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विवाहित महिला के 500, अविवाहित महिला 250, पुरुष 100 ग्राम सोना रख सकेंगे

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पैतृक आभूषणों, घोषित आय से खरीदे सोने पर कर नहीं

पीटीआई-भाषा संवाददाता
01 Dec 2016

नयी दिल्ली, एक दिसंबर :भाषा: सरकार ने आज कहा कि संशोधित कर कानून के तहत पैतृक आभूषण और स्वर्ण पर कोई कर नहीं लगेगा। इसके साथ ही घोषित आय या कृषि आय से खरीदे गये सोने पर भी कोई कर नहीं लगाया जाएगा।

लोकसभा ने इस सप्ताह की शुरआत में कराधान कानून :दूसरा संशोधन: विधेयक को पारित कर दिया। इसमें कर अधिकारियों द्वारा तलाशी और जब्ती के दौरान खोजी गयी अघोषित संपत्ति पर 85 प्रतिशत कर और जुर्माने का प्रावधान है।

संशोधित कानून के दायरे में आभूषणों को भी शामिल किये जाने संबंधी अफवाहों को दूर करते हुए केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड :सीबीडीटी: ने कहा कि सरकार ने आभूषण पर कर लगाने के संदर्भ में कोई नया प्रावधान नहीं जोड़ा है।

सीबीडीटी ने कहा, ‘‘घोषित आय या कृषि आय जैसी छूट प्राप्त आय अथवा उपयुक्त घरेलू बचत अथवा विरासत में मिले आभूषण या सोना जिसके बारे में आय स्रोत की जानकारी है, की खरीद पर न तो मौजूदा प्रावधान और न ही प्रस्तावित संशोधित प्रावधानों के तहत कर लगाया जाएगा।’’ विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि आयकर विभाग द्वारा तलाशी अभियान के दौरान अगर विवाहित महिला के पास 500 ग्राम, प्रत्येक अविवाहित महिला के पास 250 ग्राम तथा परिवार के प्रत्येक पुरूष के पास यदि 100 ग्राम सोना और गहने पाये जाते हैं तो उसकी जब्ती नहीं होगी। सीबीडीटी ने स्पष्ट किया है कि ‘‘किसी भी सीमा तक कानूनी रूप से वैध आभूषणों को रखने पर कोई कर नहीं लगेगा और यह पूरी तरह सुरक्षित है।’’


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गृहणी के 500 ग्राम सोने तक छूट

BY: नया इंडिया न्यूज/एजेंसी [EDITED BY : नया इंडिया टीम]  
PUBLISH DATE: DECEMBER 1ST, 2016

नई दिल्ली। सरकार ने गुरुवार को कहा कि संशोधित कर कानून के तहत पैतृक गहने और सोने पर कोई कर नहीं लगेगा। इसके साथ ही घोषित आय या कृषि आय से खरीदे गए सोने पर भी कोई कर नहीं लगाया जाएगा।
लोकसभा ने इस सप्ताह की शुरुआत में कराधान कानून (दूसरा संशोधन) विधेयक को पारित कर दिया। इसमें कर अधिकारियों की ओर से तलाशी और जब्ती के दौरान खोजी गई अघोषित संपत्ति पर 85 फीसद कर और जुर्माने का प्रावधान है।

संशोधित कानून के दायरे में गहनों को भी शामिल किए जाने संबंधी अफवाहों को दूर करते हुए केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कहा कि सरकार ने गहनों पर कर लगाने के बारे में कोई नया प्रावधान नहीं जोड़ा है। सीबीडीटी ने कहा, ‘घोषित आय या कृषि आय जैसी छूट प्राप्त आय या उपयुक्त घरेलू बचत या विरासत में मिले आभूषण या सोना जिसके बारे में आय स्रोत की जानकारी है, की खरीद पर न तो मौजूदा प्रावधान और न ही प्रस्तावित संशोधित प्रावधानों के तहत कर लगाया जाएगा।’

विभाग ने यह भी साफ किया है कि आयकर विभाग की ओर से तलाशी अभियान के दौरान अगर विवाहित महिला के पास 500 ग्राम, हरेक अविवाहित महिला के पास 250 ग्राम और परिवार के हरेक पुरुष के पास यदि 100 ग्राम सोना और गहने पाए जाते हैं तो उसकी जब्ती नहीं होगी।

सीबीडीटी ने साफ किया है कि ‘किसी भी सीमा तक कानूनी रूप से वैध आभूषणों को रखने पर कोई कर नहीं लगेगा और यह पूरी तरह सुरक्षित है।’ विधेयक फिलहाल राज्यसभा में विचाराधीन है। इसमें आयकर कानून की धारा 115 बीबीई में संशोधन का प्रस्ताव किया है जिसके तहत कालाधन रखने वालों पर 60 प्रतिशत की उंची दर से कर और उस पर 25 फीसद अधिभार (कुल 75 प्रतिशत) लगेगा।

इसमें एक और प्रावधान शामिल किया गया है जिसके तहत आयकर अधिकारी को अगल लगता है कि अघोषित आय कालाधन है, वह 10 प्रतिशत अतिरिक्त जुर्माना लगा सकता है। इस प्रकार, कुल शुल्क 85 प्रतिशत होगा।

सीबीडीटी ने कहा, ‘धारा 115 बीबीई के तहत कर की दर अघोषित आय पर ही बढ़ाने का प्रस्ताव है क्योंकि ऐसी रिपोर्ट है कि कर चूककर्ता अपनी अघोषित आय को व्यापार आय के रूप में आय रिटर्न या अन्य स्रोत से आय दिखाने की कोशिश में लगे हैं।’

उसने कहा, ‘धारा 115बीबीई के प्रावधान मुख्य रूप से उन मामलों में लागू होंगे जहां संपत्ति या नकद आदि को अघोषित नकद या संपत्ति घोषित की जाती है या इसे अप्रमाणिक व्यापार आय के रूप में छिपा कर रखा जाता है और आयकर अधिकारी इसका पता लगाता है।





कालाधन : स्विट्जरलैंड ने भारत के साथ विचार-विमर्श शुरू किया

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कालाधन : स्विट्जरलैंड ने भारत के साथ सूचना के स्वत: 
आदान-प्रदान के लिये विचार-विमर्श शुरू किया
पीटीआई-भाषा संवाददाता
01 Dec 2016

बर्न : नयी दिल्ली, एक दिसंबर :भाषा: स्विट्जरलैंड ने भारत और कुछ अन्य देशों के साथ एक जनवरी 2018 से सूचना के स्वत: आदान प्रदान :एईओआई: व्यवस्था को अमल में लाने के लिये सांविधिक विचार-विमर्श प्रक्रिया शुरू की है।

स्विस फेडरल डिपार्टमेंट आफ फाइनेंस : एफडीएफ :  ने एक बयान में कहा कि प्रक्रिया 15 मार्च 2017 तक जारी रहेगी।

बयान के मुताबिक, ‘‘इन देशों के साथ एईओआई एक जनवरी 2018 से अमल में आना चाहिए ताकि 2019 में आंकड़ा का अदान-प्रदान शुरू हो सकता है।’’ इससे पहले, भारत और स्विट्जरलैंड ने एईओआई के क्रियान्वयन के लिये 22 नवंबर को संयुक्त घोषणा पर हस्ताक्षर किये। इसके तहत दोनों देश 2018 में वैश्विक मानकों के अनुरूप आंकड़ा का संग्रह शुरू करेंगे और इसका आदान-प्रदान 2019 से करेंगे।

स्विट्जरलैंड ने आज एडोरा, अर्जेन्टीना, बारबाडोस, बरमुडा, ब्राजील, ब्रिटिश वर्जिन आईलैंड, केमैन आईलैंड, चिली, फरोए आईलैंड, ग्रीनलैंड, इस्राइल, मारीशस, मेक्सिको, मोनको, न्यूजीलैंड, सैन मैरिनो, सेशल्स, दक्षिण अफ्रीका, उरूग्वे और अन्य देशों के साथ विचार-विमर्श शुरू किया।

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कालेधन के मुद्दे पर स्विटजरलैंड का भारत के साथ गहरे सहयोग का वादा

By Prabhat Khabar | Updated Date: Jun 6 2016


जिनीवा : स्विटजरलैंड ने कालेधन के मुद्दे पर भारत को आगे बढ़कर सहयोग देने का आश्वासन दिया है. इस बारे में विस्तृत बातचीत के लिये उसने अपने एक शीर्ष अधिकारी को भारत भेजने पर सहमति जताई है. स्विटजरलैंड के बैंकों में रखे भारतीयों के कालेधन का पता लगाने के लिये भारत लगातार प्रयास करता रहा है.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्विस राष्ट्रपति जोहान श्नाइडर-अम्मान के साथ अपनी बातचीत में भारतीयों द्वारा कर चोरी और कालेधन के मुद्दे को उठाया जिसके बाद स्विस राष्ट्रपति ने भारत के साथ इस मामले में सहयोग का स्तर बढ़ाने की पेशकश की. श्नाइडर-अम्मान ने कहा कि उनकी सरकार अंतरराष्ट्रीय वित्तीय मामलों पर बातचीत को लेकर अपने एक वरिष्ठ अधिकारी को भारत भेजेगी जो कि इस मामले में सहयोग बढ़ाने की संभावनाओं का पता लगायेगा.

भारत और स्विटजरलैंड के बीच यह अहम पहल होगी क्योंकि विदेशों से कालेधन को वापस लाना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रमुख चुनावी वादों में रहा है. वर्ष 2014 में हुये लोकसभा चुनावों के दौरान विदेशों से कालेधन को वापस लाना का भाजपा ने बढ़ चढ़कर वादा किया था. मोदी ने श्नाइडर-अम्मान के साथ एक संयुक्त मीडिया सम्मेलन में कहा, ‘‘कालेधन और कर चोरी की समस्या का मुकाबला करना हमारी साझा प्राथमिकता है.

हमने कर चोरी के दोषियों को न्याय के दायरे में लाने के लिये त्वरित सूचना आदान प्रदान की जरुरत पर भी विचार विमर्श किया.''उन्होंने कहा, ‘‘सूचनाओं के स्वत: आदान प्रदान के समझौते पर बातचीत जल्द शुरू करने का मामला इस संबंध में काफी महत्वपूर्ण होगा.''मोदी आज सुबह ही यहां की संक्षिप्त यात्रा पर पहुंचे.

नकदी की बड़ी मात्रा में उपलब्धता भ्रष्टाचार का बड़ा स्रोत - पीएम नरेंद्र मोदी

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नकदी की बड़ी मात्रा में उपलब्धता भ्रष्टाचार का बड़ा स्रोत 

: पीएम नरेंद्र मोदी

भाषा की रिपोर्ट, अंतिम अपडेट: शुक्रवार दिसम्बर 2, 2016

खास बातें
01 - भ्रष्टाचार विकास की गति धीमी करता है
02 - नकदीरहित लेनदेन की ओर बदलाव करें
03 - प्रौद्योगिकी हमारे जीवन में गति और सुविधा ले कर आई

नई दिल्ली: अर्थव्यवस्था में नकदी की बहुतायत को भ्रष्टाचार और काले धन का बड़ा स्रोत बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज लोगों से ‘‘नकदी रहित लेनदेन’’ (कैशलेस ट्रांजेक्शन) की ओर बदलाव की राह पकड़ने की अपील की ताकि ऐसे मजबूत भारत की नींव रखी जा सके जहां इस तरह की समस्या के लिए कोई जगह नहीं रहे.

प्रधानमंत्री ने लिंक्डइन डॉट कॉम पर पोस्ट किए गए एक लेख में लिखा है ‘‘21वीं सदी के भारत में भ्रष्टाचार के लिए कोई जगह नहीं है. भ्रष्टाचार विकास की गति धीमी करता है और गरीबों, नव-मध्यम वर्ग तथा मध्यम वर्ग के सपनों को तोड़ देता है.’’ भ्रष्टाचार और काले धन के खात्मे के उद्देश्य से 500 रुपये और 1000 रुपये के नोट अमान्य करने के अपने आठ नवंबर के ‘‘ऐतिहासिक’’ फैसले का संदर्भ देते हुए उन्होंने कहा ‘‘अर्थव्यवस्था में बहुतायत में नकदी की उपलब्धता भ्रष्टाचार और काले धन का एक बड़ा स्रोत है.’’ इसके साथ ही मोदी ने एक बार फिर नकदीरहित लेनदेन पर जोर दिया.

प्रधानमंत्री ने कहा ‘‘मैं आप सबसे, खास कर अपने युवा मित्रों से नकदीरहित लेनदेन की ओर बदलाव करने और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करने का अनुरोध करता हूं. इससे एक ऐसे भारत की मजबूत नींव तैयार होगी जहां भ्रष्टाचार और काले धन के लिए कोई जगह नहीं होगी.’’

प्रधानमंत्री मोदी ने लेख में आगे कहा है ‘‘आज हम मोबाइल बैंकिंग और मोबाइल वालेट के दौर में रह रहे हैं। खाने का ऑर्डर देना हो, फर्नीचर खरीदना और बेचना हो, टैक्सी के लिए ऑर्डर देना हो .. यह सब कुछ तथा और भी बहुत कुछ आपके मोबाइल के माध्यम से संभव है। प्रौद्योगिकी हमारे जीवन में गति और सुविधा ले कर आई है।’’ अपने लेख के साथ मोदी ने क्रेडिट कार्ड जैसे नकदीविहीन विकल्पों के चित्र भी पोस्ट किए हैं।


उन्होंने कहा ‘‘मुझे पूरा विश्वास है कि आपमें से ज्यादातर लोग कार्ड और ई वालेट का नियमित उपयोग कर रहे हैं और मुझे लगता है कि आपके साथ उन तरीकों को साझा करना चाहिए जिनसे नकदीविहीन लेनदेन में यथासंभव वृद्धि हुई है.’’ मोदी ने कहा कि आठ नवंबर को किए गए फैसले ने भारत के आर्थिक बदलाव में केंद्रीय भूमिका रखने वाले छोटे व्यापारियों को एक ‘‘दुर्लभ अवसर’’ दिया है.

उन्होंने कहा ‘‘आज, हमारे व्यापारी समुदाय के पास खुद को अद्यतन करने तथा और अधिक प्रौद्योगिकी अपनाने का ऐतिहासिक अवसर है जो उनके लिए अधिक समृद्धि लाएगा.’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि जब उन्होंने नोटबंदी की घोषणा की, तब वह जानते थे कि भारतवासियों को असुविधा होगी लेकिन ‘‘मैंने भारतवासियों से अनुरोध किया कि दीर्घकालिक फायदे के लिए वह कुछ समय की तकलीफ को बर्दाश्त करें. मैं यह देख कर खुश हूं कि देशवासी दीर्घकालिक फायदे के लिए वह कुछ समय की तकलीफ को बर्दाश्त कर रहे हैं.’’ मोदी ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में उन्हें उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, गोवा और पंजाब के ग्रामीण तथा शहरी इलाकों का दौरा करने का अवसर मिला. ‘‘मैं जहां भी गया, मैंने लोगों से पूछा .. क्या भ्रष्टाचार और काले धन को खत्म किया जाना चाहिए? क्या गरीबों, नव-मध्यम वर्ग तथा मध्यम वर्ग को उनका हक मिलना चाहिए? हर जगह मुझे एक ही जवाब मिला और वह जवाब था ‘हां.’

भाजपा - राहुल गांधी कांग्रेस हार के अवसाद से ग्रस्त है

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नकारात्मक राजनीति का उदाहरण बन गये राहुल
हार की बौखलाहट से प्रधानमंत्री के खिलाफ दुष्प्रचार कर रहे हैं : भाजपा

Updated: Dec 2, 2016,

नयी दिल्ली, दो दिसंबर :भाषा: नोटबंदी के फैसले समेत विभिन्न मुद्दों पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर राहुल गांधी के प्रहार पर पलटवार करते हुए भाजपा ने आज कहा कि 12 लाख करोड़ रुपये का घोटाला करने वाली कांग्रेस और 5000 करोड़ रुपये के कथित धोखाधड़ी के मामले में जमानत पर चल रहे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी देश में नॉन-सीरियस और नकारात्मक राजनीति का सबसे बड़ा उदाहरण बन गए है।

भाजपा ने कहा कि कांग्रेस हार के अवसाद से ग्रस्त है और राहुल गांधी हर मोर्चे पर लगातार मिल रही असफलताओं से बौखलाहट में आकर सरकार और प्रधानमंत्री के खिलाफ दुष्प्रचार करने की घृणित राजनीति में व्यस्त है।

भाजपा के राष्ट्रीय सचिव श्रीकांत शर्मा ने कहा कि राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर अपनी छवि में कैद होने का आरोप लगाया है जबकि वास्तविकता यह है कि कांग्रेस ने इस देश को कालेधन, भ्रष्टाचार, नीतिगत पंगुता, महंगाई और सामाजिक असुरक्षा के बंधन में कैद कर रखा था, हमने तो महंगाई और भ्रष्टाचार को खत्म करने का प्रयास करके और देश की आम जनता को सामाजिक सुरक्षा कवच देकर देश को कांग्रेस की कैद से मुक्त करने का काम किया है।

कांग्रेस उपाध्यक्ष पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि राहुल गांधी खुद गुरूर और अक्षमता के शिकार हैं। अगर राहुल अक्षम नही होते तो संप्रग के शासनकाल में देश में नीतिगत पंगुता की स्थिति नहीं होती, 12 लाख करोड़ रूपये के घपले-घोटाले नहीं हुए होते, दुनिया के अंदर भारत की छवि धूमिल नहीं हो रही होती, महंगाई काबू के बाहर नहीं होती, मुद्रास्फीति अपने रिकॉर्ड स्तर पर न होती ।

शर्मा ने कहा कि हमने तो थोक एवं खुदरा महंगाई दर को चार प्रतिशत के नीचे रखने में सफलता प्राप्त की है। राहुल गांधी के गुरूर और अहंकार की पराकाष्ठा तो यह थी कि उन्होंने अपने ही सरकार के अध्यादेश को सरेआम फाड़ दिया था और उसे नॉनसेंस करार दिया था।

भाजपा नेता ने कहा कि जहा तक टीआरपी की बात है तो राहुल गांधी खुद फोटो-खिंचवाने की राजनीति के चैंपियन हैं । राहुल गांधी टीआरपी की जंग में अरविन्द केजरीवाल के साथ लड़ रहे हैं । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आने के बाद दुनियाभर में भारत की टीआरपी में भारी उछाल आया है, जहां हम पहले सॉफ्ट स्टेट के रूप में जाने जाते थे वहीं आज भारत को एक मजबूत राष्ट्र के रूप में जाना जाता है।

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राहुल गांधी पर भाजपा का पलटवार, 
कहा- हार के अवसाद से ग्रस्त राहुल


नई दिल्ली: नोटबंदी के फैसले समेत विभिन्न मुद्दों पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर राहुल गांधी के प्रहार पर पलटवार करते हुए भाजपा ने आज कहा कि 12 लाख करोड़ रुपए का घोटाला करने वाली कांग्रेस और 5000 करोड़ रुपए के कथित धोखाधड़ी के मामले में जमानत पर चल रहे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी देश में नॉन-सीरियस और नकारात्मक राजनीति का सबसे बड़ा उदाहरण बन गए है।

हार के अवसाद से ग्रस्त राहुल
भाजपा ने कहा कि कांग्रेस हार के अवसाद से ग्रस्त है और राहुल गांधी हर मोर्चे पर लगातार मिल रही असफलताआें से बौखलाहट में आकर सरकार और प्रधानमंत्री के खिलाफ दुष्प्रचार करने की घृणित राजनीति में व्यस्त है। भाजपा के राष्ट्रीय सचिव श्रीकांत शर्मा ने कहा कि राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर अपनी छवि में कैद होने का आरोप लगाया है जबकि वास्तविकता यह है कि कांग्रेस ने इस देश को कालेधन, भ्रष्टाचार, नीतिगत पंगुता, महंगाई और सामाजिक असुरक्षा के बंधन में कैद कर रखा था, हमने तो महंगाई और भ्रष्टाचार को खत्म करने का प्रयास करके और देश की आम जनता को सामाजिक सुरक्षा कवच देकर देश को कांग्रेस की कैद से मुक्त करने का काम किया है।

राहुल गांधी काे है खुद पर गुरूर
कांग्रेस उपाध्यक्ष पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि राहुल गांधी खुद गुरूर और अक्षमता के शिकार हैं। अगर राहुल अक्षम नही होते तो संप्रग के शासनकाल में देश में नीतिगत पंगुता की स्थिति नहीं होती, 12 लाख करोड़ रुपए के घपले-घोटाले नहीं हुए होते, दुनिया के अंदर भारत की छवि धूमिल नहीं हो रही होती, महंगाई काबू के बाहर नहीं होती, मुद्रास्फीति अपने रिकॉर्ड स्तर पर न होती।

फोटो-खिंचवाने की राजनीति के चैंपियन
शर्मा ने कहा कि हमने तो थोक एवं खुदरा महंगाई दर को चार प्रतिशत के नीचे रखने में सफलता प्राप्त की है। राहुल गांधी के गुरूर और अहंकार की पराकाष्ठा तो यह थी कि उन्होंने अपने ही सरकार के अध्यादेश को सरेआम फाड़ दिया था और उसे ‘नॉनसेंस’ करार दिया था। भाजपा नेता ने कहा कि जहां तक टीआरपी की बात है तो राहुल गांधी खुद फोटो-खिंचवाने की राजनीति के चैंपियन हैं। राहुल गांधी टीआरपी की जंग में अरविन्द केजरीवाल के साथ लड़ रहे हैं । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आने के बाद दुनियाभर में भारत की टीआरपी में भारी उछाल आया है, जहां हम पहले सॉफ्ट स्टेट के रूप में जाने जाते थे वहीं आज भारत को एक मजबूत राष्ट्र के रूप में जाना जाता है।

टाइम पर्सन ऑफ द ईयर के ऑनलाइन पोल में पीएम मोदी पुनः विजयी

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दूसरी बार  विजेता बने

टाइम पर्सन ऑफ द ईयर-2016 के लिए पाठकों के ऑनलाइन मतदान में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विजयी रहे हैं। इससे पूर्व भी वे 2014 में भी पाठकों के ऑनलाइन मतदान में विजयी रहे थे ! किन्तु 2014 में टाइम के संपादक मंडल ने उन्हें ईयर पर्सन नहीं बनाया था । ऑनलाइन पोल के फैसले को ही आखिरी निर्णय नहीं माना  जाता । इस लिए फैसले का इंतजार करना होगा । तथा यह भी गर्व की बात हे कि मोदी 50 लाख पाठकों के मतदान में दूसरी बार  विजेता बने हैं ।    



टाइम पर्सन ऑफ द ईयर के ऑनलाइन मतदान में मोदी अव्वल

Published: Mon, 05 Dec 2016
http://naidunia.jagran.com

न्यूयॉर्क। टाइम पर्सन ऑफ द ईयर-2016 के लिए पाठकों के ऑनलाइन मतदान में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विजयी रहे हैं।

इस ऑनलाइन चुनाव में मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा, अमेरिका के अगले राष्ट्रपति के रूप में निर्वाचित डोनाल्ड ट्रंप, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग जैसे विश्व नेताओं को पछाड़ा है। इसकी आधिकारिक घोषणा सात दिसंबर को की जाएगी।

रविवार रात को मतदान खत्म होने तक मोदी को 18 प्रतिशत मत प्राप्त हुए थे। इस तरह उन्होंने अपने करीबी प्रतिद्वंद्वियों बराक ओबामा, डोनाल्ड ट्रंप और विकिलीक्स के संस्थापक जूलियन असांजे से अच्छी खासी बढ़त हासिल कर ली थी।

इन सभी को सात प्रतिशत मत हासिल हुए हैं। जबकि फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग को दो प्रतिशत और अमेरिकी राष्ट्रपति पद के चुनाव में डेमोक्रेट प्रत्याशी रहीं हिलेरी क्लिंटन को चार प्रतिशत मत हासिल हुए हैं।

इनके अलावा एफबीआइ प्रमुख जेम्स कोमे, एप्पल के सीईओ टिम कुक, उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन और ब्रिटिश प्रधानमंत्री टेरीजा मे भी इस खिताब की दौड़ में थे। टाइम का कहना है कि पाठकों का मतदान यह बताता है कि उनकी राय में साल 2016 को आकार देने में किस हस्ती का योगदान सबसे अहम रहा है।

बता दें कि यह अमेरिकी पत्रिका हर साल एक ऐसी हस्ती को यह सम्मान प्रदान करती है जिसने "अच्छी"या "खराब"वजहों से खबरों और दुनिया को प्रभावित किया हो।

यह दूसरी बार है जब नरेंद्र मोदी ने पाठकों के ऑनलाइन मतदान के जरिये चुने जाने वाले टाइम पर्सन ऑफ द ईयर खिताब को जीता है। 2014 में उन्हें कुल 50 लाख में से 16 प्रतिशत से ज्यादा मत हासिल हुए थे।

यही नहीं, मोदी लगातार चौथी बार इस खिताब के दावेदारों में शामिल हुए हैं। पिछले साल जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल को टाइम पर्सन ऑफ द ईयर चुना गया था।

टाइम का कहना है कि 500 और 1,000 रुपये के नोट बंद करने की वजह से इन दिनों मोदी सबसे ज्यादा चर्चा में रहे हैं।

