क्या दूल्हा घोषित होते ही बिखर जायेगी विपक्षी एकता
अभी विपक्ष के दर्जन भर से अधिक दलों नें पटना में, भाजपा गठबंधन के विरुद्ध, विकल्प बनने के लिए बैठक की! बैठक में सत्ता वरनें हेतु तमाम बराती एकत्र हुए किन्तु दूल्हा तय नहीं हुआ।
यूँ तो कांग्रेस और ममता बनर्जी ही बिग पार्टनर बन सकते हैं, अभी फिलहाल न भी नहीं और हाँ भी नहीं की स्थिति है।
कांग्रेस की चाहत लीडरशिप की ही रहेगी, किन्तु नितीश सबसे ज्यादा लीडरशिप को लालायित हैं। बिल्ली के भाग्य से छीका टूट जाये, मगर यह संभव नहीं है। दक्षिण के दलों को ही कांग्रेस से अधिक खतरा है जो वे अपने अपने स्टेट कांग्रेस से बचाना चाहेंगे।
मुख्य मुद्दा विपक्षी एकता का आज भी नेतृत्व का है, संभवतः सामूहिक नेतृत्व की बात कही जायेगी। मगर घोषित अघोषित नेतृत्व कांग्रेस के राहुल गाँधी का ही रहेगा। लेकिन जैसे ही राहुल को नेता घोषित किया जायेगा, यह गठबंधन आधी ताकत उसी क्षण खो देगा। क्यों कि कांग्रेस को अन्य विपक्षी दल न नेतृत्व देना चाहते न सीटें देना चाहते। वे चाहते हैं कि अन्य दलों की शर्तो पर विपक्षी गठबंधन चले और यही इसके बिखराव का कारण होगा।
राजनीति के जानकर मान रहे हैं कि दूल्हा घोषित होते ही विपक्ष की एकता बिखर जायेगा. दूल्हा रहेगा बारात भाग जायेगी. अभी सिर्फ बारात सजी है....