Quantcast
Channel: ARVIND SISODIA
Viewing all articles
Browse latest Browse all 2982

कांग्रेस का हिन्दू विरोधी साक्ष्य - अरविन्द सिसोदिया

$
0
0

*डालडा और नेहरू*
*आप सोच रहे होंगे*
*डालडा और नेहरू का क्या सम्बन्ध है?*
*उत्तर है, बहुत गहरा।*
🕳️🕳️🕳️🕳️🕳️🕳️🕳️🕳️
*डालडा हिन्दुस्तान लिवर का देश का पहला वनस्पति घी था*

*जिसके मालिक थे स्वतन्त्र भारत के उस समय के सबसे धनी सेठ रामकृष्ण डालमिया*

*और यह लेख आपको अवगत कराता है कि*

*नेहरू कितना दम्भी, कमीना , हिन्दू विरोधी और बदले के दुर्भाव और मनोविकार से ग्रसित इन्सान था।*

*#टाटा #बिड़ला और #डालमिया*

*ये तीन नाम बचपन से सुनते आए है।*

*मगर डालमिया घराना अब न कही व्यापार में नजर आया और न ही कहीं इसका नाम सुनाई देता है।*

*#डालमिया घराने के बारे में जानने की बहुत इच्छा थी -*

*लीजिए आप भी पढ़िए की #नेहरू के जमाने मे भी*

*१ लाख करोड़ के मालिक डालमिया को साजिशो में फंसा के #नेहरू ने कैसे बर्बाद कर दिया।*

*ये तस्वीर है राष्ट्रवादी खरबपति सेठ रामकृष्ण डालमिया की ,*

*जिसे नेहरू ने झूठे मुकदमों में फंसाकर जेल भेज दिया तथा कौड़ी-कौड़ी का मोहताज़ बना दिया।*

*वास्तव में डालमिया जी ने स्वामी करपात्री जी महाराज के साथ मिलकर गौहत्या एवम हिंदू कोड बिल पर प्रतिबंध लगाने के मुद्दे पर नेहरू से कड़ी टक्कर ले ली थी।*

*लेकिन नेहरू ने हिन्दू भावनाओं का दमन करते हुए गौहत्या पर प्रतिबंध भी नही लगाई तथा हिन्दू कोड बिल भी पास कर दिया और प्रतिशोध स्वरूप हिंदूवादी सेठ डालमिया को जेल में भी डाल दिया तथा उनके उद्योग धंधों को बर्बाद कर दिया।*

*इतिहास इस बात का साक्षी है कि*

*जिस व्यक्ति ने नेहरू के सामने सिर उठाया उसी को नेहरू ने मिट्टी में मिला दिया।*

*देशवासी प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद और सुभाष बाबू के साथ उनके निर्मम व्यवहार के बारे में वाकिफ होंगे मगर इस बात को बहुत कम लोग जानते हैं कि*

*उन्होंने अपनी ज़िद के कारण देश के उस समय के सबसे बड़े उद्योगपति सेठ रामकृष्ण डालमिया को बड़ी बेरहमी से मुकदमों में फंसाकर न केवल कई वर्षों तक जेल में सड़ा दिया*

*बल्कि उन्हें कौड़ी-कौड़ी का मोहताज कर दिया।*

*जहां तक रामकृष्ण डालमिया का संबंध है,*

*वे राजस्थान के एक कस्बा चिड़ावा में एक गरीब अग्रवाल घर में पैदा हुए थे और मामूली शिक्षा प्राप्त करने के बाद अपने मामा के पास कोलकाता चले गए थे।*

*वहां पर बुलियन मार्केट में एक salesman के रूप में उन्होंने अपने व्यापारिक जीवन का शुरुआत किया था।*

*भाग्य ने डटकर डालमिया का साथ दिया और कुछ ही वर्षों के बाद वे देश के सबसे बड़े उद्योगपति बन गए।*

*उनका औद्योगिक साम्राज्य देशभर में फैला हुआ था जिसमें समाचारपत्र, बैंक, बीमा कम्पनियां, विमान सेवाएं, सीमेंट, वस्त्र उद्योग, खाद्य पदार्थ आदि सैकड़ों उद्योग शामिल थे।*

*डालमिया सेठ के दोस्ताना रिश्ते देश के सभी बड़े-बड़े नेताओं से थी और वे उनकी खुले हाथ से आर्थिक सहायता किया करते थे।*

*इसके बाद एक घटना ने नेहरू को डालमिया का जानी दुश्मन बना दिया।*

*कहा जाता है कि डालमिया एक कट्टर सनातनी हिन्दू थे और उनके विख्यात हिन्दू संत स्वामी करपात्री जी महाराज से घनिष्ट संबंध थे।*