मतदान कराने वाले एपस्टर के विश्लेषण से पता चला है कि अमेरिका और दुनियाभर में लोगों की प्राथमिकताएं अलग-अलग रहीं। मोदी का प्रदर्शन भारतीयों के बीच अच्छा रहा, साथ ही कैलीफोर्निया और न्यू जर्सी से भी उन्हें अच्छे मत प्राप्त हुए हैं।
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टाइम के ऑनलाइन रीडर पोल में 'पर्सन ऑफ द ईयर'चुने गए पीएम मोदी

टीम डिजिटल/अमर उजाला, नई दिल्ली Updated Mon, 05 Dec 2016

नोटबंदी के बड़े फैसले के बाद प्रधानमंत्री मोदी बेशक विपक्षियों के निशाने पर आ गए हों लेकिन इससे उनकी ख्याति पर कोई असर नहीं पड़ा है। बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनका सम्मान और बढ़ा है, प्रतिष्ठित मैगजीन टाइम द्वारा ऑनलाइन करवाए गए रीडर पोल में प्रधानमंत्री मोदी को पर्सन ऑफ द ईयर 2016 चुना गया है।

हालांकि अंतिम घोषणा 7 दिसंबर को होगी जिसके बाद ही पता चल सकेगा कि टाइम पर्सन ऑफ द ईयर का प्रतिष्ठित अवार्ड किसे मिलेगा। इस रेस में प्रधानमंत्री मोदी अभी काफी आगे चल रहे हैं, लेकिन अंतिम विजेता की घोषणा एडिटर्स पैनल के चयन के बाद ही होती है।


खास बात ये है कि इस रेस में भारतीय प्रधानमंत्री ने हाल ही में अमेरिका के राष्‍ट्रपति निर्वाचित होकर दुनियाभर की सुर्खियां बटोरने वाले डोनाल्ड ट्रंप को भी पीछे छोड़ दिया है।

इसके अलावा वर्तमान राष्ट्रपति बराक ओबामा और विकिलीक्स के संपादक जूलियन असांजे भी इस रेस में मोदी से पिछड़ गए। अब सबकी निगाहें सात मार्च को होने वाले अंतिम चयन पर टिकी हैं जिसके बाद ही पता चल सकेगा इस साल टाइम पर्सन ऑफ द ईयर कौन होगा। पिछले साल यह पुरस्कार जर्मनी की चांसलर एंजेला मार्केल को चुना गया ‌था।

बता दें कि अमेरिका की प्रतिष्ठित टाइम मैगजीन हर साल दुनियाभर में सबसे ज्यादा चर्चा में रहने वाले और प्रभावशाली व्यक्ति के रूप में 'टाइम पर्सन ऑफ द ईयर'का चुनाव करती है। इसके लिए पत्रिका की ओर से पहले पाठकों के लिए ऑनलाइन पोल करवाया जाता है, इसी ऑनलाइन पोल में प्रधानमंत्री मोदी बीते दो सप्ताह से पहले नंबर पर जमे हुए थे।

रविवार रात 12 बजे खत्म हुई ऑनलाइन वोटिंग में वह सबसे अधिक 18 फीसदी से ज्यादा वोट लेकर पहले स्‍थान पर रहे। जबकि उनके पीछे डोनाल्ड ट्रंप, बराक ओबामा और जूलियन अंसाजे जैसे प्रतिष्ठित लोग रहे। खास बात ये है कि इन तीनों को मात्र 7 फीसदी के आसपास वोट मिले हैं।

इसके अलावा पूर्व अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन 4 और फेसबुक के संस्‍थापक मार्क जुकरबर्ग मात्र 2 फीसदी वोट पाकर उनसे भी पीछे रहे। खास बात ये है कि ब्रिटिश की प्रधानमंत्री और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी मोदी के मुकाबले इस रेस में कहीं नहीं ठहर पाए। बता दें कि यह लगातार चौथी बार है जब नरेन्द्र मोदी टाइम की इस रेस में जगह बनाने में सफल हुए हैं। ऑनलाइन पोल में विजेता बनने के बाद अब सबकी निगाहें एडिटर्स के फैसले पर टिकी हुई है, कि वो इस बार मोदी को चुनते हैं या नहीं।


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क्यों अभी पीएम नरेंद्र मोदी को 'TIME पर्सन ऑफ द ईयर'कहना गलत है...

कल्पना द्वारा लिखित, अंतिम अपडेट: सोमवार दिसम्बर 5, 2016

खास बातें
*टाइम पर्सन ऑफ द ईयर के ऑनलाइन पोल में पीएम मोदी सबसे आगे
*जरूरी नहीं कि ऑनलाइन पोल से मेल खाए पत्रिका का फैसला
*पीएम मोदी 2014 में भी इस पोल में विजयी हुए थे



हर साल की तरह इस बार भी अमेरिका की ही नहीं दुनिया की चर्चित पत्रिका 'टाइम'ने 'पर्सन ऑफ द ईयर'के लिए रीडर्स पोल (ऑनलाइन वोटिंग) करवाई जिसमें लोगों से पूछा गया कि उनके मुताबिक कौन है 'पर्सन ऑफ द ईयर'. इस वोटिंग में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम सबसे ऊपर रहा और उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप, हिलेरी क्लिंटन, बराक ओबामा, जुलयिन असांज और मार्क ज़ुकरबर्ग जैसी हस्तियों को पछाड़ कर 18 प्रतिशत वोट हासिल किए.

ट्विटर पर इस नतीजे की घोषणा के बाद पीएम मोदी के लिए कई बधाई संदेश आने लगे लेकिन इन ट्वीट्स में से कुछ ऐसे थे जो शायद मामले को पूरा नहीं समझ पाए. ट्विटर पर लिखा जा रहा है कि नरेंद्र मोदी को 'टाइम पर्सन ऑफ द ईयर'चुन लिया गया है जो कि तथ्यात्मक रूप से गलत है.

बता दें कि यह एक ऑनलाइन पोल है जो कि टाइम मैगज़ीन करवाती है यह जानने के लिए कि दुनिया इन हस्तियों को किस नज़रिए से देखती है और किसे बेहतर मानती है. अच्छी बात यह है कि मोदी को जहां इस पोल में 18 प्रतिशत वोट मिले हैं, वहीं इस पोल में पुतिन, ओबामा और ट्रंप जैसे नामों को 7 प्रतिशत वोटों से संतुष्टि करनी पड़ी. टाइम पत्रिका ने अपने ऑनलाइन संस्करण में लिखा है कि मोदी को सबसे ज्यादा वोट भारत से मिले, साथ ही कैलिफोर्निया और न्यू जर्सी से भी उनके लिए काफी वोट किए गए. लेकिन पाठकों का यह फैसला अंतिम फैसला नहीं माना जाता.

यहां गौर करने वाली बात यह है कि टाइम 1998 से यह ऑनलाइन पोल करवा रहा है जिसमें वह पाठकों से जानना चाहता है कि 'उनके हिसाब'से पर्सन ऑफ द ईयर कौन है. लेकिन साथ ही मैगज़ीन यह भी साफ करती है कि जरूरी नहीं कि पाठक जिसे इस टाइटल के लिए चुनें, उसे मैगज़ीन द्वारा भी 'पर्सन ऑफ द ईयर'चुना जाए. अगर हम पहले के फैसलों को देखें तो पाएंगे कि टाइम पत्रिका के संपादकों ने बार बार पाठकों की पसंद को दरकिनार करते हुए अंतिम फैसला कुछ और ही लिया है. 1998 में जब पहली बार यह ऑनलाइन पोल हुआ था, तब पहलवान मिक फोली को पाठकों ने 50 प्रतिशत से ज्यादा वोट दिया था लेकिन पत्रिका ने उस साल बिल क्लिंटन और केन स्टार को पर्सन ऑफ द ईयर चुना. फोली के प्रशंसक इस फैसले से नाराज़ हो गए क्योंकि वह गलती से ऑनलाइन पोल के फैसले को ही आखिरी निर्णय मान बैठे थे.


यहां दिलचस्प यह जानना भी होगा कि इस मैगज़ीन के हिसाब से 'पर्सन ऑफ द ईयर'के मायने क्या हैं. कई लोग इस शीर्षक को 'महानता'के साथ जोड़ते हुए देखते हैं लेकिन पत्रिका के मुताबिक इस टाइटल का अर्थ उस व्यक्ति, घटना या वस्तु से है जिसने उस पूरे साल की गतिविधियों पर बहुत ज्यादा असर डाला हो. यह असर अच्छा या बुरा दोनों हो सकता है, शायद इसलिए एडोल्फ हिटलर, जोसेफ स्टैलिन और अयातुल्लाह ख़ोमेनी जैसे विवादित नाम भी पर्सन ऑफ द ईयर बने हैं. हालांकि बाद में मैगज़ीन विवादित नामों से ज़रा बचने लगी. यही वजह थी कि 9/11 हमले के बाद टाइम ने पर्सन ऑफ द ईयर के लिए न्यूयॉर्क सिटी के मेयर रुडॉल्फ जुलायिनी को चुना गया. हालांकि चर्चा इस बात की भी चली थी कि पत्रिका ने अपने संपादकीय में इस बात की तरफ इशारा किया है कि दरअसल ओसामा बिन लादेन को 'पर्सन ऑफ द ईयर'हैं क्योंकि अल क़ायदा के 9/11 हमले ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया था.

चलते चलते एक बात और, जरूर नहीं कि टाइम द्वारा 'पर्सन ऑफ द ईयर'के रूप में हमेशा किसी व्यक्ति को ही नहीं चुना जाए. जैसा कि टाइम कहता है कि वह फैसला लेते वक्त यह देखता है कि इस 'पर्सन'ने इस साल दुनिया भर में कितना प्रभाव डाला है, इसलिए 1966 में इसने 'inheritor'यानि 25 साल से कम उम्र के अमरिकी युवाओं की पीढ़ी को चुना, तो 1968 में अपोलो 8 के अंतरिक्ष यात्रियों को चुना. 1982 में कम्प्यूटर को और 2006 में 'You'यानि हम सबको चुना गया जिसका प्रतिनिधित्व इंटरनेट कर रहा है.

जहां तक पीएम मोदी की बात है तो यह दूसरी बार है जब उन्होंने इस मैगज़ीन के ऑनलाइन पोल को जीता है. 2014 में भी उन्होंने यह पोल जीता था जब उन्हें 16 प्रतिशत वोट मिले थे. यह लगातार चौथा साल है जब इस पोल में पत्रिका ने पीएम मोदी को उन लोगों में से एक माना है जिसने 'खबरों और दुनिया को अच्छे या बुरे किसी भी लहज़े में प्रभावित किया है.'


जीवट की जयललिता

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जीवट की जयललिता 
- अरविन्द सिसोदिया, जिला महामंत्री भाजपा कोटा राजस्थान 9414180151 
जयललिता जीवट का नाम है, अपराजेय संघर्ष का नाम है,सम्पूर्ण समपर्ण का नाम है , जिसे कदम कदम पर स्वार्थी तत्वों ने छलनी किया मगर वह हारी नहीं उस शख्सियत का नाम है।  और सबसे महत्वपूर्ण यह कि उन्होने भूखों के लिये, गरीवों के लिये, बंचितों के लिये, पिछडों के लिये, वह सब कुछ किया जो आने वाली कई सदियों तक मिशाल रहेगा । में उन्हे शत शत नमन करता हूं।  ओर कबीर के इस दोहे को उन्हे समर्पित करता हूं -                      
]                                 कबीरा जब हम पैदा हुए, जग हँसे हम रोये | 
ऐसी करनी कर चलो, हम हँसे जग रोये ||



जयललिता
J. Jayalalithaa Biography in Hindi

http://hindi.culturalindia.net/j-jayalalitha.html

जन्म: 24 फरवरी 1948, मैसूर, भारत

कार्य क्षेत्र: पूर्व अभिनेत्री, राजनेता

जयललिता जयराम ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (अन्ना द्रमुक) की महासचिव तथा तमिलनाडु राज्य की मुख्यमंत्री हैं। वे उन कुछ ख़ास भूतपूर्व प्रतिष्ठित सुपरस्टार्स में से हैं जिन्होंने न सिर्फ सिनेमा के क्षेत्र में प्रतिष्ठा अर्जित किया बल्कि तमिलनाडु की राजनीति में भी महत्वपूर्ण रहे हैं। राजनीति में प्रवेश से पहले वे एक लोकप्रिय अभिनेत्री थीं और उन्होंने तमिल, तेलुगू, कन्नड़ फिल्मों के साथ-साथ एक हिंदी और एक अंग्रेजी फिल्म में भी काम किया है।

सन 1989 में तमिल नाडु विधानसभा में विपक्ष की नेता बनने वाली वे प्रथम महिला थीं। वर्तमान समय में तमिलनाडु की मौजूदा राजनीती में जयललिता का ठोस नियंत्रण है। सन 1991 में वे पहली बार राज्य की मुख्यमंत्री बनीं। सन 2011 में जनता ने तीसरी बार जयललिता को तमिलनाडु का मुख्यमंत्री चुना। उन्होंने राज्य में कई कल्याणकारी परियोजनाए शुरू की। अपने शुरूआती कार्यकाल में जयललिता ने जल संग्रहण परियोजना और औद्योगिक क्षेत्र के विकास की योजनाओं जैसे विकास के कार्य किए।

अपने फ़िल्मी कैरियर में उन्होंने सन 1965 से सन 1972 के दौर में ज्यादातर फिल्में एम.जी. रामचंद्रन के साथ की और सन 1982 में अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत भी एम॰जी॰ रामचंद्रन के साथ की। सन 1984 में उन्हें तमिलनाडु से राज्यसभा का सदस्य बनाया गया। सन 1987 में रामचंद्रन के निधन के बाद जयललिता ने खुद को एम.जी. रामचंद्रन का उत्तराधिकारी घोषित कर दिया।

अपने राजनैतिक जीवन में जयललिता भ्रष्टाचार के मामलों में विवादों में भी रहीं। भ्रष्टाचार के मामलों में उन्हें कोर्ट से सजा भी हो चुकी है।

प्रारंभिक जीवन
कोमलवल्ली, जिन्हें हम जयललिता के नाम से भी जानते है, का जन्म 24 फरवरी 1948 को मैसूर में वेदावल्ली और जयराम के घर हुआ था। उनके परिवार का सम्बन्ध मैसूर के राजसी  खानदान से रहा है। उनके दादाजी मैसूर दरबार में शाही चिकित्सक थे और उन्होंने अपने परिवारजनो के नाम के प्रारंभ में ‘जय’ शब्द लगाना प्रचलित किया ताकि लोगों को यह ज्ञात हो कि उनका सामाजिक सम्बन्ध मैसूर के राजा जयचमारराजेंद्र वोडेयार से है। जयललिता जब मात्र दो वर्ष की थीं तब उनके पिता का देहांत हो गया। इसके बाद वे अपनी माता और नाना-नानी के साथ रहने बंगलुरु आ गयीं। बंगलुरु में जयललिता ने कुछ साल तक बिशप कॉटन गर्ल्स स्कूल में पढाई की और फिर उनकी माता जी फिल्मो में नसीब आजमाने चेन्नई चली गयीं। चेन्नई आने के बाद उन्होंने चर्च पार्क प्रेजेंटेशन कान्वेंट और स्टेला मारिस कोलेज के शिक्षा प्राप्त की। बचपन से ही जयललिता तेजस्वी विद्यार्थी थी और वे कानून की पढाई करना चाहती थी लेकिन नसीब में कुछ और ही लिखा था। परिवार की आर्थिक परेशानियों के कारण उनकी माताजी ने उन्हें फिल्मो में काम करने का सुझाव दिया। महज 15 साल की आयु में जयललिता ने अपने आप को प्रमुख अभिनेत्री के रूप में स्थापित कर लिया।


फ़िल्मी कैरियर
जयललिता ने अपने अभिनय की शुरुआत शंकर वी गिरी की अंग्रेजी फिल्म “अपिस्टल” से की थी पर इस फिल्म से उन्हें कोई पहचान नहीं मिली। सन 1964 में जयललिता की पहली कन्नड़ फिल्म ‘चिन्नाडा गोम्बे’ प्रदर्शित हुई। इस फिल्म की विवेचको ने काफी सराहना की और जनता ने भी इसे बेहद पसंद किया। एक साल के बाद उन्होंने तमिल फिल्म ‘वेंनिरा अडाई’ में काम किया और उसके तुरंत बाद उन्होंने तेलुगु सिनेमा में भी प्रवेश किया। अगले कुछ सालों में तमिल फिल्मो में अपने प्रभावशाली अभिनय के कारण वे एक प्रतिष्ठित कलाकार बन गयीं। सिनेमा के परदे पर एम.जी. रामचंद्रन के साथ उनकी जोड़ी काफी सफल रही और दर्शको ने भी इस जोड़ी को बेहद पसंद किया। उनके फ़िल्मी सफ़र के आखिरी वर्षो में उन्होंने जयशंकर, रविचंद्रन और शिवाजी गणेशन जैसे नामी अभिनेताओ के साथ भी काम किया। सन 1968 में उन्होंने हिंदी फिल्म ‘इज्ज़त’ में काम किया जिसमें धर्मेन्द्र मुख्य अभिनेता थे। 1980 के दशक में उनका फ़िल्मी करिअर थोड़ा धीमा हो गया। उनकी आखिरी फिल्म थी ‘नाधियाई ठेडी वन्धा कदल’ जिसके बाद उन्होंने राजनीति से जुड़ने का फैसला किया।


राजनैतिक जीवन
ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (ए.आई.ए.डी.एम.के.) के संस्थापक एम्. जी. रामचंद्रन ने उन्हें प्रचार सचिव नियुक्त किया और चार वर्ष बाद सन 1984 में उन्हें राज्यसभा के लिए नामांकित किया गया। कुछ ही समय में वे ए.आई.ए.डी.एम.के. की एक सक्रिय सदस्य बन गयीं। उन्हें एम.जी.आर. का राजनैतिक साथी माना जाने लगा और प्रसार माध्यमो में भी उन्हें ए.आई.ए.डी.एम.के. के उत्तराधिकारी के रूप में दिखाया गया। जब एम.जी. रामचंद्रन मुख्यमंत्री बने तो जयललिता को पार्टी के महासचिव पद की जिम्मेदारी सौंपी गयी। उनकी मृत्यु के बाद कुछ सदस्यों ने जानकी रामचंद्रन को ए.आई.ए.डी.एम.के. का उत्तराधिकारी बनाना चाहा और इस कारण से ए.आई.ए.डी.एम.के. दो हिस्सों में बट गया। एक गुट जयललिता को समर्थन दे रहा था और दूसरा गुट जानकी रामचंद्रन को। सन 1988 में पार्टी को भारतीय संविधान की धारा 356 के तहत निष्काषित कर दिया गया। सन 1989 में ए.आई.ए.डी.एम.के. फिर से संगठित हो गया और जयललिता को पार्टी का प्रमुख बनाया गया। उसके पश्चात भ्रष्टाचार के कई आरोपों और विवादों के बावजूद जयललिता ने 1991, 2002 और 2011 में विधानसभा चुनाव जीते।

राजनैतिक जीवन के दौरान जयललिता पर सरकारी पूंजी के गबन, गैर कानूनी ढंग से भूमि अधिग्रहण और आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोप लगे हैं। उन्हें ‘आय से अधिक संपत्ति’ के एक मामले में 27 सितम्बर 2014 को सजा भी हुई और मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ा पर कर्णाटक उच्च न्यायालय ने 11 मई 2015 को बरी कर दिया जिसके बाद वे पुनः तमिलनाडु की मुख्यमंत्री बन गयीं।

पुरुस्कार

फिल्म  ‘पत्तिकादा पत्तानमा’ के लिए फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ तामिल अभिनेत्री का पुरस्कार
फिल्म ‘श्री कृष्णा सत्या’ के लिए फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ तेलुगु अभिनेत्री का पुरस्कार
फिल्म ‘सुर्यकंथी’ के लिए फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ तामिल अभिनेत्री का पुरस्कार
तमिल नाडू  सरकार की ओर से कलैममानी पुरस्कार
मद्रास विश्व विद्यालय की तरफ से साहित्य में मानद डॉक्टरेट की उपाधि
डॉ एमजीआर मेडिकल विश्व विद्यालय, तमिल नाडू ने विज्ञान में मानद डॉक्टरेट की उपाधि प्रदान की
तमिल नाडू कृषि विश्व विद्यालय ने विज्ञान में मानद डॉक्टरेट की उपाधि प्रदान की
भार्थिदासन विश्व विद्यालय ने साहित्य में डॉक्टर की उपाधि दी
डॉ आंबेडकर कानून विश्व विद्यालय ने कानून में मानद डॉक्टरेट की उपाधि दी

टाइम लाइन (जीवन घटनाक्रम)

 1948: मैसूर में २४ फरवरी को जयललिता का जन्म

1961: एपिस्टल फिल्म से फ़िल्मी करियर की शुरुआत

1964: पहली बार कन्नड़ फिल्म में पदार्पण

1965: जयललिता ने अपने तमिल फिल्म करिएर की शुरुआत की

1972: फिल्म ‘पत्तिकादा पत्तानमा’ के लिए फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार

1980: एमजीआर के द्वारा प्रचार सचिव चुनी गई

1984: राज्यसभा में नामांकन

1989: विधानसभा चुनाव में जीत

1991: पहली बार मुख्यमंत्री बनी

2002: जयललिता दूसरी बार विधान सभा चुनाव जीती

2011: विधान सभा चुनाव जीतकर तमिलनाडु की मुख्यमंत्री बनीं

2016 : निधन
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जयललिता  से सिमी ग्रेवाल का  इंटरव्यू


नई दिल्ली:
अपने राजनीतिक करियर के दौरान जयललिता बहुत कम बार किसी के सवालों से मुखातिब हुईं थी. हालांकि, सिमी ग्रेवाल उनसे ये मौका चुरा पाने में कामयाब रहीं. साल 1999 में सिमी ग्रेवाल के मशहूर टॉक शो में जयललिता ने अपनी जिंदगी उन पलों, घटनाओं और यादों को समेटा और लोगों के सामने रखा.

आइए जानें उस इंटरव्यू से मिली जयललिता की ज़िंदगी की वो यादें जो आज भी हर कोई जानना चाहेगा

सिमी: आपके चेहरे पर डर, गुस्सा और किसी भी तरह के इमोशन नजर क्यों नहीं आते? एक इंसान के चेहरे पर ऐसा ऐसा होना लाजमी है!जयललिता: जी हां बिलकुल, मैं सब की तरह एक इंसान ही हूं. मैंने भी अपनी जिंदगी में इन तमाम तहर के भावनाओं का अनुभव किया है, मगर जब आप एक लीडर होते हैं तब आपको उन इमोशन्स को कंट्रोल करना सीखना चाहिए. आपको सीखना चाहिए कि आप कैसे अपने इमोशन को लोगों के सामने जाहिर नहीं करें.सिमी: आपको क्या लगता है पॉलीटिक्स ने आपको एक ऐसा इंसान बनने पर मजबूर कर दिया?जयललिता: जी बिलकुल, मैं बिलकुल भी ऐसी नहीं थी. शुरुआती दौर में मैं बहुत शर्मीली थी. अजनबी लोगों से मिलने से डरती थी. मैं उन लोगों में खुद को शुमार करती थी जो लाइमलाइट से नफरत करते हैं.सिमी: आपका पहला क्रश कौन था?जयललिता: मैं जब छोटी थी तब क्रिकेट का टेस्ट मैच देखने जाया करती थी. उस वक्त मैं नारी कॉन्ट्रैक्टर (क्रिकेट खिलाड़ी) को पसंद करती थी. इसके बाद मुझे शम्मी कपूर पर भी बहुत ज्यादा क्रश था. मगर हमारी कभी मुलाकात नहीं हुई.सिमी: आपके पसंदीदा गाने और फिल्म कौन हैं?जयललिता: मेरी पसंदीदा फिल्म्स में शम्मी कपूर की फिल्म ‘जंगली’ है. उस फिल्म का ‘याहू…’ सॉन्ग मुझे काफी अच्छा लगता है. इसके अलावा फिल्म ‘दो आखें बारह हाथ’ का सॉन्ग ‘ऐ मालिक तेरे बंदे हम’, ‘आ जा सनम मधुर चांदनी से हम’ भी काफी पसंद है.सिमी: आपने अपनी जिंदगी में 125 से भी ज्यादा फिल्में की हैं. आज के दौर में आप उस वक्त को कैसे देखती हैं?जयललिता: मैं अपने वक्त में साउथ की नंबर 1 स्टार थी और काफी सक्सेसफुल भी थी. मगर मैंने किसी भी चीज को करने का निर्णय लिया है, फिर चाहे मैं उसे पसंद करूं या नहीं, मैं खुद को उस के लिए पूरी तरह से लगा देती हूं. इसके बावजूद भी मैं अपने फिल्मी करियर को नापंसद करती थी जिस वक्त मैं बुलंदियों पर थी.सिमी: आपकी जिंदगी तब बदल गई जब एमजीआर आपकी जिंदगी में आए. आपने उनके साथ 28 फिल्में कीं. फिर आप पॉलीटिक्स में आईं. क्या आपको उनसे प्यार हो गया था?जयललिता: मैं सोचती हूं कि उन (एमजीआर) से मिलने के बाद हर कोई प्यार करने लगेगा. वो काफी केयरिंग थे. मेरी मां के मरने के बाद उन्होंने मेरी मां की तरह मुझे संभाला. इसलिए वो मेरे लिए सबकुछ थे. मेरे मां-पिता, दोस्त, फिलॉसफर, गाइड सब कुछ थे.सिमी: आपने शादी क्यों नहीं की?जयललिता: मैं शादी करना चहती थी. लेकिन ऐसा जरूरी भी तो नहीं कि सब को हर कुछ मिल जाए. मैंने अपनी जिंदगी में बहुत से टूटते रिश्ते देखे. इसके बावजूद मुझे ऐसा कोई मिला नहीं जिस से मैं शादी कर सकूं. शादी नहीं करने का फैसला में मेरी जिंदगी का एक अहम फैसला था.


