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देशद्रोही गतिविधियों को सहन नहीं किया जा सकता : अमित शाह

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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह द्वारा दिए गए प्रेस टिप्पणी के मुख्य अंश
 देश की जमीन पर या इसके किसी भी हिस्से पर इस तरह की देशद्रोही गतिविधियों को सहन नहीं किया जा सकता: अमित शाह
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देश की जनता यह जानना चाहती है कि आखिर अभिव्यक्ति की आजादी की कांग्रेस की व्याख्या क्या है: अमित शाह
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देश की जनता यह जानना चाहती है कि कांग्रेस देश के सर्वोच्च अदालत के फैसले को मानती है या नहीं: अमित शाह
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भारतीय जनता पार्टी देश की रक्षा करने वाले शहीद जवानों और उनके परिवारों के साथ खड़ी है और हर राष्ट्रभक्त व्यक्ति एवं संस्थाओं को देश की सुरक्षा करनेवाले जवानों के संवेदनाओं की चिंता करना चाहिए: अमित शाह
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अगर कांग्रेस उपाध्यक्ष, अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर इन राष्ट्रविरोधी नारों कासमर्थन कर रहे हैं तो इससे बड़ा देशद्रोह का सबूत और क्या हो सकता है: अमित शाह
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आज भी कांग्रेस के प्रवक्ता आतंकी अफज़ल गुरु को अफज़ल गुरु 'जी'कहकर सम्बोधित कर रहे हैं: अमित शाह
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क्या कांग्रेस पार्टी राहुल गांधी द्वारा जेएनयू परिसर में देशद्रोही नारे लगाने वालों के समर्थन में दिए गए बयानों का समर्थन करती है: अमित शाह
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कांग्रेस अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गांधी और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को देशवासियों से अविलंब माफी मांगनी चाहिए: अमित शाह
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कुछ दिन पहले जवाहरलाल यूनिवर्सिटी (जेएनयू) परिसर में जिस तरह से राष्ट्रविरोधी नारे लगाए गए, भारतीय जनता पार्टी उसकी कड़ी निंदा करती है और इस प्रकार की गतिविधियों पर चिंता भी व्यक्त करती है। भारतीय जनता पार्टी का मानना है कि देश की जमीन पर या इसके किसी भी हिस्से पर इस तरह की देशद्रोही गतिविधियों को सहन नहीं किया जा सकता। कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री राहुल गांधी ने जेएनयू जाकर जिस तरह से इस घटना का समर्थन किया है, वह सबसे बड़ा चिंता का विषय है। भारतीय जनता पार्टी देश की रक्षा करने वाले शहीद जवानों और उनके परिवारों के साथ खड़ी है और हमारा मानना है कि हर राष्ट्रभक्त व्यक्ति एवं संस्थाओं को देश की सीमा की सुरक्षा करनेवाले जवानों के संवेदनाओं की चिंता करना चाहिए।

लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद देश के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा संसद पर हमला करनेवाले आतंकी अफज़ल गुरु को फांसी की सजा दी गई। उसके बाद आतंकी अफज़ल गुरु के समर्थन में देेश को तोड़ने के लिए 'पाकिस्तान जिंदाबाद', 'भारत की बर्बादी तक जंग रहेगी - जंग रहेगी', 'अफज़ल हम शर्मिन्दा हैं तेरे कातिल ज़िंदा हैं', 'हर घर में अफज़ल होंगे - भारत तेरे टुकड़े होंगे', जैसे जो नारे लगाए गए, अगर कांग्रेस उपाध्यक्ष, अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर इसका समर्थन कर रहे हैं तो मैं कांग्रेस पार्टी से पूछना चाहता हूँ कि इससे बड़ा देशद्रोह का सबूत और क्या हो सकता है। इतना होने के बावजूद, न तो कांग्रेस अध्यक्षा, न कांग्रेस उपाध्यक्ष और न ही कांग्रेस का कोई प्रवक्ता इस घटना के लिए माफी मांगने को तैयार है। आज भी कांग्रेस के प्रवक्ता आतंकी अफज़ल गुरु को अफज़ल गुरु 'जी'कहकर सम्बोधित कर रहे हैं।

मैं कांग्रेस पार्टी से पूछना चाहता हूँ कि क्या वह राहुल गांधी द्वारा जेएनयू परिसर में देशद्रोही नारे लगाने वालों के समर्थन में दिए गए बयानों का समर्थन करती है? कांग्रेस पार्टी को इसपर जवाब देना चाहिए। मैं श्रीमान राहुल गांधी से यह भी पूछना चाहता हूँ कि क्या आपको देशद्रोही गतिविधियों का समर्थन करते वक्त देश की संसद की सुरक्षा करनेवाले शहीद जवानों और उनके परिवारों की संवेदनाओं का ख़याल नहीं आया? आखिर कब तक वोट बैंक की राजनीति की खातिर आप देश के जवानों की शहादत का मजाक उड़ाते रहेंगें? क्या आपको इस बात की चिंता है कि आप अभिव्यक्ति की आजादी की आड़ में देशद्रोही प्रवृत्तियों को प्रश्रय देने से भी नहीं चूक रहे? इस पूरे मामले पर कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गांधी को अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए।

देश की जनता यह जानना चाहती है कि आखिर अभिव्यक्ति की आजादी की कांग्रेस की व्याख्या क्या है। देश की जनता यह जानना चाहती है कि अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर छात्रों को अपनी बात कहने देने का मतलब हिन्दुस्तान को टुकड़े करना है क्या? देश की जनता यह जानना चाहती है कि अभिव्यक्ति की आजादी का मतलब आतंकी अफज़ल गुरु का समर्थन करना है क्या? देश की जनता यह जानना चाहती है कि कांग्रेस देश के सर्वोच्च अदालत के फैसले को मानती है या नहीं? भारतीय जनता पार्टी यह मांग करती है कि कांग्रेस पार्टी को इन सब बातों का स्पष्टीकरण देना चाहिए। यदि कांग्रेस के दिल में शहीदों के परिवारों के प्रति थोड़ी सी भी संवेदना है और उसे यदि लगता है कि देशद्रोहियों का समर्थन नहीं करना चाहिए तो कांग्रेस अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गांधी और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को देशवासियों से अविलंब माफी मांगनी चाहिए।

(इंजी. अरुण कुमार जैन)
कार्यालय सचिव

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