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कविता "कोटि कोटि धन्यवाद मोदीजी,देश के उत्थान के लिए "

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यह कविता भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के प्रधानमंत्री के सफल रूप में 8 वर्ष पूर्ण होनें एवं 9 वे वर्ष प्रवेश के शुभ अवसर पर में लिखी गई है । यह कविता “कोटि कोटि धन्यवाद,धन्यवाद मोदी जी“ शीर्षक से प्रस्तुत है। मेरे द्वारा यह मोदीजी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर लिखी दूसरी कविता है। इससे पूर्व प्रधानमंत्री मोदी जी के गत वर्ष सार्वजनिक लोकसेवक के रूप में 20 वर्ष पूर्ण होनें पर प्रथम कविता लिखी थी, जिसका शीर्षक था “ युगों में युगों एक ही मोदी आता है, जो दिव्य नवभारत का निर्माता है।“ 

युगों युगों में एक ही मोदी आता है,
जो दिव्य नवभारत का निर्माता है ।
गर्व करे उस पर मां भारती,
आओ उतारें हम सब आरती ।
https://arvindsisodiakota.blogspot.com/2021/10/blog-post_0.html
युगों युगों में एक ही मोदी आता है, जो दिव्य नवभारत का निर्माता है । - अरविन्द सिसोदिया
 

 आशा है कविता पशंद आयेगी एवं इसमें कुछ संसोधन या सुझाव हों तो आप 31 मई 2022 तक प्रेषित कर सकते हैं। इसे अंतिम रूप 31 मई 2022 को दिया जायेगा।

"Thank you very much Modiji, for the upliftment of the country"
"कोटि कोटि धन्यवाद मोदीजी ,देश के उत्थान के लिए "
"koti koti dhanyavaad modeejee ,desh ke utthaan ke lie "


कविता -2

कोटि कोटि धन्यवाद मोदीजी,मोदीजी मोदीजी मोदीजी,
- अरविन्द सिसौदिया,9414180151
गूंज रहे विश्व पटल पर, मां भारती के यशोगान के लिए,
कोटि कोटि धन्यवाद
मोदीजी,देश के उत्थान के लिए !
धन्यवाद धन्यवाद मोदी जी, मोदीजी मोदीजीमोदी जी।
धन्यवाद मोदी जी, धन्यवाद मोदी जी,
कोटि कोटि धन्यवाद,धन्यवाद मोदी जी।।
....1....
मातृभूमि के महान-वैभव प्रतिष्ठान के लिए,
सत्य सनातन के देवत्व पुनरोत्थान के लिए,
भव्य आन-बान-शान और सम्मान के लिए,
दिव्यज्ञान -विज्ञान और अनुसंधान के लिए।
....2....
सैन्य सपूतों को मिल रहे नवसम्मान के लिए,
अस्त्र-शस्त्र में आधुनिकता के अधिष्ठान के लिए,
शक्ति-स्वाभिमान में समग्र-शौर्यवान के लिए,
सीमाओं पर निडरता से शत्रुओं संधान के लिए।
....3....
नव पुरूषार्थ के प्रचण्ड उदयमान के लिए,
आत्म गौरव के विराट आव्हान के लिए,
विकासपथ में महान कीर्तिमान के लिए
नवयुग निर्माण में, असीम योगदान के लिए।
....4....

महासंकटों पर कड़े प्रहार के लिए,
जन जन की अपार संभाल के लिए,
कौशल विकास में नव उत्साह के लिए,
जन मन हो रहे नवउमंग अल्हाद के लिए।
.....5.....
विश्व में भारती की जय-जयकार के लिए,
विश्व बंधुत्व के सनातन सहगान के लिए,
नवयुग के नव वैभव में,नवआनन्द के लिए
भारत के विश्वमंगल गान के लिए।

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