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केरल में गाय काटते यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ता

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केरल गोहत्या विवाद : कांग्रेस ने किया 3 कार्यकर्ताओं को सस्पेंड
नई दिल्ली : केरल राज्य में कांग्रेस कार्यकर्ताओ के द्वारा गाय काटे जाने का वीडियो वायरल होने के बाद बवाल मचा हुआ है. कल रात केरल बीजेपी अध्यक्ष राजशेखरन ने ये वीडियो अपलोड किया. राजशेखरन ने इस बारे में ट्वीट किया है कि सरेआम बीच सड़क पर यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओ ने गोवध किया. इसके बाद ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. कांग्रेस में इस मामले में पल्ला झाड़ते हुए गाय काटने वाले यूथ कांग्रेस के 3 कार्यकर्ताओं को सस्पेंड कर दिया है.

पुलिस ने बीजेपी कार्यकर्ताओं की शिकायत पर यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है. गौरतलब है कि खुद कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने इस मामले को लेकर ट्विटर पर सफाई दी है. उन्होंने कहा है कि यह एक ऐसी घटना है जिसका समर्थन कोई नहीं कर सकता.

वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा है कि कांग्रेस इस हरकत का समर्थन नहीं करती. अगर किसी ने किसी कानून का उल्लंघन किया है तो उसको कानून के अनुसार डील किया जाएगा. अभी इस चीज का कोई प्रमाण नहीं है कि गाय काटने वाले कांग्रेस के है या नहीं. अगर वो कांग्रेस के है तो भी कांग्रेस उसके समर्थन में नही है.

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केरल गोहत्या विवाद मामले में 16 कांग्रेसियों पर केस, योगी आदित्यनाथ भड़के
लखनऊ|Last Updated: सोमवार, 29 मई 2017

केरल के कन्नूर में हुए गोवध मामले में केरल पुलिस ने कांग्रेस के कार्यकर्ता रिजिल मुकुलटी सहित यूथ कांग्रेस के 16 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। इन पर कन्नूर में सरेआम गाय की हत्या का आरोप है।
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केरल में गाय काटते यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का वीडियो आया सामने, ट्विटर पर बुरी तरह घिरी पार्टी
गोवध से जुड़ा वीडियो सामने आने के बाद कांग्रेस चारों तरफ से घिरती हुई नजर आ रही हैं। सोशल साइट ट्विटर पर यूजर्स ने वीडियो सामने आने के बाद कांग्रेस पर अपनी भड़ास निकाली है।

जनसत्ता ऑनलाइन May 28, 2017

दिल्ली भाजपा प्रवक्ता तेजिंदर पाल सिंह बग्गा ने ट्विटर पर एक वीडियो शेयर किया है। वीडियो केरल का बताया जा रहा है, जिसमें कुछ लोग कथित तौर पर गोवध करते हुए नजर आ रहे हैं। वीडियो में कई लोग यूथ कांग्रेस जिंदाबाद के नारे लगाते हुए नजर आ रहे हैं। शेयर किए गए वीडिओ में एक शख्स ने कांग्रेस का झंडा भी पकड़ा हुआ है। वहीं गोवध से जुड़ा वीडियो सामने आने के बाद कांग्रेस चारों तरफ से घिरती हुई नजर आ रही हैं। सोशल साइट ट्विटर पर यूजर्स ने वीडियो सामने आने के बाद कांग्रेस पर अपनी भड़ास निकाली है। #गउ_हत्यारी_Congress भी ट्विटर पर खासा वायरल हो रहा है। ट्विटर यूजर विकास एक तस्वीर शेयर करते हुए लिखते हैं, ‘पहले कांग्रेस का चुनाव चिन्ह क्या था और अब!’ प्रदीप माहौर लिखते हैं, ‘कांग्रेस ने साबित कर दिया कि उसे 80 फीसदी भारतीयों की भावनाओं के साथ कोई सहानुभूति नहीं है।’ पुनीत शर्मा लिखते हैं, ‘कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कल केरल के कन्नूर में गाय की हत्या कर दी और मांस को बांटने तक वहीं रुके रहे।’ माहौर अन्य ट्वीट में लिखते हैं, ‘अब साफ हो चुका है कांग्रेस हिंदुओं से नफरत करती है।’ स्वेता एंचोमोन लिखती हैं कि आज कांग्रेस 1980 पहले चुनाव चिन्ह को भूल चुकी है।

