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तालिबान ने की पाकिस्तान परस्त अंतरिम सरकार की घोषणा,

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 Pakistan Secret Intelligence Agency Isi Chief Faiz Hameed Reaches Kabul  Just As Taliban Is Expected To Announce Its Government In Afghanistan -  अफगानिस्तान: तालिबान के सरकार गठन से पहले काबुल पहुंचा आईएसआई

 अफ़ग़ानिस्तानः तालिबान ने की पाकिस्तान परस्त अंतरिम सरकार की घोषणा, 

अखुंद होंगे मुखिया, 

अफगान जनता पाकिस्तान के विरोध में सडकों पर उतर आई है

 7 सितंबर 2021,मंगलवार


पाकिस्तान - चीन लगातार इस कोशिश में थे कि अफगानिस्तान में विश्व राजनीति की समझ वाला मजबूत व्यक्ति सरकार का मुखिया न बनें और इसमें वे सफल भी हो गये है। क्यों कि सरकार में विश्व राजनीति की समझ वाले बरादर को मात्र उप प्रधानमंत्री ही रखा गया है। वहीं पाकिस्तानी फेबर के हक्कानी को गृह मंत्री बनवा कर पाकिस्तान ने अफगानिस्तान की सरकार को लगभग अपनी मुट्ठि में कर लिया है। हलांकी इसका वहां विरोध भी हो भी रहा है। अफगान जनता पाकिस्तान के विरोध में सडकों पर उतर आई है। किन्तु अभी तालिबान पाकिस्तान के कब्ज में जकडा हुआ नजर आ रहा है।

तालिबान के प्रवक्ता ज़बीउल्लाह मुजाहिद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में तालिबान ने  अफ़ग़ानिस्तान में अंतरिम सरकार गठन का एलान किया और बताया कि अफ़ग़ानिस्तान अब ’इस्लामिक अमीरात’ है.

अंतरिम सरकार

मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद को अफगानिस्तान का नया प्रधानमंत्री
मुल्ला  अब्दुल गनी बरादर को उप प्रधानमंत्री
मुल्ला अब्दुल सलाम हनफी को भी उप प्रधानमंत्री
मुल्ला याकूब रक्षा मंत्री होंगे और
सिराजुद्दीन हक्कानी गृह मंत्री होंगे.
आमिर ख़ान मुत्तक़ी  विदेश मंत्री होंगे
खैरउल्लाह खैरख्वा को सूचना मंत्री
अब्दुल हकीम को  न्याय मंत्रायल
शेर अब्बास स्टानिकजई को डिप्टी विदेश मंत्री
बनाया गया है.

 
हक्क़ानी का नाम अमेरिकी एजेंसी एफ़बीआई के ’वांछित आतंकवादियों’ की लिस्ट में है. वो हक्कानी नेटवर्क के प्रमुख हैं. जिसे अमेरिका ने ’आतंकवादी संगठनों’ की लिस्ट में रखा है.

अंतरिम सरकार में रक्षा मंत्री बनाए गए याकूब तालिबान के संस्थापक मुल्ला उमर के बेटे हैं. आमिर ख़ान मुत्तक़ी को विदेश मंत्री की जिम्मेदारी दी गई है. इस सरकार में कोई महिला मंत्री नहीं है.

कौन हैं मोहम्मद हसन अखुंद?
अखुंद तालिबान के संस्थापकों में से एक हैं. अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान की पिछली सरकार (1996-2001) के दौरान वो गवर्नर और मंत्री रह चुके हैं.वो तालिबान के संस्थापक और पूर्व सुप्रीम लीडर मुल्ला उमर के सलाहकार थे.

तालिबान प्रवक्ता ज़बीहुल्लाह मुजाहिद ने बताया, “ये अस्थाई व्यवस्था सरकार का कामकाज चलाने के लिए की जा रही है.“ उन्होंने बताया, “अभी शूरा परिषद (मंत्रिमंडल) कामकाज देखेगी और फिर आगे तय किया जाएगा कि लोग इस सरकार में कैसे भागेदारी करते हैं.“

गृह मंत्री बनाए गए सिराजुद्दीन हक्कानी चरमपंथी समूह हक्कानी नेटवर्क के प्रमुख हैं. अफ़ग़ानिस्तान में दो दशक से ज़्यादा वक़्त तक चली जंग के दौरान हक्कानी नेटवर्क को कई जानलेवा हमलों के लिए जिम्मेदार बताया गया. हक्कानी नेटवर्क तालिबान का सहयोगी है.
 


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