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साड़ी से लेकर नगीना तक हरे रंग का ही पहनती थीं जयललिता!


भाषा First published: December 6, 2016,

चेन्नई। उनकी आत्मा ने भले ही उनकी देह छोड़ दी, लेकिन अपने प्रिय हरे रंग से उनका नाता तब भी नहीं टूटा क्योंकि अंतिम सफर के समय भी जयललिता अपने पसंदीदा हरे रंग की साड़ी में थीं। जयललिता को हरा रंग बहुत पसंद था और वह हर महत्वपूर्ण मौके पर इस रंग का लिबास तो पहनती ही थीं, उनके आसपास की हर चीज में हरा रंग शामिल होता था।
उनकी पसंद को ध्यान में रखते हुए आज तड़के जब उनके निवास पोएस गार्डन से उनका पार्थिव शरीर राजाजी हॉल ले जाया गया तो वह एक बार फिर अपनी ट्रेडमार्क हरी साड़ी में थीं, जिसका बोर्डर लाल था। विधानसभा चुनाव में विजयी होने के बाद जब जयललिता ने छठी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली तो भी उन्होंने हरी साड़ी पहनी थी।
इसी तरह जब उन्होंने कर्नाटक उच्च न्यायालय से आय के ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति के मामले में बरी होने के उपरांत पिछले साल 23 मई को पांचवीं बार मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली, तब भी वह हरे रंग की साड़ी पहने थीं। अन्नाद्रमुक कार्यकर्ताओं के अनुसार हरा रंग जयललिता के लिए भाग्यशाली था और उन्हें बेहद पसंद था।

भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर पद से हटने के बाद जब वह सत्ता में लौटी थीं तब वह करीब आठ महीने में पहली बार सार्वजनिक रूप से सामने आने के दौरान भी वह अपने इसी पसंदीदा रंग की साड़ी पहने हुए थीं।

जब उन्होंने मद्रास विश्वविद्यालय के सेंटेनरी ऑडिटोरियम में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी तब मंच के पीछे चमकीले हरे रंग की पृष्ठभूमि थी। राज्यपाल के रोसैया ने उन्हें जो गुलदस्ता भेंट किया उसमें भी बाहरी आवरण हरे रंग का था। पिछले साल मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद उन्होंने हरे रंग की कलम से दस्तखत किए थे और उनकी अंगूठी में हरे रंग का नगीना जड़ा था।

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MGR की समाधि के पास 'अम्मा'का अंतिम संस्कार, 

मरीना बीच पर लाखों लोग उमड़े



News18India.com
First published: December 6, 2016,

चेन्नई। 74 दिन तक अस्पताल में रहने के बाद तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता का चेन्नई में निधन हो गया। सोमवार रात 11:30 बजे जयललिता ने आखिरी सांस ली। जयललिता के निधन की खबर मिलते ही उनके समर्थकों में शोक की लहर दौड़ गई। जयललिता के पार्थिव शरीर को चेन्नई के राजाजी हॉल में अंतिम दर्शन के लिए रखा गया था।
शाम 6 बजे मरीना बीच पर उनका अंतिम संस्कार किया गया। अपने करिश्माई नेता की आखिरी झलक पाने के लिए लाखों की तादाद में लोग उमड़ पड़े हैं। सुबह से ही श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लगा हुआ है। आज पीएम नरेंद्र मोदी भी जयललिता को श्रद्धांजलि देने चेन्नई पहुंचे।

- शाम छह बजे धार्मिक संस्कार पूरे होने के बाद जयललिता के पार्थिव शरीर वाले चंदन की लकड़ी से निर्मित ताबूत को पारंपरिक बंदूकों की सलामी के बीच उनके अंतिम प्रवास के स्थान में नीचे उतारा गया। इस दौरान वहां मौजूद हजारों लोग ‘अम्मा वझगा’ (अम्मा अमर रहें) के नारे लगा रहे थे।
-तमिलनाडु की दिवंगत मुख्यमंत्री जयललिता की अंतिम यात्रा के लिए आर्मी ट्रक एवं गन कैरिज वाहन पर 40 श्रमिकों ने 10 घंटे की मेहनत के बाद दो टन से अधिक फूल लगाकर इसे जनाजे के लिए तैयार किया। फूल दो तरह के थे। पहला सजावटी फूल जैसे शतावरी और गुलबहार और दूसरा, गुलाब एवं सफेद गेंदा जैसे पारंपरिक फूल।

-जयललिता की पुरानी विश्वासपात्र शशिकला नटराजन एवं अन्नाद्रमुक प्रमुख के भतीजे दीपक ने एम जी रामचंद्रन के स्मारक स्थल पर जयललिता का अंतिम संस्कार किया। इसमें फूलों की पंखुड़ियां छिड़कना और चंदन की लकड़ियां डालना शामिल था। इसके बाद ताबूत को नीचे किया गया। यह अंतिम संस्कार के आखिरी रस्मों के समापन का प्रतीक था।
-जयललिता का अंतिम संस्कार एमजीआर की समाधि के पास किया गया। शशिकला के पूरी की अंतिम संस्कार की रस्म।

-जयललिता का अंतिम संस्कार किया गया। शोक में डूबे अम्मा समर्थक। -जयललिता की करीबी शशिकला कर रहीं अंतिम संस्कार की प्रक्रिया।

-राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने चेन्नई में जयललिता को दी श्रद्धांजलि। -मरीना बीच पहुंचा जयललिता का पार्थिव शरीर। MGR की समाधि के पास राजकीय सम्मान के साथ होगा अंतिम संस्कार। -'अम्मा'को अंतिम विदाई देने के लिए चेन्नई की सड़कों पर उमड़ा जनसैलाब।

 तकनीकी दिक्कतों के चलते राष्ट्रपति को चेन्नई ले जा रहा इंडियन एयरफोर्स का विमान रास्ते से लौटा।  अब वह दोबारा विमान से चेन्नई रवाना हो रहे हैं। # पीएम नरेंद्र मोदी भी जयललिता को श्रद्धांजलि देने चेन्नई पहुंचे। राजाजी हॉल में रखा गया है जयललिता का पार्थिव शरीर। कई और नेताओं के भी आने का कार्यक्रम। # सुपरस्टार रजनीकांत ने भी राजाजी हॉल पहुंचकर जयललिता को दी श्रद्धांजलि। #  संसद में जयललिता को श्रद्धांजलि देने के बाद दोनों सदनों की कार्यवाही उनके सम्मान में दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई। दोनों ही सदनों में सदस्यों ने कुल पल मौन रखकर जयललिता को श्रद्धांजलि दी। उसके बाद उनके सम्मान में बैठक को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया। लोकसभा में सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होने पर अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने जयललिता के निधन की जानकारी दी। अध्यक्ष ने कहा कि सेल्वी जे जयललिता का निधन कल पांच दिसंबर 2016 को चेन्नई में 68 वर्ष की आयु में हो गया। जयललिता छह बार तमिलनाडु की मुख्यमंत्री रहीं और तमिलनाडु विधानसभा की सात बार विधायक रहीं। वह तमिलनाडु विधानसभा में विपक्ष की पहली महिला नेता थीं।

# सुमित्रा महाजन ने कहा- उन्होंने तमिलनाडु के लिए बहुत काम किया है। उन्होंने वहां की महिलाओँ के लिए बहुत काम किया है। वो एक ऐसी नेता रही हैं जो लोगों के दिलों में रही हैं ऐसा नेता मिलना दुर्लभ है। मैं उनको अपनी तरह से श्रद्धांजलि देती हूं।# चेन्नई- एमजीआर मेमोरियल मरीना बीच पर जयललिता के अंतिम संस्कार की तैयारियां चल रही हैं। सुरक्षा के भारी बंदोबस्त।   #जयललिता के पार्थिव शरीर को आज सुबह उनके आवास पोएस गार्डन से राजाजी हॉल ले जाया गया, जहां हजारों समर्थक अपनी ‘पुराची थलैवी अम्मा’ (क्रांतिकारी नेता अम्मा) को अंतिम विदाई देने के लिए कतार में खड़े हैं। जयललिता का पार्थिव शरीर उनकी पसंदीदा हरे रंग की साड़ी में लिपटा हुआ है। छह बार तमिलनाडु की मुख्यमंत्री रहीं जयललिता का पार्थिव शरीर शीशे के बक्से में रखा गया है। यह बक्सा राजाजी हॉल की सीढ़ियों पर रखा गया है और सेना के चार जवानों ने उसे राष्ट्रीय ध्वज से ढक दिया है। राज्य के मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम और उनके सहयोगी मंत्रिमंडलीय सहयोगियों, सांसदों, विधायकों और राज्य के वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने दिवंगत मुख्यमंत्री को सबसे पहले श्रद्धांजलि दी। #जयललिता के निधन पर तमिलनाडु में 7 दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया है। वहीं केंद्र सरकार ने भी 1 दन का शोक घोषित किया है। उत्तराखंड, कर्नाटक और बिहार सरकार ने भी एक दिन का शोक घोषित किया है। पीएम समेत तमाम दलों के नेता ने जयललिता के निधन को भारतीय राजनीति की अपूरणीय क्षति बताया। # तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता के निधन के बाद चेन्नई में जनजीवन की रफ्तार धीमी है। सुबह से शहर की सड़कें वीरान रहीं और भोजनालयों सहित दुकानें भी बंद रहीं। ऑटोरिक्शा सहित सार्वजनिक परिवहन सेवा सड़कों से नदारद रहीं, जबकि कुछ निजी वाहनों को शहर के विभिन्न हिस्सों में चलते देखा गया। पुलिसकर्मी महत्वपूर्ण स्थलों पर कड़ी निगरानी बरत रहे हैं। बीती शाम से शहर में और राज्य के अन्य कई हिस्सों में करीब करीब पूर्णत: बंद जैसी स्थिति है। शहर में हर सुबह आमतौर पर यहां चाय की दुकानों पर गहमागहमी बनी रहती है और बेहतर कारोबार होता है। आज चाय की दुकानें भी बंद हैं। कुछ जगहों पर चाय बेचने वालों को घूम घूमकर चाय बेचते देखा गया। होटल भी बंद रहे।

#आज पीएम मोदी भी जयललिता को श्रद्धांजलि देने चेन्नई पहुंचेंगे। वह दोपहर 12 बजे जयललिता को श्रद्धांजलि देंगे।  इसके अलावा दूसरे दलों के नेता भी चेन्नई पहुंचेंगे। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी चेन्नई पहुंचेंगे। बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री वेंंकैया नायडू पहले से ही चेन्नई में हैं। 22 सितंबर से थीं भर्ती -- बता दें कि 22 सितंबर को बुखार और डिहाइड्रेशन की शिकायत के बाद उन्हें अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 4 दिसंबर को दिल का दौरा पड़ने के बाद से उनकी सेहत लगातार बिगड़ती गई और आखिरकार वो जिंदगी से जंग हार गईं।

2 दिन पहले जयललिता को दिल का दौरा पड़ने के बाद से हजारों समर्थक अपोलो अस्पताल के बाहर खड़े थे। क्या महिलाएं, क्या बुजुर्ग सभी भगवान से दुआ कर रहे थे कि अम्मा हमेशा की तरह हाथ जोड़े और मुस्कराते हुए अस्पताल से बाहर निकलें, लेकिन शायद होनी को ये मंजूर नहीं था। अम्मा के निधन की खबर मिलते ही अस्पताल के बाहर नेताओं सहित हजारों लोगों की भीड़ जमा हो गई। लोग नम आंखों से अम्मा की आखिरी झलक पाने चाहते थे, जिसके चलते अस्पताल से बाहर निकलती हर गाड़ी के अंदर झांकने की कोशिश भी कर रहे थे। इस दौरान मजबूरन सुरक्षाकर्मियों को भीड़ को काबू करने के लिए लाठियां भी भांजनी पड़ी। हर सियासी दल अम्मा जैसे करिश्माई नेता को खोने के दुख से अछूता नहीं दिखा। भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने जयललिता के निधन पर दुख जताते हुए ट्वीट किया। जयललिता के निधन पर हार्दिक संवेदनाएं,  वो भारत की लोकप्रिय नेताओं में से एक थीं।

जयललिता के निधन से आहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट कर कहा कि जयललिता के निधन पर बहुत दुखी हूं।
उनके बाद भारतीय राजनीति में आए खालीपन को भरना आसान नहीं होगा।

जयललिता के निधन के बाद पूरे राज्य में शौक की लहर है। जिसके बाद तमिलनाडु में 7 दिन का राजकीय शौक का ऐलान किया गया। इसके अलावा राज्य में स्कूल-कॉलेजों में भी 3 दिन की छुट्टी घोषित की गई। यहीं नहीं बिहार और उत्तराखंड सरकार ने भी 1-1 दिन का शौक घोषित किया है।




मोबाइल फोन बैंक बन गया है : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

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तकनीक ने हमारे जीवन को सरल बनाया है 

और मोबाइल फोन बैंक बन गया है : प्रधानमंत्री

November 27, 2016

१ - एनडीए सरकार गरीबों, किसानों और वंचितों की सेवा के प्रति तत्पर है: नरेंद्र मोदी                                  
२ - केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना ने किसानों को कम ब्याज पर ज्यादा बीमा मुहैया कराया:  नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री                                                                                                                            
३ -भ्रष्टाचार और कालेधन जैसी बुराईयों ने देश को बर्बाद कर दिया है। भारत को अब इन सभी बुराईयों से मुक्ति मिलनी चाहिए: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी                                                                                                   
४ - तकनीक ने हमारे जीवन को सरल बना दिया है, मोबाइल फोन आज हमारे बैंक बन गये हैं:  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

भारत माता की... जय
भारत माता की.. जय
        महात्मा बुद्ध की महा परिनिर्माण स्थली कुशीनगर की ई पवित्र भूमि के प्रणाम करत बानी... सब काम-धाम, खेती-बारी, जोतनी-बोवनी छोड़ के रौव्वा लोगन-लोग इतनी बड़ी संख्या में यहां आईल बीड़ी... ई देखके हमार मन गदगद हो गईल बा। आप लोगन के भी प्रधान सेवक के नमस्कार..ई भगवान बुद्ध का धरती है, भगवान महावीर का ई धरती है...भारत सहित पूरी दुनिया के इहे धरती शांति, अहिंसा के उपदेश दीहलस। अस्तेर अउर क्रांति, एवं योग के ऊ नायक शिवा अवतारी महायोगी गोरखनाथ... यहि क्षेत्र के तपस्या के लिए चुनल, महान संत कबीर इहे क्षेत्र में चीरशांति पउलस, इहे भूमि पर दुनिया में सबसे पहले लोकतंत्र के जन्म भईल... गणराज्यन के ई पवित्र भूमि से प्रदेश में परिवर्तन के हुंकार फुकलें के अब समय आ गईला बा। रौव्वा लोग अब प्रदेश के विकास की खातिर भी गौठी बांधी तैयार हो जाई...
       मंच पर विराजमान श्रीमान ओम जी, प्रदेश के उत्साही..लोकप्रिय नौजवान अध्यक्ष श्री केशव प्रसाद मोर्य जी, आदरणीय कलराज मिश्र जी, श्री मनोज सिन्हा जी, अनुप्रिया पटेल जी, सांसद श्रीमान आदित्यनाथ जी, रीता बहुगणा जी, श्रीमान रमापति जी, रामेश्वर जी, सूर्यप्रताप जी, उपेंद्र शुक्ला जी, स्वामी प्रसाद मौर्य जी, हमारे यहां के सांसद श्रीमान राजेश पांडे जी, श्रीमान कामेश्वर सिंह जी, श्री राम चौहान जी, संतोषी जी, जन्मेजय सिंह जी, दारासिंह जी, विजय दुबे जी, स्वतंत्र देवसिंह जी, जयप्रकाश जी, श्री प्रताप शुक्ला जी, जयप्रकाश निषाद जी, भाई पंकज सिंह जी, महेंद्र यादव जी, श्री गंगा सिंह कुशवाहा जी, रविंद्र कुशवाहा जी और विशाल संख्या में पधारे हुए...मेरे प्यारे भाईयो और बहनों....
        मुझे एक बार फिर आप सब के बीच आने का सौभाग्य मिला है। 2014 के चुनाव में मैं उत्तर प्रदेश के काशी क्षेत्र से चुनाव लड़ रहा था। उत्तर प्रदेश के कई स्थानों में जाने का सौभाग्य मिला था, लेकिन मेरे भाईयों-बहनों... उस समय मैं खुद चुनाव लड़ रहा था... यहां कुशीनगर में भी आया था, लेकिन उस समय सभा में इससे आधे लोग भी नहीं आते थे... और माताएं-बहनें तो कभी नहीं आती थीं। आज इतनी बड़ी तादाद में माताएं-बहनें मुझे आशीर्वाद देने आए हैं... इतनी बड़ी विशाल जनसभा... मुझे आशीर्वाद देने आई है। माताएं-बहनें, भाईयों-बहनों मैं आप सब को सर झुका कर नमन करता हूं, आप का अभिनंदन करता हूं और आपने मुझ पर जो यह विश्वास जताया है, आपके आशीर्वाद से... आपके विश्वास को कभी... मैं चोट नहीं पहुंचने दूंगा, आंच नहीं आने दूंगा। भाईयों-बहनों हम सालों से सुनकर के आए हैं... कि हमारा देश कृषि प्रधान देश है।
        अगर भारत में गांव, गरीब, किसान उसके जीवन में अगर हमने बदलाव लाया होता तो हिंदुस्तान को आज जो मुसीबतें झेलनी पड़ रही हैं... ये मुसीबतें कभी झेलनी नहीं पड़ती... ये हमारा गांव ताकतवर होता... हमारा किसान ताकतवर होता तो वो हिंदुस्तान की समस्याओं को दूर करने के लिए सबसे पहले खड़ा हुआ होता और इसलिए भाईयों-बहनों आज जो दिल्ली में सरकार बैठी है, ये सरकार पूरी तरह गरीबों को समर्पित है, ये सरकार गांव को समर्पित है, ये सरकार किसानों को समर्पित है, ये सरकार दलित, पीड़ित, शोषित, वंचित... इन सभी हमारे समाज के लोगों को समर्पित है, उनका कल्याण करना चाहती है। भाईयों-बहनों यहां गन्ना का किसान कैसी-कैसी परेशानियों से गुजरा है ये कौन नहीं जानता है?
       चीनी मिलें यहां के जीवन के लिए चुनौती बन गई और राजेश जी कह रहे थे कि अगर देने वाला मजबूत है तो मांगने की ज़रुरत क्या है? भाईयों-बहनों... मैं भी आप ही के जैसा हूं, ये जमाना चला गया... जब सरकार में बैठे हुए लोग ये मानते थे कि वो देने वाले बन गए हैं हम तो सेवक हैं..सेवक, आपकी सेवा करने के लिए आए हैं आपका कष्ट...आपका कष्ट हमारा कष्ट है, आपकी कठिनाईयों को दूर करना ही हमारी जिम्मेवारी है, सेवा भाव से करना हमारी जिम्मेवारी है... भाईयों-बहनों, अगर देने वाला कोई है तो देशवासी हैं भाईयों-बहनों भाईयों-बहनों...जनता जनार्दन देने वाली होती है और आपने मुझे इतना दिया है इतना दिया है मैं तो कर्ज चुकाने आया हूं भाईयों-बहनों... कर्ज चुकाने आया हूं।
       2014-15 में गन्ना किसानों का बकाया 22 हजार करोड़ रुपया था भाईयों-बहनों 22 हजार करोड़ और लोगों को ऐसी आदत हो गई थी... भई इसके बिना ठीक है आया तो आया... नहीं आया तो नहीं आया इसी से गुजारा कर लो। लोग नाराज़गी भी व्यक्त नहीं करते थे, सिर्फ हाथ जोड़कर विनती करते रहते थे, चीनी मालिकों को कह रहे थे कि जरा भुगतान कर दो। लखनऊ में सरकार को परवाह नहीं होती थी, उसको तो लगता थी कि चुनाव आएंगे... कुछ इधर-उधर का बांट देंगे तो चल जाएगा। लोग सहने के आदि हो गए थे। जब दिल्ली में सरकार बनी उत्तर प्रदेश के लोगों ने मुझे इतना बड़ा सेवा का अवसर दिया... हमने तय किया कि गन्ना किसानों की चिंता करेंगे। भाईयों-बहनों 2014-15 के 22 हजार करोड़ बकाया था अब शायद मुश्किल से अंगुली से गिन सकेंगे इतना सा बचा होगा बाकी सारी बातें किसान के घर तक पहुंचा दी।
        मेरे पास चीनी वाले आए थे वो कह रहे थे साहेब... दाम कम हो गया है चीनी का कारखाना चलाना मुश्किल हो गया है, हमें पैकेज दे दो। मैंने कहा पैकेज लेने की आपकी आदत पुरानी है, लेकिन मोदी नया है... मुझे ये पुरानी आदत आती नहीं है, तो पहली मीटिंग में मैंने कहा जो मांगोगे देने को तैयार हूं तो बड़े खुश होकर के गए... फिर मैंने धीरे से अफसरों को भेजा और मैंने कहा जरा मुझे सूची दो कौन-कौन गन्ने किसान का कितना पैसा बकाया है... उसकी ज़रा सूची दो तो चीनी मिल के लोग ज़रा कांपने लग गए, फिर दोबारा मिलने आए। मैंने कहा पैकेज मिलेगा लेकिन कारखानें के मालिक को नहीं मिलेगा। हमें सूची दे दो... गन्ना किसान को जो बकाया है सीधा-सीधा उसके बैंक अकाउंट में जमा करेंगे, आपको बीच में नहीं आने देंगे। वो कहने लगे नहीं..नहीं साहेब पैकेज नहीं चाहिए, यहां तक कहने लग पैकेज नहीं चाहिए। भाईयों-बहनों सरकार ने फैसला किया कि गन्ना किसानों का बकाया है उसका पैकेज चीनी मालिकों को नहीं दिया जाएगा, गन्ना किसानों के खाते में जमा होगा और जिन-जिन लोगों ने बैंक का खाता खुलवाया, उसका तुरन्त फायदा उनको मिल गया, उनके खाते में सीधा पैसा जमा हो गया कोई बिचौलिया बीच में नहीं आया।
      भाईयों-बहनों चीनी मिलें... चलें... गन्ना किसानों को उनकी मेहनत का पैसा मिले, इसके लिए हमारी भरपूर कोशिश है। लेकिन इसके लिए... एक के बाद एक कदम उठाने पड़ते हैं, हमने कदम उठाया कि जब चीनी का दाम कम हो जाता है दुनिया में... तो चीनी मिलें बंद हो जाती है, चीनी मिलें बंद हो जाए तो गन्ना किसान का गन्ना कोई खरीदता नहीं है और खरीदता है तो तीन महीने, चार महीने के बाद खरीदता है और तब उसका वजन कम हो जाता है, वजन कम हो जाता है तो किसान तो घाटे में ही चला जाता है... ये खेल चलता रहता है और बेचारा किसान चुपचाप सहन करता रहता है।
     हमने तय किया कि अगर दुनिया में चीनी का दाम इधर-उधर हो गया तो हम हिंदुस्तान के चीनी के कारखानें में चीनी नहीं बनाएंगे तो इथेनॉल बनाएंगे और इथेनॉल बनाकर के पेट्रोल, डीजल, की जगह पर उसको उपयोग करेंगे... गाड़ी चलाने के लिए उसको जलाएंगे, लेकिन किसान का गन्ना नहीं जलने देंगे और चीनी मिलों को इथेनॉल बनाने के लिए मज़बूर किया, जिनके पास प्लांट नहीं थे उनको कहा है प्लांट लगाओ, चीनी का दाम गिर जाता है तो चीनी मत बनाओ इथेनॉल बनाओ और पेट्रोल की जगह पर इथेनॉल यूज करो, डीजल की जगह पर इथेनॉल यूज करो लेकिन गन्ने के किसान को मरने नहीं दिया जाएगा... ये काम हमने कर के दिखाया भाईयों-बहनों।
     सौ करोड़ लीटर... आज तक का हिंदुस्तान का रिकॉर्ड है कि भारत ने सौ करोड़ लीटर इथेनॉल बनाकर के गाड़ियों में उसका उपयोग किया। उसके कारण जो विदेशों से... तेल लाना पड़ता है उसमें हम कुछ बचत कर पाए, इधर गन्ना के किसान का भुगतान कर पाए। भाईयों-बहनों समस्याएं आती हैं लेकिन समस्याओं के रास्ते भी खोजे जा सकते हैं। ये सरकार ऐसी है कि समस्याओं को भी सामना करने के लिए हर पल तैयार रहती है... जनता-जनार्दन के साथ खड़े होकर चलती है।
       भाईयों-बहनों मैं हमेशा कहता हूं कि उत्तर प्रदेश का भला तब तक नहीं होगा जब तक उत्तर प्रदेश का पूर्वी... उत्तर प्रदेश का विकास नहीं होगा। पूर्वी उत्तर प्रदेश का विकास होना चाहिए और विकास करने के लिए रेल का काम हो... रोड का काम हो... इसके लिए भारत सरकार अरबों-खरबों रुपये लगा रही है। हमारे मनोज सिन्हा जी रेल मंत्री... दिन-रात लगे हुए हैं कि रेल में विकास उत्तर प्रदेश में कैसे हो? उत्तर प्रदेश के लोगों को कैसे लाभ मिले?  पूर्वी उत्तर प्रदेश में कोई बीमार हो जाए तो कहां जाए... कब पहुंचे... अच्छी अस्पताल नहीं, भारत सरकार ने निर्णय किया... गोरखपुर के अंदर एम्स का अस्पताल लगा देंगे और उस पूरे इलाके के भाग्य को बदलने के लिए, उनको आरोग्य की सुरक्षा देने के लिए हम काम करेंगे।
      फर्टीलाइजर का कारखाना... उसको चालू करने का हमने निर्णय किया। एक जमाना था, भईया... बहुत-बहुत... आपका प्यार सर-आंखों पर भैया, आपका प्यार सरांखों पर... अब जगह है नहीं कोई आगे आ नहीं आ पाओगे भैया। ये जन-सैलाब उमड़ पड़ा है।
          भाईयों-बहनों... हमने देखा है जब हमारे किसान को यूरिया चाहिए... यूरिया, किसान को रात-रात यूरिया लेने के लिए कतारों में खड़ा रहना पड़ता था। हड्डियां पिघल जाएं ऐसी ठंड में रात-रात भर खड़ा रहना पड़ता था, लेकिन देश में कभी किसी को इसकी पीड़ा नहीं होती थी, और जब यूरिया लेने जाता था, पुलिस आकर के लाठी चार्ज करती थी, किसान को यूरिया नहीं मिलता था। मेरे भाईयों-बहनों एक साल हो गया... आपने देखा होगा कहीं पर ग्राहक को यूरिया के लिए कतार नहीं लगानी पड़ती, कहीं पर यूरिया के लिए पुलिस को लाठी नहीं चलानी पड़ती, ये कैसे हुआ? ये जादू कैसे आया?
       भाईयों-बहनों रातों-रात, रातों-रात... कोई यूरिया का कारखाना तो नहीं लग गया था, लेकिन क्यों नहीं मिलता था युरिया...? यूरिया की पैदावर नहीं थी क्या...? यूरिया की पैदावर थी... यूरिया के कारखाने चलते थे... किसान को सब्सिडी भी मिलती थी लेकिन यूरिया किसान के खेत में नहीं जाता था... कैमिकल के कारखाने में चोर रास्ते से चला जाता था... और कैमिकल वालों को सस्ते में यूरिया मिल जाता था। उसमें से वो अपनी और चीजें बनाकर के बाजार में बेचते थे।
        फर्टीलाइजर... फसल के लिए हुआ करता था, फर्टीलाइजर यूरिया उद्योगपतियों की भलाई के उपयोग में आता था। हमने आकर के उसकी दवाई की, बड़ा अच्छा ऊपाय ढूंढ करके निकाला। हमने कहा कि हम यूरिया का नीमकोटिंग कर देंगे, जो नीम का पेड़ होता है नीम की जो फली होती है, उसका तेल यूरिया पर लगा देंगे, उससे... जो धरती माता है, उसको भी अच्छा खुराक मिल जाएगा, और एक बार अगर यूरिया पर नीमकोटिंग हो गया... तो किसी भी कैमिकल के लिए वो यूरिया बेकार हो गया, और इसलिए अब 100 ग्राम यूरिया भी कैमिकल के कारखाने में नहीं जाता है। जितना यूरिया पैदा होता है किसान के खेत में जाता है, बताइए भाईयों-बहनों... चोरी बंद हुई कि नहीं हुई? बेईमानी बंद हुई कि नहीं हुई? काला बाजारी बंद हुई कि नहीं हुई? किसान को यूरिया मिला कि नहीं मिला? भाईयों-बहनों...क्या इसका ज्ञान पहले नहीं था क्या? पहले की सरकारों को भी इसका ज्ञान था, कागज पर सब लिखा हुआ है, लेकिन किसान से ज्यादा... उनको कारखानें वालों की चिंता थी। और इसलिए कभी भी उन्होंने यूरिया की इस प्रकार चिंता नहीं की, हमने शत प्रतिशत यूरिया नीमकोटिंग कर दिया। उसके कारण आज किसान को यूरिया मिल रहा है।
       भाईयों-बहनों... हमने किसान के लिए सॉइल हेल्थ कार्ड बनाया। आज आप देखते होंगे... जब हम बीमार हो जाते हैं, बीमार हो जाते हैं तो हम लोग ब्लड टेस्ट कराते हैं, पेशाब की जांच करवाने के लिए डॉक्टर कहता है, उसका जब तक रिपोर्ट नहीं आता है डॉक्टर दवाई नहीं देता है। वो कहता है पहले पैथोलॉजिकल जांच करवा के लाइए, बल्ड टेस्ट का रिपोर्ट लाइए, युरीन टेस्ट का रिपोर्ट लाइए उसके बाद वो दवाई करता है। भाईयों-बहनों जैसा शरीर का स्वभाव है, वैसा ही हमारी धरती माता का भी है, धरती माता में भी बीमारियां होती हैं, धरती माता में भी ताकत होती हैं, अच्छाईयां होती हैं और इसलिए जैसे हमारे शरीर में ब्लड की जांच हो सकती है, हमारे खून की जांच हो सकती है, हमारे पेशाब की जांच हो सकती है, वैसे ये धरती मां के अंदर क्या..क्या अच्छाईयां हैं... कमियां हैं..., उसकी जांच हो सकती है।
         और इसलिए हमने ये धरती मां की जांच करने की लेबोरेटरी बनाना, अपनी ज़मीन, खेत की ज़मीन का टेस्टिंग कराना और फिर रिपोर्ट आती है कि आपके जमीन में ये दवाई डालनी चाहिए... ये नहीं डालनी चाहिए... ये खाद डालनी चाहिए... ये नहीं डालनी चाहिए... ये फसल उगानी चाहिए... ये फसल नहीं उगानी चाहिए और उसके कारण किसान के जो पैसे बर्बाद होते थे, वरना किसान क्या करता था? अगर पड़ोसी ने लाल डिब्बे वाली दवाई डाल दी तो ये भी लाल डिब्बे वाली दवाई डाल देता था। पड़ोसी ने काले डिब्बे वाला पाउडर डाल दिया तो ये भी काले डिब्बे वाला पाउडर डाल देता था। और उसके कारण किसान को बहुत नुकसान होता था। भाईयों-बहनों... हमने सॉइल हेल्थ कार्ड लगाकर के... किसान को उसकी धरती माता की रक्षा कैसै हो?, उस धरती माता में से ज्यादा से ज्याद उपज कैसे मिले? उसके लिए रास्ता खोल दिया औऱ जो आने वाले दिनों में किसान का भला करने वाला है।
      भाईयों-बहनों... हमारा किसान कितनी ही मेहनत करे लेकिन, हमारा किसान कितनी ही मेहनत करे लेकिन, लेकिन जब प्राकृतिक आपदा आ जाए तो उसकी सारी मेहनत मिट्टी में मिल जाती है, पानी में बह जाती है, किसान बर्बाद हो जाता है। अधिक बारिश आ जाए तो भी किसान दुखी, कम बारिश आ जाए तो भी किसान दुखी, नदियों में ज्यादा पानी आ जाए तो भी किसान दुखी, ज्यादा फसल हो जाए तो भी किसान दुखी, कम फसल हो जाए तो भी किसान दुखी, इस किसान की रक्षा कैसे करेंगे?
         भाईयों-बहनों और इसलिए हम प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना हम लाए हैं, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और उसमें किसान को बहुत कम पैसा देना है, बहुत कम देना है, भारत सरकार पैसे देगी और आपके फसल को कोई भी प्राकृतिक नुकसान होगा तो उस किसान को बीमा योजना से पूरा का पूरा पैसा मिलेगा... भाईयों-बहनों। इतना ही नहीं आपने तय किया हो कि जून महीने में बुवाई करनी है, लेकिन बारिश नहीं आई, आपने सोचा जुलाई में करेंगे फिर भी बारिश नहीं आई, आपने सोचा अगस्त में करेंगे फिर भी बारिश नहीं आई। पानी ही नहीं आया तो बुवाई कहां करोगे?  और बुवाई नहीं की तो फसल कहां होगी?, और फसल नहीं होगी तो फसल बर्बाद भी कैसे होगी? तो ऐसी स्थिति में किसान क्या करेगा? जिसकी बुवाई नहीं हुई तो उसको तो फसल नहीं आनी है तो फसल बीमा लगना नहीं है। पहली बार इस देश में दिल्ली में ऐसी सरकार बैठी है, इसमें ऐसा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लाए है कि प्राकृतिक आपदा के कारण अगर बुवाई नहीं हुई तो भी उसका हिसाब लगाकर उसको मिनिमम बीमा का पैसा दिया जाएगा।

