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भाजपा की स्थापना, विकास और विस्तार

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नोट - ये मेरे व्यक्तिगत विचार हैँ, इन्हे पार्टी के न माना जाये।
- अरविन्द सिसोदिया 9414180151

भारतीय जनता पार्टी मूलरूप से उस विचार की पार्टी है जो यह कहता है कि, भारत सनातन हिन्दुओं का देश है, अनादिकाल से है और इस देश का राजनैतिक, सामाजिक और आर्थिक अग्रेसर होनें का प्रथम अधिकार सनातन हिन्दुओं को है। 

यह विचार तब से संघर्ष कर रहा है, जबसे अंग्रेज इस देश में फूट डालो राज करो की नीति से हिन्दू से हिन्दू को आपस में लड़ाया। इससे पहले भी जो हमले हुये उनमें भी विदेशी लोग हिन्दू से हिन्दू को लड़ा कर अपना राज क़ायम रखने में कामयाब होते रहे हैँ । बाद मेँ यही सब कॉंग्रेस नें किया। अभी भी यही सब किया जा रहा है।

भारत की आजादी के समय इस देश का असली स्वत्वधारी मालिक हिन्दू को ठगा गया, देश पर कई दसकों तक हिन्दुओं का बुरा करने वाली कांग्रेस नें, हिन्दुओं के बल और वोट से हीं अपना राज किया।

श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन से हिन्दुओं को समझ में आना प्रारंभ हुआ, कश्मीरी पंडितों को जब कश्मीर घाटी से खदेड़ा गया, तब कुछ समझ आया और धीरे धीरे हिन्दू ने कांग्रेस की असलियत को पहचानना प्रारंभ किया। सच यह है कि भाजपा हिन्दू में "स्व"के भाव का जागरण करने का अभियान है, जो अभी कई कई दशकों तक निरंतर चलने पर सफल होगा। अभी हम सफलता क़ी और बड़ रहे है। जरा सी चूक हमें पीछे धकेल सकती है। लाखों तरह के षड्यंत्र हिन्दू विभाजन के चल रहे हैँ, उन्हें परास्त कर, विजय क़ी और बढ़ना है।

अभी भी इस तरह के हिन्दू हैँ जो दल गत स्वार्थ के लिए हिंदुत्व के विरुद्ध वोट डालते हैँ, हिन्दुहित के विरुद्ध खडे होते हैँ। भाजपा का अभियान उस दिन पूर्ण होगा, जिस दिन हिंदुत्व के विरुद्ध एक भी हिन्दू खड़ा नहीं होगा। शतप्रतिशत हिन्दू हिंदुत्व के साथ रहें। इस तरह के जाग्रत समाज का निर्माण करने तक चरेवेती चरेवेति... चलते रहना है।  एक भी हिन्दू, हिंदुत्व के विरुद्ध न मिल पाए इस तरह का समाज निर्माण करना हीं हमारा लक्ष्य है।

वक़्फ़ बिल संसोधन पर हमनें मतदान देखा है। हिन्दू जनप्रतिनिधियों के द्वारा हिन्दू हित से दूरी रखते हुये भी देखा है। यह हिन्दू के लिए विचारणीय विषय है. इसी कमजोरी को ठीक करना है। 
भाजपा राष्ट्र प्रथम के विचार क़ी पार्टी है, जिसके भी मन में राष्ट्र भाव है वह भाजपा से ही जुड़ेगा, क्योंकि अन्य दलों में परिवार प्रथम है। एक हीं परिवार के चार पांच लोगों में से कोई पार्टी का नेतृत्व करेगा। इस तरह क़ी परंपरा हीं देश को कमजोर और खोखला करती है। इससे देश को मुक्ति दिलानी है।

ड़ा केशव बलिराम जी हेडगेवार के स्वप्न को साकार करने हेतु भाजपा का प्रत्येक कार्यकर्ता संकल्पबद्ध हो, राष्ट्र प्रथम का भाव प्रत्येक जन में हो, इस तरह का व्यापक लोक शिक्षण हो। यही भाजपा स्थापना दिवस के आयोजनों का हेतु  है। इसी पथ को साकार करना है, इसके लिए कई कई दसकों तक भाजपा को सत्ता में रखना होगा, कार्यकर्ताओं को परिश्रम करना होगा। ताकी देश उसी तरह का बन सके।


