरकार स्थापित कर दी थी. अपना अलग अस्तित्व दिखाने के लिये तुर्की टोपी जैसे विशेष वेश पहनकर संघ ने आजादी के आंदोलन में दिखावा नहीं किया.
संघ की ऐतिहासिक पृष्ठ भूमि पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि संघ की स्थापना का लक्ष्य व्यक्ति निर्माण कर लोगों में राष्ट्रभक्ति को जगाना था. एओ ह्यूम जैसे विदेशी द्वारा स्थापित कांग्रेस को अपना लक्ष्य पूर्ण स्वराज्य बताने में 44 साल लग गये. वर्ष 1885 में कांग्रेस की स्थापना करने वाले एओ ह्यूम ने उसी दिन-रात को अपनी डायरी में लिखा था कि उसने एक सेफ्टी वाल्व खोज लिया है. ब्रिटिश सरकार को यह पता था कि भारत के हर गांव में उनके खिलाफ गुस्सा है, वे इसे जाहिर करने का इंतजार कर रहे हैं. इस गुस्से को कम करने के लिये कांग्रेस की स्थापना हुई थी. आज ये कांग्रेस के लोग संघ के आजादी आंदोलन पर सवाल उठाते हैं.
वर्ष 1934 में स्वयं गांधी जी संघ के शिविर में पहुंचे थे. वर्ष 1897 में स्वामी विवेकानन्द जी विदेशी धरती पर भारतीय संस्कृति की पताका फहराकर 4 साल बाद भारत वापस आये थे, तब उनकी एक जनसभा में एक किशोर ने उनसे पूछ लिया, क्या वे पूर्ण स्वतंत्रता दिलायेंगे ? तब स्वामी जी ने उत्तर दिया कि संगठित समाज ही स्वतंत्रता के योग्य होता है, इसीलिये अपने मूलभूत सिद्धांत के आधार पर हमें संगठित होना चाहिये. उनके 28 साल बाद डॉ. हेडगेवार जी ने विवेकानद जी को उत्तर देने के प्रयास से संघ की स्थापना करते हुए कहा था, ‘‘हम इस भारत को परम वैभव की ओर ले जाएंगे, केवल और केवल हिन्दुत्व के आधार पर. नंद कुमार जी ने कहा कि सुभाष चन्द्र बोस से लेकर भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने देश की जीवनशैली हिन्दुत्व बतायी है. कम्युनिस्ट कार्ल मार्क्स ने भी इस देश की जीवन शैली हिन्दुत्व को बताया.
कार्यक्रम में अपने अध्यक्षीय भाषण में आईआईएमटी कॉलेज के पत्रकारिता विभाग के अध्यक्ष नरेन्द मिश्रा ने कहा कि भारतीय मीडिया को सही तथ्य और विचार प्रसारित करना चाहिये. गलत और त्रुटिपूर्ण समाचार देश का माहौल खराब करता है. इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रान्त संघचालक सूर्यप्रकाश टोंक जी, संयुक्त क्षेत्र प्रचार प्रमुख कृपाशंकर जी सहित अन्य गणमान्यजन उपस्थित थे.

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