कविता
- अरविन्द सिसोदिया
9414180151
मोदीजी के युगपरिवर्तन से ,
सादियों कि गुलामी को भगाया है ,
कठोर परिश्रम के पुष्प चंदन से ,
राष्ट्रमंदिर को भव्य सजाया है।
मोदीजी के युगपरिवर्तन से .......!
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रामलला के अभिनन्दन से,
अभिभूत ये सारा दिव्यदर्शन है,
महा कुंभ की जगमग आभा का,
देवलोक भी करता बंदन है।
कश्मीर के नव उन्नत ललाट से,
दिव्य भारत प्रकाशमान है।
आजादी मिली कभी थी ,
पर आजादी दिखी अभी से है।
मोदीजी के युगपरिवर्तन से ......!
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अपनी जड़ों को गहरा करता भारत,
अगली पीढ़ियों को संस्कृति सौंपता भारत,
युगों युगों की अगुवाई करनेवाला भारत,
फिर गर्व से उठता भारत,
दृढ़ संकल्प और आत्मविश्वास से भरा भारत,
विश्वमंच का नेतृत्वकर्ता भारत।
स्वाभिमान से भरा भारत,
आजाद हुये कबसे थे,
पर स्वाभिमान से दिखे अब से हैँ।
मोदीजी के युगपरिवर्तन से .......!
---3---
सत्य सनातन की अगुवाई,
विश्व पूरा है भाई - भाई,
इसी भाव की ध्वजा फिरसे,
भारत नें दुनिया में लहराई,
शांति और सदभाव की अलख,
श्रद्धा विश्वास से फिर जगमगाई।
आजाद हैँ दशकों से,
पर आजादी के असली दर्शन अब से हैँ.
मोदीजी के युगपरिवर्तन से .......!
---समाप्त ----