*करपात्री जी महाराज ने १९४८ में*

*एक राजनीतिक पार्टी*

*'राम राज्य परिषद'* स्थापित की थी।

*१९५२ के चुनाव में यह पार्टी लोकसभा में मुख्य विपक्षी दल के रूप में उभरी और उसने १८ सीटों पर विजय प्राप्त की।*

*हिन्दू कोड बिल और गोवध पर प्रतिबंध लगाने के प्रश्न पर डालमिया से नेहरू की ठन गई.*

*पंडित नेहरू हिन्दू कोड बिल पारित करवाना चाहते थे जबकि स्वामी करपात्री जी महाराज और डालमिया सेठ इसके खिलाफ थे।*

*हिन्दू कोड बिल और गोहत्या पर प्रतिबंध लगाने के लिए स्वामी करपात्रीजी महाराज ने देशव्यापी आंदोलन चलाया जिसे डालमिया जी ने डटकर आर्थिक सहायता दी।*

*नेहरू के दबाव पर लोकसभा में हिन्दू कोड बिल पारित हुआ जिसमें हिन्दू महिलाओं के लिए तलाक की व्यवस्था की गई थी।*

*कहा जाता है कि देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद हिन्दू कोड बिल के सख्त खिलाफ थे*

*इसलिए उन्होंने इसे स्वीकृति देने से इनकार कर दिया।*

*ज़िद्दी नेहरू ने इसे अपना अपमान समझा और इस विधेयक को संसद के दोनों सदनों से पुनः पारित करवाकर राष्ट्रपति के पास भिजवाया।*

*संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार राष्ट्रपति को इसकी स्वीकृति देनी पड़ी।*

*इस घटना ने नेहरू को डालमिया का जानी दुश्मन बना दिया।*

*कहा जाता है कि नेहरू ने अपने विरोधी सेठ राम कृष्ण डालमिया को निपटाने की एक योजना बनाई।*

*नेहरू के इशारे पर डालमिया के खिलाफ कंपनियों में घोटाले के आरोपों को लोकसभा में जोरदार ढंग से उछाला गया।*

*इन आरोपों के जांच के लिए एक विविन आयोग बना।*

*बाद में यह मामला स्पेशल पुलिस इस्टैब्लिसमेंट (जिसे आज सी बी आई कहा जाता है) को जांच के लिए सौंप दिया गया।*

*नेहरू ने अपनी पूरी सरकार को डालमिया के खिलाफ लगा दिया।*

*उन्हें हर सरकारी विभाग में प्रधानमंत्री के इशारे पर परेशान और प्रताड़ित करना शुरू किया।*

*उन्हें अनेक बेबुनियाद मामलों में फंसाया गया।*

*नेहरू की कोप दृष्टि ने एक लाख करोड़ के मालिक डालमिया को दिवालिया बनाकर रख दिया।*

*उन्हें टाइम्स ऑफ़ इंडिया, हिन्दुस्तान लिवर और अनेक उद्योगों को औने-पौने दामों पर बेचना पड़ा।*

*अदालत में मुकदमा चला और*

*डालमिया को तीन वर्ष कैद की सज़ा सुनाई गई।*

*तबाह हाल और अपने समय के सबसे धनवान व्यक्ति डालमिया को नेहरू की वक्र दृष्टि के कारण जेल की कालकोठरी में दिन व्यतीत करने पड़े।*

*व्यक्तिगत जीवन में डालमिया बेहद धार्मिक प्रवृत्ति के व्यक्ति थे।*

*उन्होंने अच्छे दिनों में करोड़ों रुपये धार्मिक और सामाजिक कार्यों के लिए दान में दिये।*

*इसके अतिरिक्त उन्होंने यह संकल्प भी लिया था कि जबतक इस देश में गोवध पर कानूनन प्रतिबंध नहीं लगेगा वे अन्न ग्रहण नहीं करेंगे।*

*उन्होंने इस संकल्प को अंतिम सांस तक निभाया।*

*गौवंश हत्या विरोध में १९७८ में उन्होंने अपने प्राण त्याग दिए।*

*साभार🙏*

इस पोस्ट को आप गर्व से शेयर और कॉपी करें ताकि जन जन तक ये संदेश पहुंचे और

*पोस्ट की सार्थकता सिद्ध हो।।*

*🚩वन्देमातरम 🚩*

*जय हिंद🇮🇳 जय भारत*
 
*🩸जय श्रीराम 👏*

🇮🇳🚩🇮🇳🚩🇮🇳🚩🇮🇳🚩

Viewing all articles
Browse latest Browse all 2982

Trending Articles