क्या अखिलेश को मुलायम और शिवपाल की बेईज्जती मंहगी पड़ेगी
Will Akhilesh's insult of Mulayam and Shivpal cost dearly?
भारतीय संस्कृति में माता पिता का सम्मान एक बहुत ही महत्वपूर्ण बात होती है। अखिलेश ने नेताजी मुलायम सिंह और चाचा शिवपाल की अहंकार पूर्ण व्यवहार से बहुत बेइज्जती की है। यह चुनाव 2017 में महत्वपूर्ण विषय भी बना था । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने भी तब कहा था कि जो पिता का सगा नहीं वह जनता का सगा क्या होगा और अखिलेश के नेतृत्व में सपा बुरी तरह चुनाव हार गई थी। व्यवहार बदला नहीं और इस चुनाव में भी अखिलेश की वाणी एवं बाडी लेंग्बेज अहंकार का ही प्रदर्शन कर रही है। जिसके चलते उन्हे नुकसान उठाना पढ सकता है।
क्या अखिलेश को मुलायम और शिवपाल की बेईज्जती मंहगी पड़ेगी
उत्तरप्रदेश चुनाव समाचार
पिता मुलायम सिंह की बेईज्जती
चाचा शिवपाल सिंह की बेईज्जती
मात्र एक सीट मिली शिवपाल यादव को
शास्त्रों में कहा गया है कि संतान गलत उत्पन्न हो जाये तो वह यम (प्राण हरने वाले यम दूत ) के समान होती है। यम दूत तो कुछ क्षण ही कष्ट देता है किन्तु गलत संतान वर्षों दसकों नासूर बन जाती है। यह कथन मुलायम सिंह यादव और शिवपाल यादव पर अक्षरशः सत्य साबित हो रहा है।
प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया संस्थापक एवं मुलायम सिंह के भाई शिवपाल सिंह यादव अपनी राजनैतिक बेईज्जती का पहाड जैसा बोझा लेकर यूपी के चुनाव मैदान में हैं। अखिलेश के दुर्व्यवहार से उन्हे कुछ समझ में नहीं आ रहा है। वह अपने को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। उनकी पार्टी के समर्थक, कार्यकर्ता और नेता सभी शिवपाल सिंह यादव का मुंह ताक रहे हैं। जसवंतनगर विधानसभा सीट के लिए चुनाव प्रचार कर रहे शिवपाल सिंह यादव का दर्द जनता के समझ छलक आया। शिवपाल सिंह यादव ने चुनाव प्रचार में कहा कि, पार्टी नेताओं के लिए 100 सीटों की मांग की थी, पर मिली सिर्फ एक। उन्होंने समर्थकों से कहा कि, जब एक ही सीट मिली है तो जसवंतनगर सीट से जीत यूपी में सबसे बड़ी बनाकर ताकत का एहसास करा दो। इटावा की जसवंतनगर सीट से सपा-पीएसपीएल के संयुक्त उम्मीदवार शिवपाल सिंह यादव साइकिल चुनाव चिंह पर चुनाव लड़ रहे हैं।
2017 के चुनावों में भी अखिलेश के अहंकार के चर्चे स्वयं उनके पिता मुलायम सिंह ने किये थे। समाजवादी पार्टी (सपा) के संस्थापक मुलायम सिंह यादव और उनके बेटे अखिलेश यादव के बीच मतभेद तब भी खुलकर सामने आए थे , जब मुलायम ने खुद को और अपने भाई शिवपाल यादव को अपमानित करने का आरोप अखिलेश पर लगाया था। सपा संस्थापक ने कहा था कि उन्हें जितना अखिलेश ने अपमानित किया, उतना किसी ने भी नहीं किया ।