भाईयों-बहनों कभी हमारा किसान... अच्छी फसल हो... खुशी मना रहा हो... खेत में फसल काट कर खलिहान में बड़ा ढेर किया है.... अपनी किसानी पैदावर का, अब वो इंतजार कर रहा है कि कोई ट्रैक्टर मिल जाए और ट्रैक्टर में समान रखकर बाजार में मंडी में जाकर के बेच कर के आ जाऊंगा। अब उसको ट्रैक्टर आने में देर हो गई दो-चार दिन, पांच दिन, ट्रक आने में देर हो गई, मंडी सामान पहुंचाने में मुश्किल हो गया और अचानक... अचानक बारिश आ गई, सारी फसल तैयार है खेत में ढेर पड़ा है, फसल का बीमा कहां से मिलेगा क्योंकि सब पूरा हो गया था। ये दिल्ली में ऐसी सरकार है, जो किसानों की चिंता करने वाली सरकार है। हमने प्रधानमंत्री फसल बीमा में योजना बनाईं कि फसल की कटाई के बाद जो फसल का ढेर है, अगर 15 दिन के भीतर-भीतर कोई प्राकृतिक आपदा आ गई और किसान का नुकसान हो गया तो उसका बीमा भी मिलेगा भाईयों-बहनों।
        आप मुझे बताईए भाईयों कि बुवाई से लेकर कटाई तक हर परिस्थिति में बीमा देने की ताकत ये दिल्ली में बैठी सरकार लेकर आई है, लेकिन मैं दिल्ली की सरकार को कहना चाहता हूं कि अगर अब झगड़े शांत हो गये हो, आपके पास समय हो, यहां के गरीबों की चिंता करने की फुर्सत हो, किसानों की चिंता करने की फुर्सत हो तो ये उत्तर प्रदेश सरकार ये प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना उत्तर प्रदेश में लागू करवाए। यहां के किसानों को जरा लाभ मिले, खर्चा दिल्ली सरकार करने को तैयार है, काम करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार कुछ करे। मुझे नहीं लगता है कर पाएंगे। उनको इसमें इंटरेस्ट ही नहीं है भाईयों, समस्याओं का समाधान करने में इंटरेस्ट नहीं है।
          भाईयों-बहनों आप बताइए कि यहां हमारी गंडक नहर... कितनी लंबी गंडक नहर है, लेकिन उसकी तलहटी में सारी मिट्टी भरी पड़ी है और उसके कारण पानी की संग्रह क्षमता कम हो गई है और केनाल के आखरी में पानी पहुंचता ही नहीं है। पानी दिखता है फिर भी किसान का खेत सूखा है। भाईयों-बहनों हम कह-कह कर थक गए इन सरकारों को... उत्तर प्रदेश सरकार को कह-कह कर थक गए कि मनरेगा के पैसे हम दे रहे हैं आप मनरेगा से इस गंडक की नहर जो है... उसको जरा मिट्टी निकलवाइए ताकि पानी मेरे किसानों को पहुंचे, उनको ये करने की भी फुर्सत नहीं है।
     आप मुझे बताईए भाईयों क्या ये कूड़ा-कचरा निकालना कोई राजनीति है क्या? राजनीति है क्या? ये कूड़ा-कचरा निकालोगे तो किसानों का भला होगा कि नहीं होगा? अगर नहर साफ होगी तो किसानों का भला होगा कि नहीं होगा? लेकिन भाईयों-बहनों ये ऐसे राजनीतिक प्रकृति के लोग हैं कि उनको कूड़ा-कचरा निकालना ही नहीं है। उनको सब जगह पर कूड़े-कचरे में ही मजा आता है।
     अभी पिछले दिनों हमने एक निर्णय किया भ्रष्टाचार के खिलाफ... काले धन के खिलाफ... 500 और 1000 के नोट बंद कर दिए। आप मुझे बताइए मेरे भाईयों-बहनों... ये भ्रष्टाचार ने देश को बर्बाद किया है कि नहीं किया है? ये काले धन ने बर्बादी लाई है कि नहीं लाई है? ये देश को भ्रष्टाचार से मुक्त कराना चाहिए कि नहीं कराना चाहिए? इस देश को काले धन से मुक्त कराना चाहिए कि नहीं कराना चाहिए? किसी ने तो कदम उठाना चाहिए कि नहीं उठाना चाहिए? भाईयों-बहनों बीमारी के कारण, जब बीमारी दूर करने के लिए दवाईयां देते हैं तो थोड़ी तकलीफ तो होती है कि नहीं होती है?
     आज मैं देश का आभार व्यक्त करने आया हूं। भगवान बुद्ध की इस धरती से मैं देशवासियों का आभार व्यक्त करता हूं, क्योंकि यही तो महापुरुष थे, जिन्होंने हमें संयम का मार्ग सिखाया है, यही तो महापुरुष हैं, यही तो महात्मा गांधी की धरती है जिसने हमें ट्रस्टिसशिप का सिद्धांत सिखाया है। भाईयों-बहनों दूसरों का लूट कर के जमा करने वाले लोग... क्या कभी किसी का भला करेंगे?  हक का पैसा हरेक को मिलना चाहिए लेकिन लूट का पैसा मिलना चाहिए क्या? ये सरकारी खजाने में जमा होना चाहिए कि नहीं होना चाहिए? और इसलिए भाईयों-बहनों सरकार ने 8 तारीख को निर्णय किया है और मैंने देश से 50 दिन मांगे हैं 50 दिन... पहले दिन से मैंने कहा है कि तकलीफ होगी... जो बड़े-बड़े हैं उनको बड़ी-बड़ी तकलीफ होगी लेकिन छोटे लोगों को छोटी-छोटी तकलीफ तो होगी।
    मेरे भाईयों-बहनों ये देश की जनता को मैं नमन करता हूं, ये लोकतंत्र की ताकत देखिए, कल चीन के अखबारों में लिखा है कि लोकतंत्र में कोई ऐसा फैसला लेने की हिम्मत नहीं कर सकता है, अरे उन्हें मालूम नहीं है कि भारत की जनता की रग-रग में ऐसा लोकतंत्र है, जो औरों की भलाई सोचता है, अपनी भलाई बाद में सोचता है। और इसलिए जनता-जनार्दन के आशीर्वाद के कारण ऐसा कठोर फैसला करने का साहस होता है।
     मैं इस बात से सहमत हूं। मैंने पहले ही दिन से कहा है कि ये निर्णय सरल नहीं है, उसको लागू करना भी सरल नहीं है। 8 तारीख को हीं मैंने कहा था कि 50 दिन तकलीफ रहने वाली है अभी तो मेरे प्यारे भाईयों-बहनों 20 दिन ही हुआ है, अभी 30 दिन बाकी है। सरकार पूरी तरह आपकी समस्याओं का समाधान करने के लिए लगी हुई है और देशवासियों ने तकलीफ झेल करके भी मेरा साथ दिया है, इसके लिए मैं देशवासियों का जितना आभार व्यक्त करुं, उतना कम है। भाईयों-बहनों ये बात सही है लोग ऐसा समझाते हैं कि हमारे पास नोटें नहीं है तो हम क्या करें...
     भाईयों-बहनों आप लोग अपना मोबाइल फोन रिचार्ज कराना जानते हैं कि नहीं जानते हैं, क्या किसी स्कूल में पढ़ने के लिए गए थे? नहीं गए थे न...? आ गया कि नहीं आ गया? आपको मोबाईल फोन रिचार्ज कैसे करना है? आ गया कि नहीं आ गया? कितने पैसे भरना? कैसे भरना? कहां भरना? सब आया कि नहीं आया...? कोई सिखाने आया था...? नहीं आया था।
      भाईयों-बहनों आप whatsApp  करते हैं whatsApp.... यूं-यूं करते हैं चला जाता है कोई सिखाने आया था...? कोई पढ़ाने आया था? किसी स्कूल में सीखने गए थे? आपको आया कि नहीं आया? आज भाईयों-बहनो टैक्नोलॉजी इतनी सरल है कि यहां आप लोग फोटो निकालते हैं और यहीं से अपने दोस्तो को फोटो भेज रहे हैं... भेज रहे हो न... मैं देख रहा हूं सब लोग फोटो निकाल रहे हैं... भेज रहे हो न, जितनी आसानी से आप अपने मोबाइल फोन से फोटो भेज सकते हो, whatsApp भेज सकते हो, अपने मोबाइल फोन का एकाउंट रिचार्ज करा सकते हो, उतनी ही आसानी से... बैंक में अगर आपका खाता है, बैंक में अगर आपका पैसा है तो आप मोबाईल फोन से जो भी खरीदना हो... खरीद सकते हो, जो भी लेना हो... ले सकते हो। आज आपका मोबाइल फोन... ये आपका मोबाइल फोन यही आपके बैंक की ब्रांच बन गया है। आपकी हथेली में आपकी अपनी बैंक बन गई है। पहले जेब में बटुवा रखना पड़ता था, और बटुए में पैसे रखने पड़ते थे।
      अब जमाना चला गया है। अब बटुए की जरुरत नहीं.. अब मोबाईल फोन में ही पैसे होते हैं। दुकानदार के पास जाइए और उसको बताइए कि भई... बताइए मेरे पास ये बैंक का एप है। मैं आपके यहां से 20 रु का सामान लेना चाहता हूं, मैं मोबाइल फोन से पैसे दूंगा वो कहेगा हां-हां दे दीजिए... तुरन्त उसके मोबाइल में एक सेकेंड में पैसा चला जाएगा, आपको 20 रु का माल मिलेगा।
      भाईयों-बहनों... आज हमारे देश में आधे से अधिक लोग जो रेलवे में जाते हैं वो खुद जाकर के पैसे देकर टिकट नहीं लेते ऑनलाइन टिकट लेते हैं, उनके पैसे वापिस आते हैं तो ऑनलाइन आ जाते हैं। भाईयों-बहनों आज आपने अखबार में एक इश्तेहार देखा होगा, एक एडवर्टाइज़मेंट आज आपने अखबार में देखा होगा। मेरा आप सब से आग्रह है कि इस एडवर्टाइज़मेंट को पूरी तरह पढ़ें और इसका कटिंग करके हर दुकान पर लगा दें... अखबार से निकाल करके सब लोग इतना काम ज़रुर करें और इसमें किस प्रकार से मोबाइल में खाता खोला जाता है, उसकी सारी विधि बताई गई है। आप के पैसे आप के हैं, बिना नोट के भी आप इसका खर्च कर सकते हो।

भाईयों-बहनों ये नोटों का उपयोग काले धन वाले संग्रह करना चाहते हैं। हम काले धन वालों को सफल होने नहीं देना चाहते हैं, हम भ्रष्टाचारियों को सफल होने देना नहीं चाहते हैं। और इसलिए भाईयों-बहनों मुझे आगे के भी उनके रास्ते बंद करने हैं। आज के अंग्रेजी अखबारों में भी इसका एडवर्टाइज़मेंट छपा हुआ है, आज के हिंदी अखबारों में भी ये इश्तेहार छपा हुआ है।
       मेरा आप सब से आग्रह है, और यहां जो भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता हैं वो अखबार से कटिंग निकाल करके हर दुकान के बाहर एक बोर्ड पर लगा दें और ऐसे इश्तेहार रोज आते जाएंगे। स्टेट बैक ऑफ इंडिया की एप है, सरकार की एप है, आपको सिर्फ अपने मोबाईल फोन पर उस एप को डाउनलोड करना है, आपके गांव के मोहल्ले के व्यापारी को डाउनलोड करना है, सीधा आपका पैसा बैंक से चला जाएगा जो सामान खरीद चाहते हैं, खरीद सकते हैं। एक रुपया के बिना कोई काम अटकने वाला नहीं है...ये व्यवस्था मौजूद है भाईयों। और इसलिए.. इसलिए मुझे आपसे मदद चाहिए। मेरी विशेष पढ़े-लिखे नौजवानों से आग्रह है, सरकारी मुलाजिमों से आग्रह है कि आप भी अपने अड़ोस-पड़ोस में... जिसके पास भी माबाइल फोन है, उसको ज़रा सिखाइए कि किस प्रकार से मोबाइल फोन से कारोबार किया जा सकता है।
       आप देखिए ये जो सारी चर्चाएं हैं आप खुद उसको एक मिनट में बंद करवा सकते हैं। और देशवासियों ने सहयोग दिया है, हमारे पास रास्ते भी हैं उस रास्तों पर चलिए देश में कभी भ्रष्टाचार दोबारा आने की हिम्मत नहीं करेगा भाईयों, देश में दोबारा काला धन पैदा होने की ज़रुरत नहीं पड़ेगी। देश में नोटें छाप-छाप कर के ढेर करने की ज़रुरत नहीं पड़ेगी, और नोटों के बंडल किसी को बिस्तर के नीचे छुपाने की नौबत नहीं आएगी।
          भाईयों-बहनों एक तरफ में भ्रष्टाचार का... भाईयों-बहनों एक तरफ सरकार... एक तरफ हम सब भ्रष्टाचार के सारे रास्ते बंद करने में लगे हैं, काले धन के सारे रास्ते बंद करने में लगे हैं, और दूसरी तरफ.... भारत बंद करने में लगे हैं। आप मुझे बताइए... भ्रष्टाचार का रास्ता बंद होना चाहिए कि भारत बंद होना चाहिए? पूरी ताकत से बताइए कि भ्रष्टाचार का रास्ता बंद होना चाहिए कि भारत बंद होना चाहिए? भ्रष्टाचार का रास्ता बंद होना चाहिए कि भारत बंद होना चाहिए? काला धन का रास्ता बंद होना चाहिए कि भारत बंद होना चाहिए? काले धन का रास्ता बंद होना चाहिए कि भारत बंद होना चाहिए? काले धन का रास्ता बंद होना चाहिए कि भारत बंद होना चाहिए? भाईयों-बहनों सिर्फ और सिर्फ गरीब के लिए मैंने ये फैसला लिया है। 70 साल तक जो लूटा है उसको निकालना है... और गरीब का घर बनाना है, 70 साल तक लूटा है, किसान के खेत में पानी पहुंचाना है, 70 साल तक लूटा है उन पैसों को निकाल कर के गरीब की झोपड़ी में बिजली का तार पहुंचाना है, 70 साल तक लूटा है उन पैसों से गरीब बच्चों की पढ़ाई करवानी है। 70 साल तक जो लूटा है उन पैसों को निकाल कर के गरीब बुजूर्गों को दवाई दिलवानी है।
       भाईयों-बहनों ये जो कुछ भी निकलेगा ये सारा का सारा गरीबों की भलाई के काम आने वाला है और इसलिए मेरे भाईयों-बहनों अब हम लुटने नहीं देंगे देश को... और मुझे विश्वास है भाईयों, जिस देश में सवा सौ करोड़ देशवासियों के आशीर्वाद हों वहां पर काला धन का खात्मा संभव है, भ्रष्टाचार का खात्मा संभव है, भाईयों-बहनों देश अच्छी दिशा में जाने के लिए तैयार बैठा है और मुझे विश्वास है ये देश इस महायज्ञ में, ईमानदारी के महायज्ञ में, देशवासियों को कष्ट झेलकर केभी आहूति देते मैं देख रहा हूं... और इसलिए भाईयों-बहनों आने वाले दिनों में देश इस बात को स्वीकार करेगा कि फैसला कठोर था, लेकिन भविष्य उज्जवल है, और इसलिए मेरे भाईयों-बहनों मैं आपसे अनुरोध करने आया हूं कि आप गांव के हर दुकानदार को इन अखबार के माध्यम से कैसे मोबाइल पर उनकी बिजनेस लगाया जा सकता है... सिखाइए।
      आप स्वंय कम से कम दस परिवार, पंद्रह परिवार उनको सिखाइए... बिना पैसे सारा कारोबार चलाने की दिशा में सारी दुनिया चल पड़ी है। हम पीछे रह गए भाईयों, हम पीछे रह गए भाईयों अब हिंदुस्तान पीछे नहीं रह सकता। आप मुझे बताइए, आप मेरी मदद करेंगे...? दोनों हाथ ऊपर कर के मुझे आशीर्वाद दीजिए... आप मेरी मदद करेंगे...? आपके आशीर्वाद रहेंगे....? ये परिवर्तन आकर रहेगा... भ्रष्टाचार जाके रहेगा... काला धन जाएगा... भाईयों-बहनों आपका भविष्य बन जाएगा।
आपके आशीर्वाद के लिए मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं।
धन्यवाद.....!

केशलेस लेन देन को बढ़ाबा देने वाली 11 घोषणाएं सरकार ने की

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वित्त मंत्री अरुण जेटली के ये 11 ऐलान आपको देंगे बड़ी राहत !