आशीष मिश्रा लिखते हैं, ‘पहले इंदिरा इज इंडिया और इंडिया इज इंदिरा का नारा दिया जाता था। आज सोनिया गांधी के नेतृत्व में चल रही कांग्रेस गो हत्यारी बन चुकी है।’ आशीष मिश्रा लिखते हैं, ‘पहले इंदिरा इज इंडिया और इंडिया इज इंदिरा का नारा दिया जाता था। आज सोनिया गांधी के नेतृत्व में चल रही कांग्रेस गो हत्यारी बन चुकी है।’ वहीं गौरव लिखते हैं, ‘कांग्रेस हिंदू विरोधी पार्टी है, हिंदुओं को भी इस पार्टी को वोट नहीं देना चाहिए।’ चायवाला नाम से यूजर ट्विटर अकाउंट पर लिखते हैं, ‘कहां गया पशु प्रेमी एनजीओ। क्या अब इसका विरोध करेंगे कांग्रेस गायों की हत्या कर रही है।’

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केरल: गौहत्या पर घिरी कांग्रेस ने निकाले 3 पार्टी कार्यकर्ता, एक के खिलाफ मामला दर्ज
amarujala.com- Presented by: हर्षित गौतमUpdated Mon, 29 May 2017 

केरल में कांग्रेस कार्यकर्ता पर लगे गौहत्या के आरोप के बाद कांग्रेस बैकफुट पर नजर आ रही है। वहीं दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी इस मामले पर तेवर नरम करने के मूड में कतई नहीं है। शनिवार की रात बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष राजशेखरन ने अपने ट्विटर हैंडल से एक वीडियो ट्वीट किया। इस वीडियो में कुछ लोग गौहत्या करते हुए दिखाई दे रहे हैं। ये लोग पीएम मोदी के खिलाफ नारेबाजी भी कर रहे हैं। वीडियो में युवा कांग्रेस का झंडा भी दिखाई दे रहा है।

इस मामले पर मचे बवाल के बाद कांग्रेस ने फौरी तौर पर कार्रवाई करते हुए पार्टी के तीन कार्यकर्ताओं को निलंबित कर दिया है। इससे पहले कांग्रेस कार्यकर्ता पर लगे गौ हत्या के आरोपों के बाद कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी  ने ट्वीट करते हुए कहा कि 'ये ऐसी घटना है जिसका समर्थन कोई नहीं कर सकता'।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी भी कांग्रेस का बचाव कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि किसी ने भी अगर कानून का उल्लंघन किया है तो कांग्रेस पार्टी उसके साथ नहीं है उसे कानून के मुताबिक डील किया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि लेकिन इसके लिए वीडियो का प्रमाणित होना जरूरी है।  गाय काटने के आरोप के बाद पुलिस ने केरल के युवा कांग्रेस कार्यकर्ता रिजिल मकुलती के खिलाफ मामला दर्ज किया है।


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मवेशियों की खरीद-फरोख्त पर केंद्र ने नए नियम बनाए, मांस के लिए मवेशियों की बिक्री पर पाबंदी लगी
पर्यावरण मंत्रालय द्वारा जारी नए नियमों के अनुसार मवेशियों के खरीदारों को यह शपथपत्र देना होगा कि इनका इस्तेमाल खेती के काम में ही किया जाएगा


केंद्र सरकार ने देशभर के पशु बाजारों में हत्या के लिए मवेशियों की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है. केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने पशु क्रूरता निवारण अधिनियम-1960 के तहत नया नोटिफिकेशन जारी किया है. इसके तहत पशु बाजारों से मवेशियों की खरीद करने वालों को लिखित में यह वादा करना होगा कि इनका इस्तेमाल खेती के काम में किया जाएगा, न कि मारने के लिए. इन मवेशियों में गाय, बैल, सांड, बधिया बैल, बछड़े, बछिया, भैंस और ऊंट शामिल हैं.

नए नियमों के तहत सरकार ने मवेशियों की खरीद-बिक्री से जुड़ी कागजी कार्रवाई को भी बढ़ा दिया है. अब मवेशियों की प्रत्येक खरीद-बिक्री से पहले क्रेता और विक्रेता को अपना पहचान-पत्र और स्वामित्व का कागजी सबूत दिखाना होगा. इसके अलावा खरीदारों को बिक्री के सबूत की प्रतियों को संबंधित जिले के स्थानीय राजस्व अधिकारी, पशु चिकित्सा अधिकारी, पशु बाजार समिति और विक्रेता को देना होगा. नए नियमों के तहत यह भी शर्त जोड़ी गई है कि कोई भी खरीदार मवेशियों की छह महीने के भीतर बिक्री नहीं कर सकेगा. इसके अलावा सीमापार और दूसरे राज्यों में मवेशियों की हत्या रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय सीमा से 50 किमी और राज्यों की सीमा से 25 किमी के भीतर पशु बाजार लगाने पर भी प्रतिबंध लगाया गया है.