भाजपा की स्थापना, विकास और विस्तार 

भाजपा की स्थापना -

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की स्थापना 6 अप्रैल 1980 को हुई थी। यह पार्टी भारतीय जनसंघ के उत्तराधिकारी के रूप में उभरी, जिसकी स्थापना 1951 में श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने की थी। आपातकाल के बाद बनी जनता पार्टी सरकार के दौरान पार्टियों के विलय के कारण (1975-77) तक जनसंघ दल जनता पार्टी में विलीन रही। इसके बाद संघ की सदस्यता पर सोसलिस्टों नें विवाद किया तब जनसंघ से जुड़े लोगों नें जनता पार्टी से अलग होकर भारतीय जनता पार्टी का गठन किया।

जनसंघ से जुड़े नेताओं नें अपने मातृ संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े रहने और आस्था रखने की प्रतिब्धता जारी रखी, इसी एकजुटता के लिए , 1980 में जनसंघ के नेताओं ने जनता पार्टी से अलग होकर, अलग से नया दल भारतीय जनता पार्टी का गठन किया। इसके पहले रराष्ट्रीय अध्यक्ष अटल बिहारी वाजपेयी बनें।

भाजपा का विकास -
भाजपा का शुरुआती दौर संघर्षपूर्ण रहा। 1984 के आम चुनाव में पार्टी को केवल दो सीटें मिलीं। क्योंकि तब प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी की हत्या हो चुकी थी, देश में सहानुभूति की लहर थी। लेकिन इसके बाद पार्टी ने अपने जनाधार को तेजी से प्राप्त कर, मजबूती से आगे बढ़ती गईं।

1. राम जन्मभूमि आंदोलन और राजनीतिक परिदृश्य 
रामजन्मभूमि मुक्ति का आंदोलन स्थानीय स्तर पर कई कई दशकों से चल रहा था, 1984 में यह मसला विश्व हिन्दू परिषद नें अपने हाथ में लिया और बाद में इसे भारतीय जनता पार्टी नें हाथ में लिया। सोमनाथ से अयोध्या तक की रामजन्मभूमि मुक्ति यात्रा लेकर तत्कालीन भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी निकले उन्हें बिहार में गिरफ्तार करते हीं, यह मुद्दा राष्ट्रीय बन गया।

1990 के दशक में राम जन्मभूमि आंदोलन भाजपा के लिए एक महत्वपूर्ण जन क्रांति साबित हुआ। इस आंदोलन ने केंद्र में भाजपा को व्यापक जनसमर्थन वाली पार्टी के रूप में स्थापित किया।

लालकृष्ण आडवाणी की रथ यात्रा (1990) ने पार्टी को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई व जनसमर्थन स्थापित किया जौ, पार्टी का प्रगति पथ साबित हुआ। 

2. पहली बार सत्ता में आना -

1996 में भाजपा की सबसे बड़ी पार्टी उभर कर सामने आई और अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री बने, हालांकि उनकी सरकार केवल 13 दिन तक चली। इसके बाद 1998 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के नेतृत्व में भाजपा ने सरकार बनाई, जो एक साल एक महीना चली। फिर 1999 में चुनाव में पुनः एन डी ए ने पूर्ण बहुमत हासिल किया और अटलबिहारी वाजपेयी जी के नेतृत्व में स्टेबल सरकार ने पांच साल का कार्यकाल पूरा किया। 

3. 2004-2014: पुनः विपक्ष में -

2004 और 2013 के दौरान हुये दिनों आम चुनाव में भाजपा हार गईं और विपक्ष में बैठी। 

चुनाव में हारने के बाद भी भाजपा लोकप्रिय दल बनी रही। इस दौरान भाजपा नें जमीनीस्तर पर कार्य विस्तार किया। किन्तु चमत्कारिक नेतृत्व का अभाव रहा। जो 2013 में तय हुआ कि गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी होंगे।