By: एबीपी न्यूज वेब डेस्क | Thursday, 8 December 2016

नई दिल्लीः आज 8 दिसंबर है और ठीक 1 महीना पहले 8 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी का ऐलान किया था. वित्त मंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कई बड़े फैसलों का ऐलान किया. जिससे लोगों को बड़ी राहत मिल सकती है. देश में डिजिटल खरीदारी को बढ़ावा देने के लिए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज 11 बड़े ऐलान किए हैं. ये 11 अहम फैसले तुरंत लागू होंगे और इनके लिए जरूरी विभागों को नोटिफिकेशन जल्दी जारी कर दिए जाएंगे.
1. अब पेट्रोल पंप पर डिजिटल तरीके से पेमेंट करने वालों को सरकार 0.75 फीसदी की छूट देगी. यानी जो डिजिटल मोड में पेट्रोल डीजल खरीदेगा उसे 0.75% कम दर पर ये उपलब्ध कराया जाएगा.

2. 10 हजार से ज्यादा आबादी वाली जगह पर 2 पीओएस मशीनें मुफ्त दी जाएंगी. 1 लाख गांव जिसकी जनसंख्या 10,000 तक हो उनमें प्रति गांव को सरकार के फंड में से दो पीओएस मशीन फ्री उपलब्ध करायी जाएंगी. इसके लिए 1 लाख गांव का चुना जाएगा.

3. 4 करोड़ 32 लाख किसानों के पास किसान क्रेडिट कार्ड हैं और किसान क्रेडिट कार्ड धारकों को रूपे कार्ड दिए जाएंगे. नाबार्ड के माध्यम से रीजनल बैंक और को-ऑपरेटिव बैंक के किसान क्रेडिट कार्ड धारकों को रूपे कार्ड मिलेगा जिससे वो कैशलेस ट्रांजेक्शन कर पाएंगे.

4. शहरी रेलवे नेटवर्क को मंथली और सीजनल टिकट डिजिटल पेमेंट पर रेलवे 0.5 फीसदी का डिस्काउंट देगा.

5. रेलवे के ऑनलाइन टिकट पर 0.5 फीसदी की छूट मिलेगी. जहां जहां सब अर्बन रेलवे नेटवर्क है वहां मंथली और सीजनल टिकट लेने वालों रेलवे 0.5% छूट देगी. ये एक जनवरी से शुरू होगा. इसी शुरुआत मुंबई से होगी.

6. ऑनलाइन रेलवे टिकट बुक कराने पर 10 लाख रुपये का इंश्योरेंस रेलवे की तरफ से दिया जाएगा. इसलिए जो ऑनलाइन टिकट बुक करेगा उसे 10 लाख रुपये का जीवन बीमा मिलेगा. जो कैश में पेमेंट करेगा उसे ये सुविधा नहीं मिलेगी.

7. रेलवे के दूसरे पेमेंट पर भी 5 फीसदी की छूट मिलेगी. यानी रेलवे कैंटरिंग, एकोमडेशन और रिटायरिंग रूम जैसी सुविधाओं के लिए जो डिजिटल मोड से पेमेंट करेगा उसे रेलवे 5% की छूट देगा.

8. जनरल इंश्योरेंस और लाइफ इंश्योरेंस कंपनियों के कस्टमर पोर्टल से पॉलिसी खरीदते हैं और उसका प्रीमियम ऑनलाइन तरीके से देंगे तो जनरल इंश्योरेंस पॉलिसी के प्रीमियम पर 10 फीसदी की छूट मिलेगी. वहीं लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी के प्रीमियम पर 8 फीसदी की छूट मिला करेगी. जनरल इंश्योरेंस और लाइफ इंश्योरेंस कंपनियों के लिए इस ऐलान से इंश्योरेंस एजेंट की बजाए कस्टमर पोर्टल से पॉलिसी लेने वालों की संख्या बढ़ेंगी.

9. क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड से 2000 रुपये तक के लेन देन में सर्विस चार्ज नहीं लगेगा.

10. देश के सारे नेशवल हाईवे, फास्ट ट्रैक या आरएफआईडी के जरिए डिजिटल पेमेंट करने वालों को 10 फीसदी का डिस्काउंट मिलेगा. नेशनल हाईवे पर टोल देने के लिए जो लोग डिजिटल माध्यम से पेमेंट करेंगे उन्हें टोल 10 फीसदी सस्ता मिलेगा.

11. पीएसयू बैंक ये तय करेंगे कि उनका जो किराया है वो 100 रुपये महीने से ज्यादा ना हो. आज तक 4.5 लाख पीओएस मशीन दी गई आगे और ज्यादा दी जाएंगी. पुरानी मशीनों पर भी इतना ही किराया लगेगा. अगर आप सरकार के साथ कोई लेन देन कर रहे हैं केंद्रीय पीएसयू है तो यह तय किया जाए कि लेन देन का पर टैक्स है वो ग्राहक ना दे.


क्रूरता है तीन तलाक : इलाहाबाद हाईकोर्ट

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मेरा बहुत स्पष्ट मत है कि किसी भी प्रकार का  तलाक  , पत्नी महिला के प्रति अन्याय , अत्याचार और घोर अपराध है , पति के पाखण्डी विश्वासघात का सबूत है ! 



तीन तलाक पर कोर्ट सख्त, क्या तीन तलाक पर बदलेगी सोच!

प्रकाशित Thu, दिसम्बर 08, 2016  स्रोत : CNBC-Awaaz

तलाक तलाक तलाक कहकर अपनी पत्नी को छोड़ देना असंवैधानिक है। ट्रिपल तलाक पर इलाहाबाद हाई कोर्ट की इस टिप्पणी के बाद फिर से पूरे मुद्दे पर बहस छिड़ गयी है। इस वक्त सुप्रीम कोर्ट में ट्रिपल तलाक के कानूनी पहलूओं पर सुनवाई चल रही है। लेकिन इलाहाबाद हाई कोर्ट की बातों से अपनी हक की लड़ाई लड़ रही मुस्लिम महिलाओं का हौसला जरूर बढ़ा है। हाई कोर्ट ने अपनी बातों से इस मुद्दे से जुड़े सबसे बड़े सवालों को भी उठाया है। वो ये कि क्या ट्रिपल तलाक की प्रथा वाकई कुरान शरीफ में लिखी गयी है। अगर ये दुनिया के 20 इस्लामिक देशों से हट गयी है तो भारत में क्यों नहीं और खुद को मुस्लिम समाज के नुमाएंदे बताने वाले कुछ लोग अब भी क्यों महिलाओं के हक को दबाना चाहते हैं।

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ट्रिपल तलाक को असंवैधानिक करार दिया है। कोर्ट ने कहा है कि इससे मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों का हनन होता है। कोर्ट ने मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को लेकर भी टिप्पणी की है और कहा है कि कोई भी पर्सनल लॉ बोर्ड संविधान से ऊपर नहीं है। साथ ही कोर्ट ने अपनी दलील में कहा है कि कुरान में भी तीन तलाक को अच्‍छा नहीं माना गया है। भारत में लागू इस्लामिक कानून पैगंबर मोहम्मद, पवित्र कुरान की सच्ची भावना के खिलाफ है और कुछ धर्म गुरुओं ने इसकी गलत व्याख्या की है।

हाई कोर्ट ने ट्रिपल तलाक को लेकर दो मुस्लिम महिलाओं की तरफ से दाखिल की गई याचिका पर सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की गौरतलब है कि ट्रिपल तलाक के मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार और मुस्लिम संगठन पहले से आमने-सामने हैं।

इस फैसले पर ऑल इंडिया मुस्लिम वुमन पर्सनल लॉ बोर्ड की अध्यक्ष शाइस्ता अंबर का कहना है कि कोर्ट के इस फैसले के बाद मुस्लिम महिलाओं के लिए एक आशा की किरण है। और अब उनको कानून के मुताबिक न्याय मिलेगा।

गौरतलब हो कि बुलंदशहर की हिना और उनके पति की याचिका पर हाईकोर्ट  की टिप्पणी आई है। 23 साल की हिना ने 53 साल के अपने सीनियर से शादी की थी। सीनियर ने उससे शादी के लिए अपनी पत्नी को तलाक दिया था।  सीनियर ने तीन बार तलाक कहकर तलाक दिया था। हिना और उससे पति ने कोर्ट से सुरक्षा की मांग की थी और हिना की मां और पुलिस पर प्रताड़ित करने का आरोप भी लगाया गया था। कोर्ट ने दोनों की याचिका खारिज किया था।

हालांकि तीन तलाक पर केंद्र सरकार ने पहले से विरोध जताया है। सरकार ने अक्टूबर में सुप्रीम कोर्ट में दिए हलफनामे में विरोध जताया था। क्रेंद सरकार का कहना था कि तीन तलाक महिलाओं से लैंगिक भेदभाव है और यह महिलाओं को संवैधानिक अधिकारों से वंचित नहीं रख सकते। पर्सनल लॉ के आधार पर हक नहीं छीन सकते है। सरकार का कहना था कि महिलाओं की गरिमा से समझौता नहीं किया जा सकता।

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड इस मामले में विरोधी पार्टी बना है। ऑल इंडिया पर्सनल लॉ बोर्ड का कहना है कि वह एससी में तलाक की प्रथा में छेड़छाड़ का विरोध करेगा। केंद्र सरकार इस मामले में दखल ना दे। बोर्ड का कहना है कि केंद्र तलाक, हलाला, एक से ज्यादा विवाह पर राय ना दे। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की दलील है कि एससी को कुरान पर बने पर्सनल लॉ की समीक्षा का हक नहीं है। मुस्लिम पर्सनल लॉ संसद से पास हुआ कानून नहीं है। मुस्लिम पर्सनल लॉ एक सांस्कृतिक मामला हैष इसे मजहब से अलग नहीं किया जा सकता। यूनिफॉर्म सिविल कोड एकता की गारंटी नहीं है।

आपको बता दें कि सऊदी अरब, पाकिस्तान, इराक, इजिप्ट, जॉर्डन, कुवैत, सूडान, सीरिया, यूएई, यमन जैसे मुस्लिम देशों नें तीन तलाक प्रथा खत्म कर दी है। बीएमएमए के 2015 में किए गए एक सर्वे के मुताबिक 90 फीसदी मुस्लिम महिलाएं तीन तलाक और एक से ज्यादा शादी से मुक्ति चाहती हैं।

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की दलील है कि पुरुषों का भावनाओं पर ज्यादा नियंत्रण होता है। उनके जज्बाती फैसले लेने की संभावना कम होती है। इसी लिए शरिया ने पतियों को तलाक का अधिकार दिया है। तलाक की वैधता सुप्रीम कोर्ट तय नहीं कर सकता।

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क्रूरता है तीन तलाक : इलाहाबाद हाईकोर्ट

Published 08-Dec-2016

इलाहाबाद। तीन तलाक के मुद्दे पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है। होई कोर्ट ने कहा है कि कोई भी पर्सनल लॉ संविधान से ऊपर नहीं है। मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक देना क्रूरता है। तीन तलाक मुस्लिम महिलाओं के संवैधानिक अधिकारों का हनन है।
कोर्ट ने कहा पवित्र कुरान में भी तीन तलाक को  अच्छा नहीं माना गया है। मुस्लिम समाज का एक वर्ग इस्लामिक कानून की गलत व्याख्या कर रहा है। दो अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए जस्टिस सुनीत कुमार की एकलपीठ ने यह फैसला दिया है।

गौरतलब है कि हाईकोर्ट उमर नाम की एक महिला की अर्जी पर सुनवाई कर रहा था।
अर्जी दाखिल करने वाली उमर नाम की महिला को उसके पति ने फोन पर तलाक दिया था, जबकि तिरपन साल की महिला ने सुरक्षा के लिए अर्जी दाखिल की थी।

अदालत का फैसला शरियत कानून के खिलाफ

उत्तर प्रदेश हाइकोर्ट द्वारा तीन तलाक पर दिए गए वर्डिक्ट पर आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य खालिद रशीद फिरंगी महली ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। मौलाना ने कोर्ट के इस फैसले को शरियत कानून के खिलाफ बताया है। उन्होंने कहा हमारे मुल्क के संविधान ने हमें अपने पर्सनल लॉ पर अमल करने की पूरी आजादी दी है। यही वजह है की मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और मुस्लिम समुदाय इस फैसले से इत्तिफ़ाक़ नही रखते। पर्सनल लॉ बोर्ड की लीगल कमेटी इस फैसले को स्टडी करके इस फैसले के खिलाफ ऊपर कोर्ट में अपील करेगा।

शिया मौलाना यासूब अब्बास ने किया फैसले का समर्थन

शिया मौलाना यासूब अब्बास ने इस फैसले का समर्थन करते हुए कहा कि हम इस फैसले के साथ हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि जैसे सती प्रथा के खिलाफ नियम बना जिससे कई बच्चियों की जिन्दगी बची है, वैसे ही सख्त कानून बने तीन तलाक के विरोध में।

इस्लामी कानून के विरोध में नहीं है यह फैसला : शाइस्ता अंबर

ऑल इंडिया मुस्लिम महिला पर्सनल लॉ बोर्ड की अध्यक्ष शाइस्ता अंबर ने कहा कि यह फैसला इस्लामी कानून के विरोध में नहीं है। यह फैसला मानवाधिकार पर आधारित है।

सर्वे में ज्यादातर लोग नोटबंदी फैसले के साथ, एक महीना बाद भी

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नोटबंदी का एक महीना : 

एनबीटी-सीवोटर सर्वे में ज्यादातर लोग फैसले के साथ

नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated: Dec 9, 2016

नई दिल्‍ली
8 नवंबर 2016 को लागू किए गए नोटबंदी के फैसले का एक महीना पूरा होने के बाद भी कैश कमी की समस्या से जूझ रहे लोग इस फैसले के समर्थन में हैं। ज्‍यादातर लोगों का कहना है कि 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों के बैन होने से उन पर बहुत ज्यादा असर नहीं पड़ा है और इससे जो दिक्कतें हो रही हैं, वह कालेधन के खिलाफ लड़ाई में काफी छोटी हैं। ये बातें सामने आई हैं एनबीटी-सीवोटर की तरफ से किए गए सर्वे में।

नोटबंदी से ज्यादा दिक्कत नहीं
जब सर्वे में लोगों से पूछा गया कि 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट बैन होना, उनके लिए कितनी बड़ी मुसीबत है तो ज्यादातर लोगों ने कहा कि इससे उन पर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ा है। शहरों में रहने वाले 51 प्रतिशत लोगों ने माना कि इससे कोई दिक्कत नहीं हुई है। अर्द्धशहरी इलाकों के 44 प्रतिशत और ग्रामीण इलाकों के 42 प्रतिशत लोगों की भी यही राय थी। दूसरी तरफ, शहरी, अर्द्धशहरी और ग्रामीण इलाकों के क्रमश: 13 प्रतिशत, 10 प्रतिशत और 13 प्रतिशत लोगों ने माना कि इस फैसले ने उन पर जबर्दस्त प्रभाव डाला है।

इनकम ग्रुप के लिहाज से बात करें तो लोअर इनकम ग्रुप के 51 प्रतिशत, मिडल इनकम ग्रुप के 43 प्रतिशत और हाइअर इनकम ग्रुप के 47 प्रतिशत लोगों ने कहा कि इससे कोई परेशानी नहीं हुई है। वहीं लोअर इनकम ग्रुप के 14 प्रतिशत, मिडल इनकम ग्रुप के 10 प्रतिशत और हाइअर इनकम ग्रुप के 11 प्रतिशत लोगों ने कहा कि नोटबंदी के फैसले से उन पर ऐसा प्रभाव पड़ा है जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती।

कालेधन के खिलाफ लड़ाई और नोटबंदी
नोटबंदी के फैसले और कालेधन के खिलाफ लड़ाई में इससे होने वाले फायदे के बारे में जब लोगों की राय मांगी गई तो ज्यादातर ने सकारात्मक बात कही। अधिकतर लोगों ने कहा कि ब्‍लैक मनी के खिलाफ लड़ाई में नोटबंदी से जो दिक्‍कत हो रही है, वह कुछ भी नहीं है। आंकड़ों के लिहाज से बात करें तो शहरों में रहने वाले 85 प्रतिशत लोगों ने माना कि जितनी दिक्‍कत हो रही है उसे कालेधन के खिलाफ लड़ाई में आराम से सहा जा सकता है। अर्द्धशहरी इलाकों के 89 प्रतिशत और ग्रामीण इलाकों के 79 प्रतिशत लोगों की भी यही राय थी। दूसरी तरफ, शहरी, अर्द्धशहरी और ग्रामीण इलाकों के क्रमश: 13 प्रतिशत, 9 प्रतिशत और 16 प्रतिशत लोगों का जवाब ना में रहा।

नोटबंदी के फैसले ने आतंकियों, नक्सलियों की कमर तोड़ दी

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नोटबंदी के फैसले ने तोड़ दी आतंकियों, नक्सलियों की कमर

टाइम्स न्यूज नेटवर्क | Updated: Nov 16, 2016

हाइलाइट्स
• नोटबंदी के बाद कश्‍मीर में हवाला के जरिए आतंकियों और अलगाववादियों तक पहुंचने वाले पैसे में काफी कमी आई है।
• देश भर में फैले नक्सलियों ने बड़ी करंसी के रूप में जो पैसा जमा कर रखा था, वह अब बेकार हो चुका है।
• नक्सलियों ने यह पैसा लेवी और फिरौती के रूप में जमा किया था।

भारती जैन, नई दिल्‍ली
500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों पर बैन लगाकर मोदी सरकार ने जम्‍मू-कश्‍मीर के आतंकवादियों और देश भर में फैले नक्‍सलियों की कमर तोड़ दी है। एक तरफ जहां कश्‍मीर में हवाला के जरिए आतंकियों और अलगाववादियों तक पहुंचने वाले पैसे में काफी कमी आई है वहीं नक्‍सलियों ने बड़ी करंसी के रूप में जो पैसा जमा कर रखा था, वह अब बेकार हो चुका है।

सूत्रों ने बताया कि कश्‍मीर में आतंकियों और अलगाववादियों तक हवाला के जरिए जो पैसा पहुंचता था, वह ज्‍यादातर 500 और 1000 रुपये के नोटों में होता था। अब पुराने नोटों पर बैन लगने के बाद इस फंडिंग में काफी कमी आई है। उधर, देश के कई राज्‍यों में फैले माओवादी समूह, खासकर बिहार और झारखंड के माओवादियों ने फिरौती के जरिए जो मोटी रकम जमा कर रखी थी, उसे भुनाने में अब उनके पसीने छूट रहे हैं।

जम्‍मू-कश्‍मीर में टेरर फंडिंग पर नजर रखने वाले एक इंटेलिजेंस अधिकारी ने बताया कि 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों पर बैन लगने के बाद हवाला चैनल के जरिए आने वाले पैसे का स्रोत सूख गया है। अब जबकि हिंसा और प्रदर्शनों को फंड करने के लिए पैसा नहीं है, इन कामों को अंजाम देने वाले चुपचाप बैठे हुए हैं। हिंसक प्रदर्शन करवाने या पत्‍थरबाजी को फंड करने के लिए उनके पास पैसा नहीं है।

एक सूत्र ने कहा कि किसी भी आतंकी ऑपरेशन या भीड़ द्वारा प्रदर्शन कराने के लिए पैसे की जरूरत होती है, और यह हवाला के जरिए आता है। सूत्र ने कहा, 'यह गौर करने वाली बात है कि घाटी में 8 नवंबर के बाद से कोई भी बड़ा आतंकी हमला नहीं हुआ है।'

सुरक्षा से जुड़े एक सीनियर अधिकारी ने कहा, 'हालांकि, ऐसा होने की एक वजह यह भी है नोटबंदी से पहले ही घाटी में हालात आंशिक तौर पर ही सही, सामान्‍य हो गए थे। इससे यह भी पता चलता है कि आतंकवादियों को अपनी हरकतों को अंजाम देने में काफी परेशानी आ रही है।'अधिकारी ने कहा कि सुरक्षाबल आतंकवादी गतिविधियों में आई कमी का फायदा उठा सकते हैं। इस दौरान वे घाटी में छिपे आतंकवादियों के खिलाफ अपने अभियान को और तेज कर सकते हैं। उन्‍होंने कहा, 'सबसे पहले आतंकी समूहों के संसाधन पाने के रास्‍ते बंद कर दो और जब तक वे कोई और रास्‍ता ढूंढे, उनका खात्‍मा कर दो।'

खुफिया जानकारियों के मुताबिक, नोटबंदी की वजह से माओवादियों पर जबर्दस्‍त असर पड़ा है। उनकी फंडिंग का रास्‍ता बंद हो गया है। बिहार और झारखंड स्थित सीपीआई (माओवादी) नेताओं के बीच जो बातचीत पकड़ी गई है, उससे पता चलता है कि उन्‍हें ढेर लगाकर रखे गए अपने कैश को खो देने का डर है। यह कैश लेवी और फिरौती के जरिए हासिल हुआ है। इस बीच, सरकारी एजेंसियों ने नक्‍सल प्रभावित इलाकों में पैसे के फ्लो पर कड़ी नजर रखनी शुरू कर दी है। इस तरह की खुफिया जानकारियां हैं कि माओवादी बैंक या कैश वैन्‍स को निशाना बना सकते हैं ताकि अपनी भरपाई कर सकें।

श्रीमती राजेजी ने मंत्रिमंडल में किया बड़ा फेरबदल

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श्रीमती वसुंधरा राजे जी ने मंत्रिमंडल में किया बड़ा फेरबदल: 6 नए चेहरे हुए शामिल, दो मंत्रियो का हुआ प्रमोशन दो की छुट्टी

sanjeevnitoday.com | Saturday, December 10, 2016 |

जयपुर। राजभवन में मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे जी की मौजूदगी में राज्यपाल माननीय कल्याण सिंह जी ने  दो विधायकों को कैबिनेट और 4 विधायकों को राज्यमंत्री के रूप में शपथ दिलाई। राज्यमंत्री बाबूलालजी वर्मा और अजय सिंह जी किलक का प्रमोशन कर उन्हें कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई है और पांच विधायकों को संसदीय सचिव बनाया गया है।

किसको मिली केबिनेट में जगह ?
डॉ. जसवंत यादव : बहरोड़ (अलवर) विधायक
श्रीचंद कृपलानी : निंबाहेडा (चित्तौड़गढ़) विधायक

किसको बनाया गया राज्यमंत्री ?
बंसीधर बाजिया : खंडेला विधायक
कमसा मेघवाल : भोपालगढ़ (जोधपुर) विधायक
धनसिंह रावत : बांसवाड़ा विधायक
सुशील कटारा : चौरासी (डूंगरपुर) विधायक

इनकी हो गई छुट्टी
जीएडी राज्यमंत्री जीतमल खांट और विधि राज्यमंत्री अर्जुनलाल गर्ग की छुटटी कर दी गई है।  दोनों के इस्तीफे स्वीकार कर लिए गए हैं।

इनको मिली संसदीय सचिव की जिम्मेदारी
ओमप्रकाश हुड़ला
 कैलाश वर्मा
राजेंद्र नागर
शत्रुघ्न गौतम
भीमा भाई
शपथ ग्रहण समारोह में श्रीमती वसुंधरा राजे जी  ने कहा कि हमारी टीम वैसे भी अच्छा काम कर रही थी। अब बांकी  के दो साल बचे हैं, इसमें प्रदेश को आगे लेकर जाना है। इस मकसद से विस्तार किया गया है।


इस तरह किया गया सलेक्शन
असल में तीन साल तक लगातार जिलों के दौरे और
मंत्रियों से लिए जाने वाले फीडबैक के आधार पर
मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे जी ने तय किया ।



मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे जी ने किया मंत्रिमंडल का पुनर्गठन

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श्रीमती वसुंधरा राजे जी का मंत्रिमंडल :
किसे मिला कौनसा विभाग, किसे मिली सबसे अहम जिम्मेदारी
Alok Khandelwal | Dec 10, 2016

जयपुर।
राजस्थान की मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे जी ने अपने मंत्रिमंडल विस्तार के साथ-साथ जबरदस्त फेरबदल भी किया है। दो मंत्रियों की छुट्टी करने के साथ दो का प्रमोशन किया है। नए बनाए गए कैबिनेट मंत्री श्रीचंद कृपलानी को यूडीएच जैसा महत्वपूर्ण विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है। वहीं राजेंद्र राठौड़ से चिकित्सा विभाग लेकर उन्हें ग्रामीण विकास विभाग दिया गया है। यूं जानिए पूरे मंत्रिमंडल को...