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक नए नियमों में मवेशियों को मारने पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया है, फिर भी यह देशभर के बूचड़खानों और मांस उद्योग को प्रभावित करेगा. 2016-17 में 26,303 करोड़ रुपये के निर्यात के साथ भारतीय मांस उद्योग का सालाना कारोबार एक लाख करोड़ रुपये होने का आकलन है. इसमें उत्तर प्रदेश सबसे आगे है, जिसके बाद आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल और तेलंगाना आते हैं. नए नियमों को लाने के पीछे केंद्र सरकार से गोहत्या पर पाबंदी लगाने की राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की मांग को प्रमुख कारण माना जा रहा है. फिलहाल पूर्वोत्तर और केरल को छोड़कर अन्य सभी राज्यों में गौहत्या पर पाबंदी है. लेकिन, दूसरे दुधारू पशुओं जैसे भैंसों को मांस के लिए मारा जाना आम है.


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नई दिल्ली (भाषा)। पशु बाजारों में वध के लिए जानवरों की खरीद बिक्री पर हालिया प्रतिबंध के बाद राज्यों और कुछ अन्य संगठनों के ज्ञापन पर केंद्र सरकार गौर कर रही है। यह बात आज केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने कही।

नायडू ने यहां संवाददाताओं से कहा कि उच्चतम न्यायालय और पशुओं पर अत्याचार रोकने तथा तस्करी सहित पशु बाजार की मिलीभगत को तोड़ने के लिए बनी संसदीय समिति की कुछ टिप्पणियों के परिप्रेक्ष्य में ये नियम अधिसूचित किए गए थे। नायडू ने कहा, ‘‘बहरहाल कुछ राज्य सरकारों और अन्य वाणिज्य संगठनों ने कुछ मुद्दे उठाए हैं। सरकार इन पर गौर कर रही है।''पिछले हफ्ते नियमों को अधिसूचित करने वाले पर्यावरण मंत्रालय को इन पर अभी तक 13 ज्ञापन मिल चुके हैं।

मंत्रालय ने कठोर पशु अत्याचार निवारण (पशु बाजारों का नियमितीकरण) नियम 2017 को अधिसूचित किया था, जिसमें वध के लिए पशु बाजार से जानवरों की खरीद-फरोख्त पर प्रतिबंध लगाया गया है। निर्णय से मांस और चमड़ा व्यवसाय तथा निर्यात प्रभावित हो सकता है।


नये नियम में राज्यों की सीमा से 25 किलोमीटर की दूरी के अंदर और अंतरराष्ट्रीय सीमा से 50 किलोमीटर के भीतर पशु बाजार लगाने पर प्रतिबंध है। इस बीच पर्यावरण मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा है कि वध के लिए पशुओं की खरीद-फरोख्त पर उन्हें कई ज्ञापन मिले हैं और उनका अध्ययन किया जा रहा है।

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मवेशी खरीद बिक्री को लेकर केंद्र की अधिसूचना पर मद्रास हाईकोर्ट ने लगाई रोक
by गाँव कनेक्शन on May 30th 2017
मद्रास। मवेशी बिक्री और पशु बाजारों के विनियमन को लेकर केंद्र सरकार के 23 मई के अधिसूचना पर सुनवाई करते हुए मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरई बेंच ने मंगलवार को इस अधिसूचना पर रोक लगा दी है। सेल्वगोमाथी और असिक इलाही बाबा द्वारा दायर जनहित याचिका पर न्यायमूर्ति एम वी मुरलीधरन और न्यायमूर्ति सीवी कार्तिकेयन के खंडपीठ ने इस आशय का अंतरिम आदेश पारित किया है।


उन्होंने कहा कि खाद्य पदार्थों का चयन व्यक्ति के अधिकार का मामला है और किसी को भी इस विषय में हुक्म देने का अधिकार नहीं होना चाहिए। बहस के दौरान केंद्र सरकार के वकील ने तर्क दिया कि अधिसूचना केवल पशु बाजारों को विनियमित करने के लिए लाई गई है। वहीं, अदालत की खंडपीठ ने इस अधिसूचना पर अंतरिम रोक लगाते हुए राज्य और केंद्र सरकार को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं, उन्हें चार सप्ताह में इस संबंध में अपने जवाब पेश करने होंगे।

आपको बता दें कि केंद्र की अधिसूचना किसानों द्वारा मवेशी बिक्री पर प्रतिबंध लगाती है और यह जनादेश जारी करती है कि इसे केवल किसानों को ही बेचा जाना चाहिए।


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