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Channel: ARVIND SISODIA
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हिन्दुओं को शोर्यवान बनना होगा

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हिन्दुओं को शोर्यवान बनना होगा...... - यह लेख कापी किया हुआ है किन्तु उपयोगी है। - ये कम्युनलिज्म... ये सेक्युलरिज्म... ये फासिज्म... ये नॉनवायलेंस... ये सारे शब्द हिंदुओं के अधिकारों का हनन करने के लिए गढ़े गए हैं - सबसे पहले तुमको बौद्ध धर्म की अहिंसा... और धर्म को कायरता के चोले में ढांक देने वाली मानसिकता ने ग्रसित किया । आज से पंद्रह सौ साल पहले जब तुम बौद्ध धर्म के प्रभाव में अहिंसक हो गए तब अफगानिस्तान से मिट गए... और आज से 70 साल पहले जब महात्मा गांधी की अहिंसा के प्रभाव में आ गए तो पाकिस्तान और बांग्लादेश से भी तुम्हारा सफाया हो गया... ये अहिंसा शब्द तुम्हें मिटाने के लिए ही गढ़ा गया है - लेकिन अब आजादी के बाद इन 70 सालों में तुमने नई मानसिक जंजीरें पहन ली हैं... ये जंजीरें कम्युनलिज्म... सेक्युलरिज्म.... नॉन वायलेंस और गांधीवाद की हैं... ये जंजीरें तुम्हें कहीं का नहीं छोड़ेंगी... कहीं ऐसा ना हो कि अफगानिस्तान का क्षेत्र... पाकिस्तान का क्षेत्र और बांग्लादेश का क्षेत्र गंवाने के बाद अब बचा हुआ शेष भारत भी तुम्हारे हाथ से निकल जाए । - इसलिए अपने आपको शस्त्रों से लैस करो... अपने आसपास अपने मित्रों से पूछो कि क्या तुम अपने घर में शस्त्र रखते हो ? अपना शस्त्रीकरण करो वरना तुम्हारे साथ वही होने वाला है जो पाकिस्तान में हुआ.... बांग्लादेश में हुआ और अब पश्चिम बंगाल में तुम्हारे भाइयों के साथ हो रहा है... जो बचा हुआ है कम से उसको संभाल लो -ये कितने दुर्भाग्य की बात है जिन्होंने तुमको अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से अपने घरों को छोड़ने को मजबूर कर दिया... वो लोग आज विक्टिम कार्ड खेल रहे हैं । दाढ़ी कट जाने पर वो लोग विक्टिम कार्ड खेलते हैं और तुम्हारे लोगों की गर्दनें पश्चिम बंगाल में काट दी जा रही हैं... और तुमको विक्टिम कार्ड भी खेलना नहीं आता है । असल में विक्टिम तुम हो क्योंकि तुम हर जगह से सिमटते जा रहे हो... विक्टिम वो लोग नहीं हैं जो पंद्रह सौ सालों से जुल्म ज्यादती और अत्याचारों के बल बूते फैलते जा रहे हैं । कम से कम विक्टिम कार्ड तो खेलना सीख लो - अपनी शौर्य पर विश्वास रखो.... अपने आपको पहचानो कि असल में तुम्हारे पूर्वज कौन थे ? आज भी मक्का में हाजी काबा के सात चक्कर लगाते हैं । ये सात संख्या इस बात का प्रतीक है कि तुम्हारी संस्कृति का प्रभाव काशी से लेकर काबा तक था.... ये वीर विक्रमादित्य का प्रताप था जिन्होंने समूचे मध्य एशिया तक अपनी धाक जमाकर लोगों को सभ्यता का पाठ सिखाया था । अपने उन महान और वीर पूर्वजों को याद करो और उनसे प्रेरणा लो । -मराठे हम लोगों में से ही थे जिनके पास काबुल के ऊंचे घोड़े नहीं थे... उन्होंने छोटे छोटे टट्टुओं और खच्चरों से समूचा हिंदुस्तान जीत लिया था । और दक्षिण भारत के कटक से लेकर पेशावर के पास मौजूद अटक तक भगवा जरी पताका लहरा दी थी । जबकि तमाम इतिहासकारों ने इस बात का जिक्र किया है कि मराठा कभी कोई लड़ाका कौम या मिलिट्री नस्ल नहीं थी लेकिन जब उनका हिंदू स्वाभिमान जागा तो उन्होंने पूरे हिंदुस्तान को मुगलों से आजाद करवा दिया (नोट- मेरे कई मित्र ऐसे हैं जिन्होंने मेरा नंबर 70117 95136 को दिलीप नाम से सेव तो कर लिया है लेकिन मिस्ड कॉल नहीं की है... जो मित्र मुझे मिस्ड कॉल भी करेंगे और मेरा नंबर भी सेव करेंगे... यानी ये दोनों काम करेंगे सिर्फ उनको ही मेरे लेख सीधे व्हाट्सएप पर मिल पाएंगे... व्हाट्सएप स्टेटस पर भी आर्टिकल के लिंक होते हैं) - सबसे बड़ा कानून क्या होता है ? सबसे बड़ा कानून ईश्वर का कानून होता है और ईश्वर कहां है ? जहां इंसान नहीं होता है वहां पर ईश्वर होता है... समंदर और जंगल में ईश्वर का कानून लागू है । और कड़वा सच ये है कि समंदर में बड़ी मछली छोटी मछली को खा जाती है और जंगल में हिंसक पशु अहिंसक पशु को दबोच लेता है । ईश्वर का कानून है सर्वाइवल ऑफ द फिटेस्ट । जो सबसे ज्यादा फिट होगा वही बचेगा... इसलिए अपनी सभ्यता को बचाने के लिए वीर बनो... रोज 100 सूर्य नमस्कार करो... अपने बच्चों को प्रेरित करो उन्हें अश्व की तरह मजबूत बनाओ... कि वो आने वाले संकटों का मुकाबला करने के योग्य बन सकें -तुम हिंदू 100 करोड़ हो... बताओ दुनिया में एक भी ऐसी कौम नहीं है... जो एक देश में एक जगह पर 100 करोड़ हो... अगर सारे हिंदू मिल जाएं तो ये दुनिया उनके भुज दंडों के सामने छोटी पड़ जाएगी... हम तो तुमसे सिर्फ अपने भारत पर अपने अधिकारों के लिए जागने के लिए कह रहे हैं... अगर तुम 5 करोड़ भी खड़े हो जाओगे तो वो कर दिखाओगे जो कोई सोच भी नहीं सकता है -इसलिए अब यही निवेदन है कि ये तुम्हारे सर्वाइवल का सवाल है... ये तुम्हारे सम्मान और स्वाभिमान का सवाल है... ये तुम्हारे हित की बात है... पौरुषवान बनो... मर्द बनो... सिर्फ शारिरिक रूप से कोई मर्द नहीं होता है... मर्द वाली मानसिकता होगी तभी मर्द कहलाओगे । धन्यवाद हर हर महादेव प्लीज शेयर इन ऑल ग्रुप्स

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