मुख्यमंत्री : वसुंधरा राजे  

कैबिनेट मंत्री सूची
गुलाबचंद कटारिया : गृह एवं नागरिक सुरक्षा मंत्री, कारागार, न्याय, आपदा एवं सहायता

नंदलाल मीणा : जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग

राजेंद्र राठौड़ : संसदीय कार्य, ग्रामीण विकास मंत्री, निर्वाचन विभाग

कालीचरण सराफ : चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री, ईएसआई, चिकित्सा शिक्षा, आयुर्वेद

प्रभुलाल सैनी : कृषि एवं पशुपालन, उद्यानिकी, मत्स्य

गजेंद्र सिंह खींवसर : खेल व युवा मामले, वन एवं पर्यावरण

यूनुस खान : परिवहन, पीडब्लूडी

सुरेंद्र गोयल : पीएचईडी, भू-जल

राजपाल सिंह शेखावत : उद्योग, अप्रवासी भारतीय, राजकीय उपक्रम, डीएमआईसी विभाग

डॉ. रामप्रताप : जलसंसाधन, इंदिरा गांधी नहर परियोजना, कृषि सिंचित क्षेत्र व जल उपयोगिता

किरण माहेश्वरी : उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, संस्कृत शिक्षा

हेम सिंह भडाऩा : जीएडी मंत्री, मोटर गैराज, संपदा, मुद्रण एवं लेखन

अजय सिंह किलक : सहकारिता विभाग, गोपालन

बाबूलाल वर्मा: खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति , उपभोक्ता मामलात विभाग

डॉ. अरुण चतुर्वेदी : सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता, अल्पसंख्यक, वक्फ  विभाग

हेम सिंह भडाऩा : जीएडी मंत्री, मोटर गैराज, संपदा, मुद्रण एवं लेखन

श्रीचंद कृपलानी : यूडीएच मंत्री, स्वायत्त शासन

डॉ. जसवंत यादव : श्रम, नियोजन व कारखाना व बॉयलर्स निरीक्षण विभाग

राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)

अमराराम : राजस्व, उपनिवेशन, सैनिक कल्याण, पुनर्वास, जयपुर शहर पुनर्वास, पुन: बंदोबस्त विभाग

कृष्णेंद्र कौर दीपा : कला एवं पर्यटन, पुरातत्व, नागरिक उड्‌डयन

वासुदेव देवनानी : शिक्षा- प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा, भाषा विभाग

वासुदेव देवनानी (केवल राज्यमंत्री के रूप में ) : ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज, इसके अधीन प्राथमिक शिक्षा का स्वतंत्र प्रभार

राजकुमार रिणवा : देवस्थान विभाग

अनीता भदेल : महिला एवं बालविकास विभाग

सुरेंद्र पाल सिंह : खान विभाग

राज्यमंत्री
पुष्पेंद्र सिंह राणावत : ऊर्जा, विधि एवं विधिक कार्य, विधि परामर्शी

ओटाराम देवासी : गोपालन विभाग

धनसिंह रावत : पंचायती राज, ग्रामीण विकास, संसदीय मामलात, निर्वाचन विभाग

कमसा मेघवाल : जनजातीय क्षेत्रीय विकास विभाग

बंशीधर: चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, ईएसआई, चिकित्सा शिक्षा, आयुर्वेद

सुशील कटारा : जलदाय , भू-जल





राजस्थान भाजपा की नवगठित प्रदेश कार्यकारणी

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कोटा जिला महामंत्री अरविन्द सिसोदिया ने बताया कि भाजपा की नव गठित प्रदेश टीम बहुत ही महत्वपूर्ण है। इसके नेतृत्व में ही भाजपा अगले विधान सभा, लोकसभा, नगर पालिका एवं पंचायतीराज चुनावों को लडेगी । उन्होने कहा प्रदेश की टीम युवा एवं सर्वस्पर्शी है। जिसके नेतृत्व में भाजपा आने वाले सभी कार्यक्रमों को सफलतापूर्वक करनें में सक्षम हे।
भवदीय
अरविन्द सिसौदिया
जिला महामंत्री
9414180151




परनामी ने की नई टीम की घोषणा, मटोरिया और भजन लाल बने प्रदेश महामंत्री, लाहोटी को बनाया प्रवक्ता
Patrika news network Posted: 11-12-2016

जयपुर.
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष श्री अशोक परनामी ने  रविवार को अपनी नई टीम की घोषणा कर ही दी। नई टीम में सांसद, विधायक, पार्षदों को भी शामिल किया गया है। परनामी ने साथ ही आठ जिलों के अध्यक्ष की भी घोषणा की गई है। पार्टी ने पिछले दिनों ही निर्णय किया था कि विधायकों को जिलाध्यक्ष पद से हटाया जाएगा। अब सिर्फ अजमेर और सीकर के जिलाध्यक्ष की घोषणा बाकी रह गई है।

विधायक अभिषेक मटोरिया और भरतपुर के भजनलाल शर्मा को पार्टी ने प्रदेश महामंत्री बनाया है, जबकि महामंत्री के दो अन्य पद खाली छोड़े गए हैं। राजपूत और एससी समाज से किसी नेता को बाद में महामंत्री बनाया जाएगा। नई टीम में कोषाध्यक्ष समेत एेसे कई चेहरे लिए गए हैं, जिनको पार्टी में काम करने का ज्यादा अनुभव नहीं है। पार्टी पदाधिकारियों की घोषणा के साथ ही अब एक-दो दिन में प्रदेश कार्यकारिणी सदस्यों की घोषणा भी करने की तैयारी है।

यह होगी नई टीम : -

प्रदेश उपाध्यक्ष- रामनारायण डूडी (जोधपुर), निहालचन्द मेघवाल (श्रीगंगानगर), ओम बिड़ला (कोटा), राजेन्द्र गहलोत (जोधपुर), लक्ष्मीनारायण दवे (पाली), अल्का गुर्जर (दौसा), चुन्नीलाल गरासिया (उदयपुर), भगवती झाला (चित्तौडग़ढ़), प्रहलाद पंवार (कोटा)

महामंत्री- भजनलाल शर्मा (भरतपुर), अभिषेक मटोरिया (हनुमानगढ़),

मंत्री- मुकेश दाधीच (झुंझुनूं), कैलाश मेघवाल (हनुमानगढ़), सरोज प्रजापत (नागौर), दीया कुमारी (सवाई माधोपुर), बलवान यादव (अलवर), हरभगवान सिंह (श्रीगंगानगर), जगदीश देवासी (जोधपुर), के.के. विश्नोई (बाड़मेर), अरुण अग्रवाल (जयपुर)।

कोषाध्यक्ष- रामकुमार भूतड़ा (जालौर)

प्रवक्ता- अशोक लाहोटी (जयपुर)

आठ जिलाध्यक्ष घोषित
चित्तौडग़ढ़ में रतन गाडऱी, जोधपुर देहात में भोपाल सिंह बढ़ला, डूंगरपुर में बेलजी पाटीदार, बाड़मेर में जालिम सिंह रावलोत, बूंदी में महिपत सिंह, झालावाड़ में संजय जैन ताऊ, सवाई माधोपुर में सुरेश जैन, बारां में राजेन्द्र नागर को जिलाध्यक्ष नियुक्त किया है।


नोटबंदी के बाद गिरी महंगाई, कम हुए सब्जियों और दालों के दाम

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नोटबंदी के बाद गिरी महंगाई, कम हुए सब्जियों और दालों के दाम
By Surbhi Jain Publish Date:Tue, 13 Dec 2016

खुदरा महंगाई दर का यह स्तर जनवरी 2014 के बाद न्यूनतम है। विशेष बात यह है कि खाद्य महंगाई दर भी घटकर 2.11 प्रतिशत पर आ गयी है।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। नोटबंदी के बाद कमजोर पड़ी मांग खासकर सब्जियों के भाव में गिरावट आने से खुदरा महंगाई दर नवंबर में घटकर 3.63 प्रतिशत रह गयी है। खुदरा महंगाई दर का यह स्तर जनवरी 2014 के बाद न्यूनतम है। विशेष बात यह है कि खाद्य महंगाई दर भी घटकर 2.11 प्रतिशत पर आ गयी है।
खाद्य वस्तुओं की महंगाई में गिरावट आना इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इसके बढ़ने पर समाज के आर्थिक रूप से कमजोर तबके पर सबसे ज्यादा मार पड़ती है। सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय के अनुसार खुदरा मूल्यों पर आधारित महंगाई दर इस साल अक्टूबर में 4.20 प्रतिशत तथा पिछले साल नवंबर में 5.41 प्रतिशत थी। वैसे पिछले साल अगस्त में भी खुदरा महंगाई दर घटकर 3.66 प्रतिशत के स्तर पर आयी थी।

मंत्रालय के अनुसार नवंबर महीने में खुदरा महंगाई दर में गिरावट की एक वजह सब्जियों के भाव में कमी आना है। नवंबर में सब्जियों की मुद्रास्फीति दर -10 प्रतिशत रही जबकि अक्टूबर मंे यह -5.74 प्रतिशत थी। इस तरह सब्जियों के भाव में गिरावट का सिलसिला जारी है। हालांकि फलों की मुद्रास्फीति अक्टूबर मंे 4.42 प्रतिशत के मुकाबले थोड़ी बढ़कर नवंबर में 4.60 प्रतिशत हो गयी। सरकार के लिए चिंता की बात यह है कि अनाज की कीमतें बढ़ने लगी हैं।

नवंबर में अनाज की कीमतों में 4.86 प्रतिशत की वृद्धि हुई जबकि अक्टूबर में इसमें 4.40 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। हाल के दिनों में गेहूं की कीमतें बढ़ी हैं जिसके चलते सरकार ने गेंहूं के आयात पर शुल्क घटाकर जीरो कर दिया है। वहीं प्रोटीन उत्पाद जैसे मीट और फिश की मुद्रास्फीति नवंबर में 5.83 प्रतिशत रही है जबकि अक्टूबर में यह 6.16 प्रतिशत थी। इसी तरह अंड़े की कीमतों में 8.55 प्रतिशत की वृद्धि हुई जबकि पिछले महीने इसमें 9.42 प्रतिशत वृद्धि हुई थी।

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ नवंबर को राष्ट्र के नाम संबोधन में 500 रुपये और 1000 रुपये के पुराने नोट बंद करने की घोषणा की थी। इस घोषणा के बाद मांग में काफी कमी आयी है, जिसका असर महंगाई पर पड़ा है। खुदरा महंगाई में गिरावट आना इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि रिजर्व बैंक अपनी मौद्रिक नीति तय करते समय इसी को संज्ञान में लेता है। रिजर्व बैंक की कोशिश खुदरा महंगाई को मार्च के अंत तक पांच प्रतिशत से नीचे बनाए रखने की है। इस हिसाब से खुदरा महंगाई का ताजा स्तर आरबीआइ के लक्ष्य से काफी नीचे है।

कम हुए सब्जियों और दालों के दाम:
सांख्यिकी विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई के अंतर्गत सब्जियों की महंगाई दर नवंबर महीने में -10.29 फीसदी रही है जो कि अक्टूबर महीने में -5.74 फीसदी के स्तर पर रही थी। वहीं कपड़े और जूते चप्पल पर आधारित महंगाई भी कम हुई है। दालों की महंगाई दर 0.23 फीसदी रही है जो कि अक्टूबर महीने में 4.11 फीसदी रही थी। वहीं कपड़े और फुटवियर की महंगाई नवंबर महीने में 4.98 फीसदी रही जो कि अक्टूबर महीने में 5.24 फीसदी रही थी। भारत सरकार के सांख्यिकी विभाग की ओर से जारी किए गए डेटा के मुताबिक सब्जियों की कीमत में 10 फीसदी की गिरावट देखने को मिली, जबकि चीनी और कंफैक्श्नरी के उत्पादों के दाम 22 फीसदी तक बढ़े हैं।

ग्रामीण इलाकों पर ज्यादा असर:
खुदरा महंगाई में आई गिरावट का सबसे ज्यादा असर ग्रामीण इलाकों में दिखा है। ग्रामीण इलाकों में महंगाई दर नवंबर महीने में 4.13 फीसदी रही है जो कि अक्टूबर महीने में 4.78 फीसदी रही थी। वहीं अगर शहरी इलाकों की बात करें तो शहरी इलाकों में महंगाई दर 3.05 फीसदी रही थी जो कि अक्टूबर महीने में 3.54 फीसदी रही थी।

फ्यूल और लाइटिंग सेक्टर पर कोई असर नहीं:
मंगलवार को जारी हुए खुदरा महंगाई के आंकड़ों के मुताबिक फ्यूल और लाइटिंग सेक्टर की महंगाई पर ज्यादा असर नहीं पड़ा है। नवंबर महीने में फ्यूल और लाइटिंग सेक्टर से जुड़ी महंगाई दर 2.80 फीसदी रही जबकि अक्टूबर महीने में यह 2.81 फीसदी रही थी।


मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे : ‘अच्छे काम-ठोस परिणाम’ का रिपोर्ट कार्ड

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#PeopleFirst  #MyRajasthan  #3YearsOfSuraaj

एक निवेदन मेरा : वसुन्धरा राजे


13 दिसम्बर को आपकी अपनी सरकार ने कामयाबी के तीन वर्ष पूरे कर चौथे वर्ष में प्रवेश किया है। विकास की परिकल्पनाओं को साकार करने के लिए यूं तो तीन वर्ष की अवधि कम ही होती है परन्तु आपकी इस सरकार ने प्रदेश में प्रगति के अनेक नए आयाम स्थापित किए हैं। यह सफलता आपके साथ और आपके विश्वास का ही प्रतिफल है।

इस कालखण्ड में हमने ‘सुराज संकल्प’ में संजोए उन सपनों को हकीकत की जमीन पर उतारने का प्रयास किया है जो आपने और हमने मिलकर देखे थे किन्तु विकास का सफर अभी और बाकी है। अभी हमें प्रगति के अनेक सोपान तय करने हैं। आप तो जानते ही हैं कि इन तीन वर्षों में आपने और हमने कई चुनौतियां का मुकाबला किया। विरासत में मिले आर्थिक संकट से राजस्थान को उबारा और विकास की एक नई इमारत खड़ी की। मुझे यह बताते हुए प्रसन्नता है कि विकास का जो रथ हमने 13 दिसम्बर, 2013 को शुरू किया था, वह आज तरक्की की राह पर तेजी से दौड़ रहा है। आज कई क्षेत्रों में हमारा प्रदेश देश में अग्रणी है।

अब बारी है प्रदेश को विकास की नई बुलंदियों तक ले जाने की। आपके साथ और आपके विश्वास की बदौलत हम इसे पूरा कर दिखाएंगे।

राजस्थान विकास के हर क्षेत्र में आगे बढ़े, विकास का उजाला हर घर तक पहुंचे, इस नेक मकसद को पूरा करने के लिए आओ साथ चलें। आपके साथ से प्रदेश में आशा और विश्वास की ऐसी अविरल धारा प्रवाहित होगी जो स्वच्छ, स्वस्थ, शिक्षित, सशक्त और समृद्ध राजस्थान के निर्माण का हमारा सपना पूरा करेगी।
 

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भाजपा सरकार की तीन साल की उपलब्धियों का जश्न 


बीकानेर। राजस्थान में भाजपा सरकार की तीन साल की उपलब्धियों का जश्न मंगलवार को मनाया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने बीकानेर की जनता के सामने तीन सालों का रिपोर्ट कार्ड सौंप दिया।

सीएम ने ये की घोषणा...
- राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने मंंगलवार को बीकानेर में कहा कि मध्यप्रदेश, गुजरात, छत्तीसगढ़ की जनता ने बीजेपी को 15 साल दिए इसी वजह से वहां बहुत अच्छे विकास, वादे पूर्ण हुए ठीक उसी तरह हमें भी यदि 15 वर्ष दिए जाएं तो बेहतर परिणाम होंगे।
- जनता ने हमें पहले 5 और अब तीन साल दिए हैं जिसमें हमने जो वादे किए वो पूरे किए हैं और आगे भी करेंगे। वे यहां सरकार के तीन वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में विभिन्न विकास कार्यक्रमों के लोकार्पण करने के बाद जनसमूह को सम्बोधित कर रही थीं।
- उन्होंने कहा कि जनता के बीच में आप सबके सामने रिपोर्ट कार्ड पेश करने के लिए आए है। उन्होंने कहा कि सरकारें रिपोर्ट कार्ड पेश नहीं करती, चुनाव के समय घोषणाएं करती है और एंजॉय करने के बाद चली जाती है, लेकिन हमारी सरकार 2003 से 2008 के बीच जो वादे किए वो पूरे किए इसी तरीके से जो वादे आज पूरे कर रहे हैं।
- हालांकि तीन वर्ष अभी बहुत कम समय ही है और आगे देखिए बहुत कार्य करेंगे।
अन्नपूर्णा रसोई के जरिए 5 रुपए में मिलेगा नाश्ता
सीएम ने बीकानेर संभाग मुख्यालय से बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि अब अन्नपूर्णा रसोई के जरिए 5 रुपए में नाश्ता मिलेगा और 8 रुपए में खाना मिल सकेगा। उन्होंने राजस्थान के जिलों में नन्दी गौशाला खोलने की भी घोषणा की।
ये मंत्री रहे मौजूद
- इस अवसर पर केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अर्जुन मेघवाल, ग्रामीण विकास पंचायतीराज मंत्री राजेन्द्र राठौड़, जल संसाधन मंत्री डॉ. रामप्रताप, पूर्व मंत्री देवीसिंह भाटी, विधायक पश्चिम डॉ. गोपाल कृष्ण जोशी, विधायक पूर्व सिद्धी कुमारी, शहर बीजेपी अध्यक्ष यशपाल गहलोत, देहात बीजेपी अध्यक्ष सहीराम दुसाद, प्रदेश भाजपा मंत्री मुकेश दाधीच, लूनकरनसर विधायक मानिकचंद सुराना, मेयर नारायण चौपड़ा, यूआईटी चैयरमेन महावीर रांका सहित अनेक मौजूद रहे।
- इससे पूर्व उन्होंने यहां रोजगार मेले का उद्घाटन, आरोग्य मेला, सहकार मेला, खादी मेला, महिला कैंसर जागरुकता तथा चिकित्सा स्वास्थ्य शिविर का उद्घाटन एवं अवलोकन किया। साथ ही साथ फ्लैगशिप योजनाओं के लाभान्वितों को कार्ड वितरण व उत्कृष्ट कार्य करने वाले व्यक्तियों को सम्मानित भी किया।
लगेंगे मुख्यमंत्री जनकल्याण शिविर

- सीएम राजे ने कहा कि शीघ्र ही लोगों की आवासीय एवं वाणिज्यिक समस्याओं के समाधान के लिए बीकानेर सहित राज्य में मुख्यमंत्री जन कल्याण शिविर आयोजित किए जाएंगे।
- मुख्यमंत्री ने बीकानेर में आयोजित विकास प्रदर्शनी के मंच से यह भी कहा कि जिनके मकान खातेदारी की जमीन पर बने हैं उनको पट्टे दिए जाएंगे। ऐसी आवासीय भूमि का नियमन किया जाएगा।
- छोटे भूखण्डों के पट्टे नि:शुल्क दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके लिए अधिकार प्राप्त कमेटी (इम्पावर्ड कमेटी) गठित की जाएगी।
- सिवाय चक भूमि में जन आवास योजना में नगर विकास न्यास आबादी विस्तार का कार्य करेगी। विवेकानंद मॉडल स्कूल में डिजिटल इंडिया के तहत छात्रों को आने वाली दिक्कतों के समाधान के लिए 'क्लिक'योजना में कम्प्यूटर की शिक्षा दी जाएगी।
आरएसआरटीडीसी में 500 ब्लू स्टार बसें
- सीएम राजे ने यह भी कहा कि जल्द ही राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम [आरएसआरटीडीसी] में राजस्तान राज्य परिवहन निगम के बेड़े में 500 सौ ब्ल्यू स्टार बसें शामिल करने के लिए 90 करोड़ की सहायता दी जाएगी।
- जो पिछले काफी समय से महसूस की जा रही थी, इस ओर यह प्रयास आगे बढ़ेगा।
प्रतिपक्ष नेता पर पलटवार
- सीएम राजे ने कहा कि हम बदले की भावना से कार्य नहीं करते यदि इसी भावना से करते तो पिछड़ जाते।
- मुझे आज बोलना पड़ रहा है कि विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष आरोप लगा रहे हैं कि कुछ काम ही नहीं हुए और बदला लिया जा रहा है मैं उनसे कह रही हूं कि उनके विधानसभा क्षेत्र नोखा में यदि भेदभाव किया होता तो कुछ नहीं होता।
- अकेले नोखा क्षेत्र में 83 करोड़ रुपए के कार्य किए है सड़कों के, 75 करोड़ रुपए में 56 सड़कों के कार्य और 10 गौरव पथ का निर्माण किया जा चुका है और प्रतिपक्ष नेता कहते हैं तीन साल में कुछ नहीं हुआ।
- हम विकास करते हैं तो सबके लिए करते हैं न कि अकेले हमारे लिए। जयपुर, बीकानेर और सब जगह कार्य हो रहे हैं किसी स्थान को छोड़ा नहीं है, यह सब आपके प्यार और आशीर्वाद के साथ ही हो पाया है टीम राजस्थान जिम्मेदारी आगे भी निभाने को तैयार है अगर जनता का बराबर आशीर्वाद मिलता रहा तो।
बीकानेर में 2700 करोड़ के तीन साल में हुए काम
- सीएम राजे ने कहा कि पिछले तीन वर्षों का रिपोर्ट कार्ड देखा जाए तो यहां तीन वर्षों में बीजेपी सरकार ने 2700 करोड़ के विकास कार्य करवाए हैं।
- जिनमें 127 करोड़ के लोकार्पण आज उन्होंने स्वयं किए हैं और 327 करोड़ के शिलान्यास किए हैं। उन्होंने कहा कि स्वच्छ बीकानेर का सपना साकार करें ताकि आने वाले समय में बहुत अच्छे कार्य हों।
- उन्होंने मेडिकल कॉलेज मैदान में कार्यक्रम स्थल से रविन्द्र रंगमंच [970 लाख रुपए], हैरिटेज वॉक निर्माण लागत 265 लाख रुपए, बादल महल पेंटिंग कार्य (लागत 18 लाख)।
- यूआईटी के नवीन दफ्तर भवन लागत 330 लाख रुपए तथा यूआईडीएसएसएमटी योजनांतर्गत मुरलीधर व्यास जोन में 12 एमएलडी एसटीपी (लागत 589 लाख रुपए) कुल 21.52 करोड़ रुपए की परियोजनाओं का लोकार्पण अपने हाथों से किया।
- साथ ही उन्होंने वर्षों पुरानी रेलवे फाटकों की समस्या निदान के लिए एलीवेटेड रोड़ के लिए डीपीआर बनाने की बात कही और मार्च तक शिलान्यास होने की घोषणा की।
योगासन की क्रियाएं देख अभिभूत हुईं सीएम
- बीकानेर में राज्य स्तरीय आरोग्य मेले का उद्घाटन करने के बाद अवलोकन के दौरान मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने योगासन की क्रियाएं देखीं जिसे देखकर वह काफी अभिभूत हुईं।
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3 Years Of Suraaj – Report Card



हमारे 7 करोड़ राजस्थानी भाइयों और बहनों को प्रणाम, जिनके अभूतपूर्व सहयोग और अटूट विश्वास के कारण हम प्रदेश को अग्रणी राज्यों की श्रेणी में शामिल करने में सफल रहे हैं।

आज आपकी अपनी सरकार कामयाबी के तीन वर्ष पूरे कर चौथे वर्ष में प्रवेश कर रही है। किसी भी प्रदेश के समग्र विकास के लिए वैसे तो तीन वर्ष की अवधि कम ही होती है, परन्तु आपकी इस सरकार ने इस अवधि में प्रगति के अनेक नए आयाम स्थापित किए हैं। यह सफलता आपके साथ और आपके विश्वास का ही प्रतिफल है। इन तीन वर्षों में हमने ‘सुराज संकल्प’ के उन सपनों को साकार करने का प्रयास किया है जो आपने और हमने मिलकर देखे थे। मैं इन तीन सालों में हुए ‘अच्छे काम-ठोस परिणाम’ का रिपोर्ट कार्ड जनता जनार्दन को समर्पित करती हूं, उस जनता जनार्दन के सामने जिसने हमें ऐतिहासिक जनादेश सौंपा था। हमने जनता के उस अभूतपूर्व जनादेश का मान-सम्मान रखते हुए प्रदेशवासियों की कसौटी पर खरा उतरने का प्रयास किया है।

हमने इन तीन सालों में वो कर दिखाया है, जो पिछली सरकार के पांच सालों में भी नहीं हो पाया। हमने विकास की धारा को हर संभाग, हर जिले, हर पंचायत, हर गांव, हर ढाणी और हर व्यक्ति तक पहुंचाया है। इन तीन सालों के अथक परिश्रम का ही प्रतिफल है कि अब राजस्थान बीमारू प्रदेश नहीं रहा। अब हम देश के विकसित प्रदेशों की श्रेणी में आ गए हैं। ये हम नहीं केन्द्रीय स्तर पर हुए कई सर्वे, कई इण्डेक्स और कई पुरस्कार कह रहे हैं।

हमने विकास में राजनीति नहीं आने दी और राजनीति से प्रेरित होकर विकास कार्य नहीं किया। हम 36 की 36 कौमों के विकास को समर्पित हैं। योजनाओं का निर्माण आमजन को ध्यान में रखकर किया। बच्चे के पैदा होने से लेकर वृद्धावस्था तक की जिम्मेदारी ली।