4. 2014 से अब तक: नरेंद्र मोदी युग

सन 2014 के आम चुनाव में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की और पहलीबार भाजपा नें पूर्ण बहुमत हासिल किया। 

ऐसा पहली बार हुआ जब किसी गैर-कांग्रेसी दल ने अपने दम पर बहुमत हासिल किया। इसके बाद 2019 के चुनाव में भी बीजेपी ने बड़ी जीत हासिल की। 2024 में भाजपा स्पष्ट बहुमत से कुछ पिछड़ गईं मगर एन डी ए को पूर्ण बहुमत प्राप्त हुआ है। इस तरह से लगातार तीसरीबार भाजपा ओर प्रधानमंत्री मोदीजी नें सरकार बनाई है।

भाजपा की उपलब्धियाँ -

1- वाजपेयी जी की सरकार में -
भाजपा की सबसे बड़ी उपलब्धयों में अटलबिहारी वाजपेयी सरकार के द्वारा पोखरण परमाणु बम परीक्षण है, जिससे दुनिया भर के देशों नें भारत को गंभीरता से लेना प्रारंभ किया, वाजपेयी सरकार में हीं कारगिल युद्ध विजय भी महत्वपूर्ण उपलब्धि थी। वहीं प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, किसान क्रेडिट कार्ड योजना, फसल बीमा योजना। मोबाईल फोन क्रांति। पाकिस्तान से संबंध सुधारने बस से वाजपेयी जी का पाकिस्तान जाना।

2- मोदीजी की सरकार में 

1. आर्थिक सुधार - 
जीएसटी (वास्तु एवं सेवा कर) लागू करना : यह भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक कर सुधार माना जाता है।

मेक इन इंडिया अभियान: घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने और विदेशी निवेश आकर्षित करने की पहल।

डिजिटल इंडिया: डिजिटल टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने के लिए ई-नवीनेंस और वित्तीय समावेशन सुनिश्चित करना।

2. सामाजिक संरचना
मुफ्त अनाज योजना: गरीब परिवारों को मुफ्त में अनाज देना।

स्वच्छ भारत अभियान: साफ सफाई को प्रोत्साहन एवं शौचालयों का निर्माण 

आयुष्मान भारत योजना: दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना शुरू।

3. राष्ट्रीय सुरक्षा से कोई समझौता नहीं 
1- सर्जिकल स्ट्राइक (2016): पाकिस्तान के आतंकी केंपों पर सर्जिकल स्ट्राइक (2016) में हमला।

बालाकोट एयर स्ट्राइक (2019): आतंकवादी हमलों के जवाब में हमलावर आतंकवादियों पर हवाई हमला।

जम्मू ओर कश्मीर में सेना को फ्री हेंड देना।

4. वैश्विक स्तर पर भारत की स्थिति मजबूत करना 

अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भारत की भूमिका प्रमुख है, जैसे संयुक्त राष्ट्र, जी20 आदि।


5. संवैधानिक साहसपूर्ण निर्णय 

धारा 370: जम्मू-कश्मीर का विशेष खंड से समाप्त करते हुए इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों (जम्मू-कश्मीर और लद्दाख ) में विभाजित करना है।

तीन तलाक कानून: मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक की तरह प्राथमिक से मुक्ति दिलाना।

वक़्फ़ क़ानून को संसोधित करना 

निष्कर्ष - 

भारतीय जनता पार्टी आज भारत की सबसे प्रमुख राजनीतिक पार्टी है जो राष्ट्र प्रथम की विचारधारा पर चलती है।

वहीं समय के साथ-साथ आर्थिक विकास, सामाजिक कल्याण और राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे विषयों पर ध्यान केंद्रित करके, जनता का व्यापक समर्थन प्राप्त किया है। 

नरेंद्र मोदी युग ने भाजपा को नया दर्जा दिया है, बहुअयामी परिपक्वता दी है।जिससे यह न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी प्रभावशाली बन गई है।

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