सरकार आपके द्वार – 3 लाख, 15 हजार आवेदन प्राप्त, 3 लाख, 14 हजार से अधिक का निस्तारण।
आपका जिला आपकी सरकार – सवाई माधोपुर, बाड़मेर, नागौर, झालावाड़, भीलवाड़ा, सिरोही, डूंगरपुर, दौसा में।
न्याय आपके द्वार – 70 लाख से अधिक प्रकरणों का निस्तारण, 523 ग्राम पंचायतें राजस्व वादमुक्त।
पं. दीनदयाल उपाध्याय जन कल्याण पंचायत शिविर – प्रत्येक पंचायत समिति की 2 ग्राम पंचायतों पर प्रत्येक शुक्रवार को।
भामाशाह योजना – बिना किसी मध्यस्थ के सरकारी योजनाओं का पैसा सीधे लाभार्थियों के खाते में, 1 करोड़ 32 लाख 20 हजार परिवारों व 4 करोड़ 71 लाख से अधिक व्यक्तियों का नामांकन।
13 करोड़ 40 लाख 50 हजार ज्तंदेंबजपवदे से 5 हजार 516 करोड़ रुपये से अधिक सीधे लाभार्थियों के खाते में।
चिकित्सा – 295 PHCs को आदर्श PHC के रूप में विकसित करने की योजना।
8 नए मेडिकल कॉलेज। चूरू, डूंगरपुर, भीलवाड़ा, भरतपुर, बाड़मेर, पाली, अलवर और सीकर स्वीकृत।
भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना – 6 लाख से अधिक इंडोर patients को करीब 300 करोड़ रुपये की चिकित्सा।
POS मशीन – बायोमेट्रिक सत्यापन के बाद 25 हजार उचित मूल्य की दुकानों पर खाद्यान्न वितरण।
5000 अन्नपूर्णा भण्डार – रूरल मॉल/गांवों में किफायती मूल्य पर branded सामग्री।
अन्नपूर्णा रसोई-5 रुपए में नाश्ता, 8 रुपए में भोजन। पहले चरण में उदयपुर, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़ सहित 12 जिलों में।
मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान – पहले चरण में 3 हजार 529 गांवों में 94 हजार जल संरक्षण कार्य पूर्ण, दूसरा चरण भी शुरू – 4200 गांव, 66 कस्बों में।
मुख्यमंत्री राजश्री योजना – बच्चियों के जन्म से लेकर अच्छी शिक्षा देने तक की जिम्मेदारी।
2500 रूपए – बालिका के जन्म पर
2500 रूपए – प्रथम वर्षगांठ पर
4000 रूपए – राजकीय विद्यालय में कक्षा 1 में प्रवेश पर
5000 रूपए – कक्षा 6 में प्रवेश पर
11000 रूपए – कक्षा 10 में प्रवेश पर
25000 रूपए – कक्षा 12वीं पास करने पर कुल 50 हजार रुपये।
रोजगार – 10 लाख से अधिक सरकारी और गैरसरकारी।
Start up Policy – युवाओं के स्वरोजगार के लिए।
हम 20 दिसम्बर को पं. दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना में गरीब परिवारों के युवाओं को चिन्हित करने के लिए विशेष ग्राम सभा भी आयोजित करने जा रहे हैं।
सड़क – सड़क विकास पर प्रतिवर्ष 4 हजार 348 करोड़ रुपये तथा तीन वर्षां में 12 हजार 508 करोड़ खर्च।
प्रतिदिन 4 गांव सड़कों से जोडे़ जा रहे हैं।
प्रतिदिन 14 किमी सड़क निर्माण।
प्रतिदिन 17 किमी सड़क विकास।
ग्रामीण गौरव पथ – 1 हजार 972 ग्राम पंचायत मुख्यालयों पर, 1 हजार 720 किमी CC Road निर्माण पूर्ण, दूसरे चरण में 2 हजार 86 ग्राम पंचायतें शामिल।
शहरी गौरव पथ – शहरों में भी गौरव पथ निर्माण करने का हमने निश्चय किया है। इसके लिए 179 नगरीय निकायों में 446 करोड़ रुपए से अधिक की स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है।
Resurgent Rajasthan – 3.38 लाख करोड़ रुपये के 470 डवन् पर हस्ताक्षर – सौर ऊर्जा को छोड़कर कुल 1.45 लाख करोड़ रुपये के निवेश में से 1.08 लाख करोड़ रुपये का निवेश विभिन्न स्तरों पर क्रियान्विति की प्रक्रिया में।
GRAM – आजादी के 69 वर्षो में पहली बार किसानों के लिए इतने व्यापक स्तर पर आयोजन किया गया।
4400 करोड़ रुपए के MoU पर हस्ताक्षर हुए। हमारा मानना है कि किसान खुषहाल एवं संमृद्ध होगा तो प्रदेष भी खुषहाल और संमृद्ध होगा।
अब हम सम्भाग स्तर पर भी किसान के हित को ध्यान में रखते हुए GRAM का आयोजन करेगें ताकि प्रदेष के समस्त काष्तकारों को इसका लाभ मिल सकें।
Digital Rajasthan 1 करोड़ 15 लाख से ज्यादा Rupay Debit Card जारी, 23 हजार से ज्यादा Banking Pay Points with Micro ATM बनाए, जिनमें से 15 हजार से ज्यादा ग्रामीण इलाकों में, 40 हजार से ज्यादा E-Mitra केन्द्र स्थापित, 70 विभागों की 270 से ज्यादा सेवाओं का Digital Payment, Micro ATM सहित POS मशीन वैट मुक्त।
बिजली – विद्युत तंत्र में सुधार, बिजली उत्पादन में आत्मनिर्भर। घरेलू बिजली 22 से 24 घंटे। किसानों को भी पर्याप्त बिजली। तीन वर्षां में 4 हजार 752 डॅ बिजली उत्पादन क्षमता में वृद्धि।
राजस्थान सम्पर्क पोर्टल – अब तक 9 लाख प्रकरणों का निस्तारण।
शिक्षा – 9 हजार 895 ‘आदर्श विद्यालय’ विकसित करने की योजना, 1 हजार 340 विद्यालयों का काम पूरा, 13 लाख से अधिक बच्चों का नामांकन बढ़ा।
पेयजल – 10 हजार गांव पेयजल से लाभान्वित।
किन्तु विकास का सफर अभी और बाकी है। अभी हमें प्रगति के अनेक सोपान तय करने हैं।

मुझे यह कहते हुए प्रसन्नता है कि विकास का जो रथ हमने 13 दिसम्बर, 2013 को शुरू किया था, वह आज तरक्की की राह पर तेजी से दौड़ रहा है।

अब बारी है प्रदेश को विकास की नई बुलंदियों तक ले जाने की और निश्चित रूप से यह हम कर दिखाएंगे क्योंकि हमारे पास है आपका साथ, आपका विश्वास, जिसकी बदौलत हम सबका साथ-सबका विकास की परिकल्पना को मूर्त रूप देंगे।

विकास की दृष्टि से राजस्थान देश का नम्बर वन प्रदेश बने, इसके लिए हम सबको कदम से कदम मिलाकर साथ चलना होगा।

आओ, साथ चलें। आपका साथ प्रदेश में आशा और विश्वास की एक धारा प्रवाहित करेगा जो स्वच्छ, स्वस्थ, शिक्षित, सशक्त और समृद्ध राजस्थान के निर्माण में सहायक होगा।
!!जय-जय राजस्थान!!


श्रीमती वसुंधरा राजे : बेबाक सीएम

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विशेषकर राजस्थान भाजपा के मतदाता, समर्थक , कार्यकर्ता ओर पदाधिकारियों को मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे जी के इस पूर आलेख को दो तीन बार पढ़ना समझना चाहिये और जनता के मध्य बात चीत में अपनी तरफ से सही तथ्य रखने चाहिये। जिम्मेवार कार्यकर्ताओं को पढ़ने लिखने और प्रभावशाली तरीके से अपनी बात रखनें की आदत बनानी चाहिये | क्यों कि हम सब भाजपा के विस्तारक ही तो हे।   - अरविन्द सिसोदिया , जिला महामंत्री ,भाजपा , जिला कोटा शहर 9509559131 / 9414180151 / ईमेल sisodiaarvind0@gmail.com



कह दो मुश्किलों से थोड़ा और कठिन हो जाएं,
कह दो चुनौतियों से थोड़ा और जटिल हो जाएं,
नापना चाहते हो गर हमारे परों की हिम्मत को,
तो कह दो आसमान से थोड़ा और ऊपर हो जाए।
जनता से आकाशवाणी के ज़रिये सीधा संवाद अभिभूत कर देने वाला अनुभव रहा। आप सभी के स्नेह, विश्वास और आशीर्वाद की सदैव ऋणी! 


श्रीमती वसुंधरा राजे जी के मन की बात, 

सुझावों-प्रश्नों पर बेबाक बोली मुख्यमंत्री 


Alok Khandelwal | Dec 14, 2016,

http://www.bhaskar.com/news/c-10-talk-to-cm-vasundhara-raje

जयपुर। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से बुधवार को प्रदेश की जनता ने सीधे बात की। वे आकाशवाणी के माध्यम से प्रदेश की जनता से रूबरू हुईं और लोगों के प्रश्नों के उत्तर दिए। तीखे प्रश्नों पर जहां बेबाकी से उत्तर दिए, वहीं सभी सुझावों को गंभीरता से लिया। उनपर कार्रवाई का भरोसा जताया। यूं की लोगों ने सीएम से बातें...

- कार्यक्रम आकाशवाणी के माध्यम से डायरेक्ट ब्रॉडकास्ट किया गया।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात कार्यक्रम के बाद राजे ने राज्य की जनता से रूबरू होने का अनूठा तरीका निकाला।
- सीएम आकाशवाणी के कुछ नंबरों पर आने वाले फोन कॉल्स के जवाब देती रहीं।
- हालांकि इस बीच दो-तीन श्रोता ऐसे भी रहे, जिनके कॉल डिस्कनेक्ट हो गए।
- फोन कॉल कार्यक्रम के तहत आमजन आकाशवाणी के फोन नंबर- 0141 2200600, 2200700 और 2200800 नंबरों पर लोगों ने कॉल की।
यहां प्रसारित हुआ यह कार्यक्रम
- मुख्यमंत्री का फोन इन कार्यक्रम आकाशवाणी के सभी 19 केंद्रों के साथ एफएम रेडियो और विविध भारती के साथ सभी प्राइमरी सेंटर्स पर प्रसारित किया गया।
क्या कहा राजे ने, जानिए
मध्यप्रदेश, गुजरात, छत्तीसगढ़ की जनता ने बीजेपी को 15 साल दिए इसी वजह से वहां बहुत अच्छे विकास, वादे पूर्ण हुए ठीक उसी तरह हमें भी यदि 15 वर्ष दिए जाएं तो बेहतर परिणाम होंगे।
- जनता ने हमें पहले 5 और अब तीन साल दिए हैं जिसमें हमने जो वादे किए वो पूरे किए हैं और आगे भी करेंगे।
ये सवाल और ये जवाब
महेश कुमार हनुमानगढ़
लघु उद्योग के लिए जमीन कन्वर्जन कराने के लिए बोला जाता है। ग्रामीण में तो ऐसा कन्वर्जन जरूरी नहीं है?
सीएम राजे :कोई जरूरत नहीं है कन्वर्जन की।
लाखा राम बाड़मेर
राजस्थान संबल से पब्लिक की समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा? दो साल पहले पानी समस्या के बारे में गलत जवाब डालकर क्लोज किया जा रहा है? मोबाइल वेन मिलनी चाहिए।
सीएम राजे: आपके सुझाव को कारगर करेंगे। शिकायत संबल पोर्टल पर दर्ज कर उन्हें पूरा किया जा चुका है। इसे कॉल सेंटर से क्रॉस चेक करते हैं। हो सकता है आपके इस मामले में शिकायत रही हो, उसे दूर करेंगे।
हनुमाना राम नागौर
खेती की जमीन गांवों में बच्चों के नाम हो सकती है क्या?
सीएम राजे : न्याय आपके द्वार कार्यक्रम में जाना चाहिए आपको।
संजय कौशिक, जयपुर
टूरिज्म बढ़ नहीं रहा है कुछ सालों से, एक ऐसा सिस्टम डवलप करें कि टूरिज्म बढ़े। हेरिटेज प्रोपर्टी को उनके मालिक सुधार नहीं पा रहे? नया प्रमोट नहीे हाे रहा?
सीएम राजे : टूरिज्म यूनिट पॉलिसी बेहतर पॉलिसी है। मार्च में टूरिज्म के मिशन को बनाना चाहते हैं, आपके सुझाव की ओर ध्यान देंगे। म्यूजियम, जेकेके जैसे स्थान, रंगमंच को नई लाइफ देने की कोशिश कर रहे हैं? हम भी मानते हैं कि यह राजस्थान की लाइफ लाइन है। पर्यटकों की चॉइस बढ़ गई है। विश्वास दिलाती हूं कि टूरिज्म को प्रमोट करने का काम करेंगे। 6 माह में एक माह में बदलाव देखने को मिलेगा।
सुभाष, बीकानेर
यहां सड़क, बिजली पानी कुछ नहीं है।
सीएम राजे :यदि आपकी ग्राम पंचायत है तो ऐसा नहीं होना चाहिए। आप विधायक को अपनी डिटेल दें।
जयराम सैनी नीमकाथाना सीकर
प्रमोशन में आरक्षण को लागू करने के नियम बना दिए, इसे जल्द लागू कराया जाए।
सीएम राजे: जल्द करेंगे।
तेज, जोधपुर
बाड़मेर में रिफाइनरी क्यों अटकी है। जल्द करें ताकि फायदा हो। जोधपुर में आपके आने के बाद कुछ भी नहीं हुआ है?
सीएम राजे: फायदे के लिए हम बाड़मेर रिफाइनरी के एग्रीमेंट में एमेंडमेंट करा रहे हैं। आप भी नहीं चाहेंगे कि आपको नुकसान हो। बाड़मेर की रिफाइनरी तब लगेगी, जब उसका फायदा राजस्थान को होगा। रही बात जोधपुर की तो सभी संभागों में काम हो रहे हैं।
अलवर : धर्मवीर शर्मा
अलवर में मेडिकल कॉलेज बनाने को लेकर प्रयासरत हैं, लेकिन उसमें कार्रवाई आगे नहीं बढ़ पा रही?
सीएम राजे : हमारी कोशिश होगी कि इसे जल्दी कर लें। अलवर में मेडिकल कॉलेज बनाने की कोशिश में हैं। हम बात कर रहे हैं।
भानू
गरीब के लिए 5 रुपए में नाश्ता और 8 रुपए में खाना कार्यक्रम को पूरे राज्य में शुरू किया जाए। सीएम राजे : हमारी कोशिश सभी जिलों के लिए है।
मुरारी
पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर और पॉल्युशन फ्री बनाने पर क्या काम कर रहे हैं।
राजे : सिटी के अंदर मेयर और जेडीए से बात कर इस दुविधा को दूर करेंगे?
भंवरगढ़, कैलाश चौधरी
नरेगा की लेबर को किसान से जोड़ा जाए। आधा पेमेंट किसान दे और आधा सरकार।
सीएम राजे :इस पर विचार करेंगे।
विकास शर्मा कोटा
भामाशाह और जल स्वावलंबन योजना के लिए अाभार।
राजे: धन्यवाद।
रितु अंबानी,
भामाशाह बना हुआ है, लेकिन हॉस्पिटल में स्वास्थ्य योजना से जुड़ा नहीं है।
राजे : नोट करा लेते हैं।
घनश्याम, जोधपुर
प्राध्यापक परीक्षा 2015 की नियुक्ति कब तक होगी।
राजे: विभाग से पूछिए।
बालोतरा से एक व्यक्ति
बालोतरा में मीठे पानी की समस्या दूर नहीं हो पा रही है।
राजे: मैं पता कर लेती हूं आपके मंत्री जी से। इसे फॉलो करेंगे।
शशांक, जयपुर
ट्रांसफर सरकारी ऑफिसर्स के, किस आधार पर होते हैं। पति-पत्नी के अलग अलग जिलों में हो जाते हैं।
राजे : आपके सुझाव का ध्यान रखेंगे।
जनता से संवाद का अंत ये शेर सुनाकर किया
कह दो मुश्किलों से थोड़ा और कठिन हो जाए
कह दो चुनौतियों से थोड़ा और जटिल हो जाए
नापना चाहते हो हमारे परों की हिम्मत को
कह दो आसमां से थोड़ा और मुश्किल हो जाए
रिसर्जेंट राजस्थान पर तेजी से काम हो रहा है।
इसका फायदा लाखों लोगों को रोजगार के रूप में मिलेगा।
इसकी पूरी पॉलिसी बनकर काम शुरू हो चुका है।
कंपनियों ने यूनिट्स लगाना शुरू कर दिया है।
ग्राम यानी एग्रीटेक मीट
फार्मिंग कम्युनिटी को महत्व देेन के लिए इसकी पहल की।
79 साल आजादी के हुए हैं, इसमें ऐसा कार्यक्रम कभी नहीं हुआ।
किसानों की इनकम कैसे बढ़ सकती है।
38 एमओयू हुए। 4400 करोड़ रुपए से ज्यादा के।
इसका फायदा किसानों व हर वर्ग को बहुत हुआ। अच्छा लगा।
अब चार और ऐसे ग्राम संभाग स्तरों पर करेंगे।
संकल्प
कुछ मंत्रालयों को और सपोर्ट करने की कोशिश है।
सरकार बनी तो इन्फ्रास्ट्रक्चर, पीपुल आरिएंटेड काम को आगे बढ़ाने का सोचा था। इस पर भी तेजी से काम किया जा रहा है।
हमने 15 लाख बच्चों को नौकरी का वादा किया था, इनमें से 11 लाख हो चुके हैं। इनमें 1 लाख सरकारी व शेष गैर सरकारी अवसर उपलब्ध कराए हैं।

हैपीनेस इंडेक्स यानी आपके चेहरे पर मुसकान लाने के लिए टॉए बैंक बनाने का काम शुरू किया है।
सभी लोग पुराने टॉए फेंके नहीं, आंगनबाड़ी में दें।
पुराने कपड़े इकट्‌ठा करेंगे।

फ्री खाना एनजीओ के सपोर्ट से दिलाने का काम शुरू कर दिया है। अन्नपूर्णा रसोई ये काम करेगी। 5 रुपए ब्रेकफास्ट और 8 रुपए में खाना।

मैं भी जिलों में दो से तीन दिन रुकूंगी आैर काम करूं।

संदेश
ये काम मैं अकेले में नहीं कर सकती। हम सबको साथ मिलकर काम करना होगा।

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राजस्थान को देश का मॉडल स्टेट बनाने के लिए 'आओ साथ चलें' : वसुंधरा राजे
Jaipur  12/14/2016
जयपुर। राज्य सरकार के तीन वर्ष पूरे होने पर मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने आज सुबह 11 बजे आकाशवाणी के फोन-इन कार्यक्रम के जरिए प्रदेश की जनता से सीधा संवाद किया। इस दौरान उन्होंने करीब एक घंटे के कार्यक्रम में प्रदेश के कोने-कोने से लोगों ने राजे से सवाल किए, अपने सुझाव दिए और अपनी समस्याएं भी बताई। साथ ही कल्याणकारी योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के लिए राज्य सरकार की सराहना भी की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने आकाशवाणी जयपुर के क्षेत्रीय समाचार एकांश के फेसबुक पेज को भी लॉन्च किया।  

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने कहा कि 8 रुपए में खाना तथा 5 रुपए में नाश्ता देने की अन्नपूर्णा रसोई योजना को पूरे प्रदेश में लागू करेंगे। राजे ने कहा कि हमने 12 जिलों के लिए यह योजना शुरू की है, आगे हम इसे पूरे प्रदेश में लागू करेंगे। 

राजे ने श्रोताओं को आश्वस्त किया कि जो बात उन्होंने कही है या जो सुझाव दिए हैं, उन पर पूरी गंभीरता से ध्यान दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से कहा कि राजस्थान को देश का मॉडल स्टेट बनाने के लिए आओ साथ चलें। उन्होंने कहा कि यह काम अकेले सरकार का नहीं है, इसके लिए आप सबको साथ चलना होगा। इस कार्यक्रम का प्रसारण प्रदेश के सभी 19 आकाशवाणी केन्द्रों से एक साथ किया गया।

उन्होंने प्रदेश के विकास को लेकर अपने जज्बे का इजहार इन पंक्तियों के साथ किया- 'कह दो मुश्किलों से थोड़ा और कठिन हो जायें, कह दो चुनौतियों से थोड़ा और जटिल हो जायें, नापना चाहते हो गर हमारे परों की हिम्मत को, तो कह दो आसमान से थोड़ा और ऊपर हो जाये।’ राजे ने कहा कि प्रदेशवासियों ने उन्हें बहुत बड़ी जिम्मेदारी दी है। उनकी आकांक्षाओं पर खरा उतरने के लिए 365 दिन और 24 घंटे भी काम करें तो कम होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले तीन सालों में प्रदेश ने तरक्की की ऊंचाईयां छुई हैं। रिसर्जेंट राजस्थान और ग्राम-2016 जैसे आयोजनों से प्रदेश में निवेश आया है। उन्होंने कहा कि इसमें करीब साढ़े तीन लाख करोड़ के 470 एमओयू हुए थे, जिनमें से एक साल में ही पांच हजार करोड़ का निवेश आ चुका है। करीब 1.08 लाख करोड़ का निवेश विभिन्न स्तरों पर क्रियान्विति की प्रक्रिया में है। इसी प्रकार ग्राम में 4400 करोड़ के 38 एमओयू हुए। इजराइल जैसा देश इस आयोजन में हमारा भागीदार था, जो कि एक बड़ी सफलता है। 

मुख्यमंत्री ने भामाशाह योजना तथा भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि इन योजनाओं ने प्रदेश का मान बढ़ाया है। इसके सुखद परिणाम सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि राजस्थान को भामाशाह योजना के लिए गोल्ड मेेडल मिला है और देश एवं दुनिया में इसकी सराहना हो रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के करीब 4 करोड़ 71 लाख लोग इससे जुड़े हैं और करीब 5 हजार करोड़ रुपये बैंक खातों में ट्रांसफर हुए हैं। भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना से 6 लाख रोगियों को कैशलेस उपचार मिला है।

उन्होंने एक उदाहरण देते हुए बताया कि सवाई मानसिंह अस्पताल में एक महिला ने उनका हाथ पकड़कर रोका और कहा कि उसके पति को हार्ट अटैक आ गया था, लेकिन भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना के कारण उसे तुरन्त उपचार मिल सका और आज उनके पति पूरी तरह स्वस्थ है। साथ ही उन्होंने बताया कि इस योजना के अतिरिक्त मुफ्त दवा योजना के लिए भी राज्य सरकार ने 400 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान रखा है। 

राजे ने कहा कि हैप्पीनेस इन्डेक्स को बढ़ावा देने के प्रयास जारी रहेंगे। अन्नपूर्णा योजना लागू करने तथा प्रदेशवासियों के दुख-सुख में काम आने से भी मुझे खुशी मिली है। इसके अलावा राजे ने मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान, न्याय आपके द्वार अभियान, स्किल डवलपमेन्ट आदि योजनाओं एवं कार्यक्रमों के जरिए प्रदेशवासियों के जीवन में आ रहे बदलाव तथा सुझावों पर चर्चा की।

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दुनिया के 10 सबसे ताकतवर लोगों में पीएम मोदी

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दुनिया के 10 सबसे ताकतवर लोगों में शुमार पीएम मोदी, 
व्लादिमीर पुतिन फिर टॉप पर

पीएम मोदी को दुनिया के सबसे ताकतवर लोगों की लिस्ट में नौवें स्थान पर रखा गया है पीएम मोदी को दुनिया के सबसे ताकतवर लोगों की लिस्ट में नौवें स्थान पर रखा गया है

aajtak.in [Edited by: साद बिन उमर]
नई दिल्ली, 15 दिसंबर 2016,
http://aajtak.intoday.in

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दुनिया के 10 सबसे ताकतवर लोगों में शामिल किया गया है. विश्व की प्रतिष्ठित मैगजीन 'फोर्ब्‍स'ने बुधवार को 'वर्ल्ड्स मोस्ट पावरफुल पीपल'नाम से दुनिया के 74 सबसे ताकतवर लोगों की सूची जारी की है, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी को नौवें स्थान पर रखा है.

सवा करोड़ आबादी वाले भारत में बेहद लोकप्रिय हैं मोदी
फोर्ब्स मैगजीन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में लिखा है कि भारत के प्रधानमंत्री करीब सवा अरब की आबादी वाले देश में काफी लोकप्रिय हैं. इसमें लिखा गया है, 'बराक ओबामा और शी जिनपिंग के साथ आधिकारिक मुलाकात कर हाल के वक्त में मोदी ने अपनी प्रोफाइल एक ग्लोबल लीडर के रूप में बनाई है. वह जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए चल रहे अंतरराष्ट्रीय प्रयासों में भी अहम शख्सियत बनकर उभरे हैं.'मैगजीन ने नोटबंदी की भी चर्चा करते हुए कहा कि पीएम मोदी ने मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए अचानक से यह कदम उठाया.

रूसी राष्‍ट्रपति पुतिन लगातार चौथे साल टॉप पर
फोर्ब्स की इस लिस्ट में रूस के राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन लगातार चौथे साल टॉप पर हैं, वहीं अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप को सूची में दूसरे स्थान पर रखा गया है. इस लिस्ट में जर्मन चांसलर एजेंला मर्केल तीसरे स्थान पर, चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग चौथे स्थान पर, जबकि पोप फ्रांसिस पांचवें नंबर पर हैं.

इसके अलावा रिलायंस इंडस्ट्रीज के प्रमुख मुकेश अंबानी को 38वें स्थान पर रखा गया है, तो माइक्रोसॉफ्ट के भारतवंशी सीईओ सत्या नडेला को सूची में 51वां स्थान मिला है. वहीं पिछले साल इस सूची में दूसरे नंबर पर रहने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा को इस बार सूची में 48वें स्थान पर रखा गया है.


फोर्ब्स की सूची में ये हैं दस ताकतवर लोग
1. व्लादिमीर पुतिन (रूस के राष्ट्रपति)

2. डोनाल्ड ट्रंप (अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति)

3.एंगेला मर्केल (जर्मनी की चांसलर)

4. शी जिनपिंग (चीन के राष्ट्रपति)

5. पोप फ्रांसिस (वे‍टिकन के पोप)

6. जेनेट येलन (यूएस फेड की प्रमुख)

7. बिल गेट्स (माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक)

8. लैरी पेज (गूगल के सह-संस्थापक)

9. नरेंद्र मोदी (भारत के पीएम)

10. मार्क जकरबर्ग (फेसबुक के सीईओ)

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस साल के टाइम पर्सन ऑफ द ईयर के रीडर्स पोल में टॉप पर रहे थे. हाालांकि, अमेरिका की टाइम मैगजीन ने पर्सन ऑफ द ईयर के रूप में अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को चुना था.

श्रीमती वसुंधरा राजे सरकार के तीन साल बेमिसाल

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आओ, साथ चलें। आपका साथ प्रदेश में आशा और विश्वास की एक धारा प्रवाहित करेगा जो स्वच्छ, स्वस्थ, शिक्षित, सशक्त और समृद्ध राजस्थान के निर्माण में सहायक होगा।





सुराज के 3 साल – रिपोर्ट कार्ड




सुराज के 3 साल – रिपोर्ट कार्ड







सुराज के 3 साल – रिपोर्ट कार्ड


स्किल development में दूसरी बार प्रथम
भामाशाह योजना में gold medal
खानों की ई-नीलामी में प्रथम

सौर ऊर्जा के उत्पादन में प्रथम
राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क में प्रथम
स्वच्छ भारत अभियान में शौचालय निर्माण में प्रथम

राशन दुकानों को अन्नपूर्णा भण्डार में विकसित करने में प्रथम
Best Holiday Destination के रूप में एशिया में छठे स्थान पर
पूरे विश्व में पर्यटकों द्वारा जोधपुर को एशिया में 10वां सबसे पंसदीदा पर्यटक स्थान वर्ष 2017 के लिए चुना है

हमारे 7 करोड़ राजस्थानी भाइयों और बहनों को प्रणाम, जिनके अभूतपूर्व सहयोग और अटूट विश्वास के कारण हम प्रदेश को अग्रणी राज्यों की श्रेणी में शामिल करने में सफल रहे हैं।

आज आपकी अपनी सरकार कामयाबी के तीन वर्ष पूरे कर चौथे वर्ष में प्रवेश कर रही है। किसी भी प्रदेश के समग्र विकास के लिए वैसे तो तीन वर्ष की अवधि कम ही होती है, परन्तु आपकी इस सरकार ने इस अवधि में प्रगति के अनेक नए आयाम स्थापित किए हैं। यह सफलता आपके साथ और आपके विश्वास का ही प्रतिफल है। इन तीन वर्षों में हमने ‘सुराज संकल्प’ के उन सपनों को साकार करने का प्रयास किया है जो आपने और हमने मिलकर देखे थे। मैं इन तीन सालों में हुए ‘अच्छे काम-ठोस परिणाम’ का रिपोर्ट कार्ड जनता जनार्दन को समर्पित करती हूं, उस जनता जनार्दन के सामने जिसने हमें ऐतिहासिक जनादेश सौंपा था। हमने जनता के उस अभूतपूर्व जनादेश का मान-सम्मान रखते हुए प्रदेशवासियों की कसौटी पर खरा उतरने का प्रयास किया है।

हमने इन तीन सालों में वो कर दिखाया है, जो पिछली सरकार के पांच सालों में भी नहीं हो पाया। हमने विकास की धारा को हर संभाग, हर जिले, हर पंचायत, हर गांव, हर ढाणी और हर व्यक्ति तक पहुंचाया है। इन तीन सालों के अथक परिश्रम का ही प्रतिफल है कि अब राजस्थान बीमारू प्रदेश नहीं रहा। अब हम देश के विकसित प्रदेशों की श्रेणी में आ गए हैं। ये हम नहीं केन्द्रीय स्तर पर हुए कई सर्वे, कई इण्डेक्स और कई पुरस्कार कह रहे हैं।

हमने विकास में राजनीति नहीं आने दी और राजनीति से प्रेरित होकर विकास कार्य नहीं किया। हम 36 की 36 कौमों के विकास को समर्पित हैं। योजनाओं का निर्माण आमजन को ध्यान में रखकर किया। बच्चे के पैदा होने से लेकर वृद्धावस्था तक की जिम्मेदारी ली।


सरकार आपके द्वार
3 लाख, 15 हजार आवेदन प्राप्त, 3 लाख, 14 हजार से अधिक का निस्तारण।

आपका जिला आपकी सरकार
सवाई माधोपुर, बाड़मेर, नागौर, झालावाड़, भीलवाड़ा, सिरोही, डूंगरपुर, दौसा में।

न्याय आपके द्वार
70 लाख से अधिक प्रकरणों का निस्तारण, 523 ग्राम पंचायतें राजस्व वादमुक्त।

भामाशाह योजना
बिना किसी मध्यस्थ के सरकारी योजनाओं का पैसा सीधे लाभार्थियों के खाते में, 1 करोड़ 32 लाख 20 हजार परिवारों व 4 करोड़ 71 लाख से अधिक व्यक्तियों का नामांकन। 13 करोड़ 40 लाख 50 हजार Transactions से 5 हजार 516 करोड़ रुपये से अधिक सीधे लाभार्थियों के खाते में।

4400 करोड़ रुपए के MOU
पर हस्ताक्षर हुए। हमारा मानना है कि किसान खुशहाल एवं संमृद्ध होगा तो प्रदेश भी खुशहाल और संमृद्ध होगा।


पं. दीनदयाल उपाध्याय जन कल्याण पंचायत शिविर
प्रत्येक पंचायत समिति की 2 ग्राम पंचायतों पर प्रत्येक शुक्रवार को।


पं. दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना
हम 20 दिसम्बर को पं. दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना में गरीब परिवारों के युवाओं को चिन्हित करने के लिए विशेष ग्राम सभा भी आयोजित करने जा रहे हैं।

चिकित्सा
295 PHCs को आदर्श PHC के रूप में विकसित करने की योजना।

8 नए मेडिकल कॉलेज
चूरू, डूंगरपुर, भीलवाड़ा, भरतपुर, बाड़मेर, पाली, अलवर और सीकर स्वीकृत।

भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना
6 लाख से अधिक इंडोर patients को करीब 300 करोड़ रुपये की चिकित्सा।

POS मशीन
बायोमेट्रिक सत्यापन के बाद 25 हजार उचित मूल्य की दुकानों पर खाद्यान्न वितरण।

5000 अन्नपूर्णा भण्डार
रूरल मॉल/गांवों में किफायती मूल्य पर branded सामग्री।

अन्नपूर्णा रसोई
5 रुपए में नाश्ता, 8 रुपए में भोजन। पहले चरण में उदयपुर, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़ सहित 12 जिलों में।

मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान
पहले चरण में 3 हजार 529 गांवों में 94 हजार जल संरक्षण कार्य पूर्ण, दूसरा चरण भी शुरू – 4200 गांव, 66 कस्बों में।


सड़क
सड़क विकास पर प्रतिवर्ष 4 हजार 348 करोड़ रुपये तथा तीन वर्षां में 12 हजार 508 करोड़ खर्च।


शहरी गौरव पथ
शहरों में भी गौरव पथ निर्माण करने का हमने निश्चय किया है। इसके लिए 179 नगरीय निकायों में 446 करोड़ रुपए से अधिक की स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है।

ग्रामीण गौरव पथ
1 हजार 972 ग्राम पंचायत मुख्यालयों पर, 1 हजार 720 किमी CC Road निर्माण पूर्ण, दूसरे चरण में 2 हजार 86 ग्राम पंचायतें शामिल।


शिक्षा
9 हजार 895 ‘आदर्श विद्यालय’ विकसित करने की योजना, 1 हजार 340 विद्यालयों का काम पूरा, 13 लाख से अधिक बच्चों का नामांकन बढ़ा।

बिजली
विद्युत तंत्र में सुधार, बिजली उत्पादन में आत्मनिर्भर। घरेलू बिजली 22 से 24 घंटे। किसानों को भी पर्याप्त बिजली। तीन वर्षां में 4 हजार 752 MW बिजली उत्पादन क्षमता में वृद्धि।

GRAM
आजादी के 69 वर्षो में पहली बार किसानों के लिए इतने व्यापक स्तर पर आयोजन किया गया।
अब हम सम्भाग स्तर पर भी किसान के हित को ध्यान में रखते हुए GRAM का आयोजन करेगें ताकि प्रदेश के समस्त काश्तकारों को इसका लाभ मिल सकें।

START UP POLICY
युवाओं के स्वरोजगार के लिए।


 DIGITAL RAJASTHAN
1 करोड़ 15 लाख से ज्यादा Rupay Debit Card जारी, 23 हजार से ज्यादा Banking Pay Points with Micro ATM बनाए, जिनमें से 15 हजार से ज्यादा ग्रामीण इलाकों में, 40 हजार से ज्यादा E-Mitra केन्द्र स्थापित, 70 विभागों की 270 से ज्यादा सेवाओं का Digital Payment, Micro ATM सहित POS मशीन वैट मुक्त।

RESURGENT RAJASTHAN
3.38 लाख करोड़ रुपये के 470 MoU पर हस्ताक्षर – सौर ऊर्जा को छोड़कर कुल 1.45 लाख करोड़ रुपये के निवेश में से 1.08 लाख करोड़ रुपये का निवेश विभिन्न स्तरों पर क्रियान्विति की प्रक्रिया में।

राजस्थान सम्पर्क पोर्टल
अब तक 9 लाख प्रकरणों का निस्तारण।

रोजगार
10 लाख से अधिक सरकारी और गैरसरकारी।

पेयजल
10 हजार गांव पेयजल से लाभान्वित।


प्रतिदिन 4 गांव सड़कों से जोडे़ जा रहे हैं।
प्रतिदिन 14 किमी सड़क निर्माण।
प्रतिदिन 17 किमी सड़क विकास।

मुख्यमंत्री राजश्री योजना

बच्चियों के जन्म से लेकर अच्छी शिक्षा देने तक की जिम्मेदारी।
2500 रूपए – बालिका के जन्म पर
2500 रूपए – प्रथम वर्षगांठ पर
4000 रूपए – राजकीय विद्यालय में कक्षा 1 में प्रवेश पर
5000 रूपए – कक्षा 6 में प्रवेश पर
11000 रूपए – कक्षा 10 में प्रवेश पर
25000 रूपए – कक्षा 12वीं पास करने पर कुल 50 हजार रुपये।


किन्तु विकास का सफर अभी और बाकी है। अभी हमें प्रगति के अनेक सोपान तय करने हैं।

मुझे यह कहते हुए प्रसन्नता है कि विकास का जो रथ हमने 13 दिसम्बर, 2013 को शुरू किया था, वह आज तरक्की की राह पर तेजी से दौड़ रहा है।

अब बारी है प्रदेश को विकास की नई बुलंदियों तक ले जाने की और निश्चित रूप से यह हम कर दिखाएंगे क्योंकि हमारे पास है आपका साथ, आपका विश्वास, जिसकी बदौलत हम सबका साथ-सबका विकास की परिकल्पना को मूर्त रूप देंगे।

विकास की दृष्टि से राजस्थान देश का नम्बर वन प्रदेश बने, इसके लिए हम सबको कदम से कदम मिलाकर साथ चलना होगा।




मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे : शुरू होगी मुख्यमंत्री कौशल अनुदान योजना

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नए साल में शुरू होगी मुख्यमंत्री कौशल अनुदान योजना


17 Dec, 2016
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किसानों एवं युवाओं के लिए मुख्यमंत्री ने की घोषणाएं
मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा कि प्रदेश के युवाओं में कौशल का विकास कर उन्हें अपने पैरों पर खड़ा करना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। इसके लिए 1 जनवरी, 2017 से मुख्यमंत्री कौशल अनुदान योजना शुरू की जायेगी। इस योजना के तहत युवाओं को उच्च गुणवत्ता के कौशल प्रशिक्षण के लिए एक लाख रूपये तक का लोन उपलब्ध करवाया जायेगा जिस पर राज्य सरकार 4 से 6 प्रतिशत तक ब्याज अनुदान देगी।

श्रीमती राजे राज्य सरकार के तीन वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर शनिवार को जोधपुर में विभिन्न विकास परियोजनाओं के लोकार्पण एवं शिलान्यास के बाद उम्मेद राजकीय स्टेडियम में जनसभा को सम्बोधित कर रही थीं। उन्होंने समारोह में प्रदेश के युवाओं, किसानों, महिलाओं, शिक्षा, सड़क, पानी और आधारभूत ढ़ाचे के विकास को लेकर कईं घोषणाएं की।

किसानों की मदद के लिए कृषि एवं राजस्व कार्मिको को मिलेंगे टेबलेट
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि हमारे अन्नदाता किसान को फसल बीमा योजना का लाभ तुरन्त एवं पूरी पारदर्शिता से मिले, इसके लिए सरकार पटवारी, गिरदावर, कृषि पर्यवेक्षक एवं सहायक कृषि अधिकारियों को टेबलेट उपलब्ध करायेगी। इससे फसल एवं राजस्व रिकॉर्ड पूरी तरह कम्प्यूटरीकृत होगा। उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में 27.62 करोड़ रूपये से 16 हजार 250 टेबलेट उपलब्ध कराए जायेंगे।

अब शहरों में लगेंगे मुख्यमंत्री जनकल्याण शिविर
श्रीमती राजे ने कहा कि सबका साथ सबका विकास की भावना से प्रेरित होकर आगामी वर्ष में मुख्यमंत्री शहरी जन कल्याण शिविर आयोजित किए जायेंगे। इन शिविरों में शहरी क्षेत्र की आवासीय एवं वाणिज्यिक समस्याओं का समाधान होगा। शिविरों में आवासीय भूखण्ड एवं मकानों का नियमन करने के साथ ही पट्टे जारी किए जायेंगे। परिधि क्षेत्र में खातेदारी भूमि में बने हुए मकानों का 500 वर्ग मीटर तक निःशुल्क नियमन किया जायेगा और स्टेट ग्रांट एक्ट के तहत लम्बित प्रकरणों का निस्तारण किया जायेगा। साथ ही सिवायचक भूमि का आवंटन विकास कार्यों के लिए हो सकेगा।

हमारे तीन साल उनके पांच साल से बेहतर
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने तीन सालों में जो अच्छे काम और ठोस परिणाम हासिल किए है वो पिछली सरकार पांच सालों में भी नहीं कर पाई थी। हमने तीन सालों में विकास की धारा को गांव-ढ़ाणी तक पहुंचाया है। हमारी सरकार ने 3 वर्षां में पेयजल पर 13 हजार करोड़ रूपये खर्च किए जबकि गत सरकार ने 3 वर्षों में मात्र 5800 करोड़ रुपये तथा 5 साल में मात्र 12 हजार 225 करोड़ रूपये व्यय किए थे। इसी प्रकार किसानों को तीन साल में 45 हजार 691 करोड़ रुपये के ऋण वितरित किए हैं जबकि गत सरकार ने पूरे 5 वर्षो में केवल 43 हजार करोड़ रुपये के ऋण वितरित किए थे। हमने सड़कों के विकास में पिछले तीन वर्ष में कुल 12 हजार 509 करोड़ रुपये खर्च किए जबकि गत सरकार ने अपने तीन वर्षां में मात्र 6 हजार 108 करोड़ रुपये खर्च किए थे। इसी प्रकार हमने किसानों को बिजली पर तीन साल में 18 हजार 600 करोड़ का अनुदान दिया जबकि पिछली सरकार ने केवल 7 हजार करोड़ रूपये का अनुदान ही दिया था।

सरकारी आईटीआई और कौशल विकास विवि में हम अव्वल
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी कौशल विकास और भामाशाह योजना का लोहा पूरा देश मान रहा है। हम इस क्षेत्र में पहले पायदान पर है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में 1870 आईटीआई स्थापित हो गई है। जिनमें राजकीय क्षेत्र में 223 और निजी क्षेत्र में 1647 हैं। इस दृष्टि से राजस्थान राजकीय क्षेत्र में आईटीआई स्थापित करने के मामले में देश में प्रथम और निजी क्षेत्र में द्वितीय स्थान पर है। राजस्थान ऐसा पहला राज्य बनने जा रहा है, जिसमें दो कौशल विकास विश्वविद्यालय होंगे। पहला विश्वविद्यालय जयपुर के जामडोली में राजकीय क्षेत्र में खोला जा रहा है जबकि दूसरा विश्वविद्यालय निजी क्षेत्र महेन्द्रा सेज में खोला जायेगा।

हमारे पास राजनीति के लिए वक्त नहीं, उनके पास विकास के लिए
श्रीमती राजे ने कहा कि हमारा ध्यान सिर्फ विकास पर है इसलिए राजनीति करने के लिए हमारे पास वक्त नहीं है। वे सिर्फ राजनीति करते थे इसलिए उनके पास विकास के लिए समय नहीं था। यही फर्क है उनकी और हमारी सोच में। उन्होंने कहा कि हमारी पिछली सरकार ने जोधपुर संभाग में 1427 करोड़ रूपये की पांच पेयजल परियोजनाएं माणकलाव-दांतीवाडा, खुड़ियाला-जियाबेरी, देवानिया-नाथडाउ, तिंवरी-मथानिया, नर्मदा एफ.आर. परियोजना स्वीकृत की थी लेकिन पूर्ववर्ती सरकार ने इसमें कोई रूचि नहीं ली और मात्र 180 करोड़ रूपये खर्च किए। जिसका नतीजा हुआ कि पांच साल में भी ये योजनाएं पूरी नहीं हुई। अब हमने 1116 करोड़ रूपये खर्च कर इनमें से चार योजनाएं पूरी कर ली है और 492 गांवों को इसका लाभ मिला है।

बेहतर भविष्य के लिए शिक्षा में व्यापक सुधार
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार से पहले प्रदेश में शिक्षा की स्थिति बहुत खराब थी। हमने दूरगामी सोच और बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए शिक्षा के क्षेत्र में व्यापक सुधार किए। जिसका नतीजा है कि आज सरकारी स्कूलों में 13 लाख से अधिक बच्चों का नामांकन बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 9 हजार 895 आदर्श विद्यालय स्थापित किए जा रहे है। जोधपुर में अब तक 201 विद्यालयों को आदर्श विद्यालय के रूप में स्थापित किया गया है। वर्ष 2017-18 में जोधपुर जिले में 265 विद्यालय और इस श्रेणी में शामिल हो जायेंगे। उन्होंने कहा कि इन सुधारों से स्कूली शिक्षा का परिणाम भी सुधरा है।

जोधपुर के विकास पर तीन साल में 11 हजार 640 करोड़ व्यय
श्रीमती राजे ने कहा कि जोधपुर का विकास हमारी प्राथमिकता है, पिछले तीन सालों में जिले के विकास पर कुल 11 हजार 640 करोड़ रूपये व्यय किए है।जोधपुर में जल प्रदाय योजनाओं पर 2455 करोड़ रूपये खर्च किए गए हैं जिनसे 483 मुख्य गांव, 342 ढ़ाणियां तथा दो शहरों पीपाड़ एवं बिलाड़ा के लोगों को नहर का मीठा पानी मिल रहा है। जिले में दस परियोजनाओं में से कानसिंह की सीड, गटोर कानासर, मल्लार जोड़ एवं बावड़ी कल्ला, खांरा जालोड़ा परियोजनाएं पूर्ण हो चुकी हैं। जोधपुर-बर-बिलाड़ा रोड का कार्य शीघ्र ही शुरू होने वाला है, जिस पर 1250 करोड़ रूपये खर्च किए जायेंगे। जोधपुर-नागौर रोड़ का कार्य 682 करोड़ रूपये की लागत से प्रगति पर है और 265 करोड़ की लागत से जोधपुर-पोकरण तथा 212 करोड़ रूपये की लागत से जोधपुर-पचपदरा सडक का कार्य भी प्रगति पर है। वहीं 332 करोड़ की लागत से जोधपुर-पाली रोड़ का कार्य पूर्ण हो चुका है। इसी प्रकार प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 184 करोड़ रूपये खर्च किए जा रहे है। मुख्यमंत्री जन आवास योजना के तहत आंगणवां तथा तनावड़ा में 1650 से अधिक आवासों का निर्माण किया जा रहा है। इस योजना में जिले में 963 करोड़ रूपये खर्च होंगे।

जोधपुर की सड़को के विकास के लिए 25 करोड़
मुख्यमंत्री ने जोधपुर शहर की अन्दरूनी सड़कों के लिए 25 करोड़ रूपये की घोषणा की। उन्होंने कहा कि धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण जोधपुर-रामदेवरा सड़क को हम हर हाल में पूरा करेंगे। साथ ही 103 किमी के जोधपुर बाईपास के लिए केन्द्र से सैद्धान्तिक स्वीकृति मिल गई है। इस पर करीब 1500 करोड़ रूपये खर्च होंगे। उन्होंने कहा कि 8 रूपये में भोजन और 5 रूपये में नाश्ता उपलब्ध कराने के लिए शुरू की गई अन्नपूर्णा रसोई योजना 26 जनवरी तक जोधपुर में भी शुरू कर दी जायेगी। उन्होंने कहा कि फिलहाल प्रदेश में 80 वाहनों से भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। जल्द ही इनकी संख्या 400 की जायेगी।

गौ संरक्षण के लिए बनेगा कानून
श्रीमती राजे ने कहा कि गौसेवा केवल सरकार की ही नहीं हम सबकी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि लोग गाय को दुह कर सड़कों पर छोड़ देते है, यह चिंताजनक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम जल्द ही गौमाता के संरक्षण तथा गौशालाओं के लिए नीति और एक्ट बनाने जा रहे है। राजस्थान इस दिशा में कार्य करने वाला पहला राज्य होगा। उन्होंने कहा कि हर जिले में नंदीशाला खोले जाने पर भी उनकी सरकार विचार कर रही है।

प्रदर्शनी और रोजगार मेले का उद्घाटन
श्रीमती राजे ने राज्य सरकार की तीन साल की उपलब्धियों पर आधारित जिला स्तरीय प्रदर्शनी, रोजगार मेला, कैंसर जागरूकता एवं स्वास्थ्य शिविर का शुभारम्भ कर अवलोकन किया। उन्होंने इस अवसर पर सरकार की विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों को सहायता राशि वितरित की। उन्होंने जोधपुर जिला विकास पुस्तिका तथा प्लास्टिक हटाओं, गाय बचाओ पोस्टर का विमोचन भी किया।

295 करोड़ के विकास कार्यों का लोकार्पण एवं शिलान्यास
श्रीमती राजे ने इस अवसर पर जोधपुर में 295 करोड़ रूपये के विकास कार्यों का लोकार्पण तथा शिलान्यास किया। श्रीमती राजे ने मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के द्वितीय चरण के तहत नौलखा बावड़ी में जीर्णाद्धार कार्यक्रम का शुभारम्भ भी्र किया।

शुभारंभलागत
कुल294.23 Cr
1.नौलखा बावड़ी, उम्मेद उद्यान MJSA के तहत जीर्णोद्धार2.50 Cr
लोकार्पण
2.उपखण्ड कार्यालय भवन, बिलाड़ा1.13 Cr
3.उपखण्ड कार्यालय भवन, बावड़ी0.71 Cr
4.राजकीय महाविद्यालय भवन, बिलाड़ा2.70 Cr
5.राजकीय संस्कृत महाविद्यालय, चौखा10.72 Cr
6.कानसिंह की सीड खिदरत परियोजना (16 गांवों को मीठा पानी)26.74 Cr
7.घटोर कानासर परियोजना (25 गांवों को मीठा पानी)59.76 Cr
8.मलाल-जोड-हिण्डालगोल परियोजना (10 गांवों को मीठा पानी)21.97 Cr
शिलान्यास
9.सार्वजनिक निर्माण विभाग तथा विभिन्न योजनाओं के कार्य162 Cr
10.राजकीय महाविद्यालय, ओसियां6 Cr
इस अवसर पर केन्द्रीय विधि एवं न्याय राज्यमंत्री श्री पीपी चौधरी, पीएचईडी मंत्री श्री सुरेन्द्र गोयल, नगरीय विकास मंत्री श्री श्रीचन्द कृपलानी, वन मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह खींवसर, राजस्व राज्य मंत्री श्री अमराराम, ऊर्जा राज्यमंत्री श्री पुष्पेन्द्र सिंह, जन जाति क्षेत्रीय विकास राज्य मंत्री श्रीमती कमसा मेघवाल, बीज निगम के अध्यक्ष श्री शम्भू सिंह खेतासर, संसदीय सचिव श्री भैराराम सियोल, श्री लादूराम विश्नोई, सांसद श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, श्री रामनारायण डूडी, श्री नारायण पंचारिया, जिला प्रमुख श्री पूनाराम चौधरी, महापौर श्री घनश्याम ओझा, जेडीए अध्यक्ष प्रो. महेन्द्र सिंह राठौड़, राजसिको अध्यक्ष श्री मेघराज लोहिया, सफाई आयोग के उपाध्यक्ष सी.पी. टायसन, विधायक श्री कैलाश भंसाली, श्रीमती सूर्यकान्ता व्यास, श्री बाबू सिंह राठौड़, श्री जोगाराम पटेल, श्री पब्बाराम विश्नोई एवं अर्जुनलाल गर्ग सहित अन्य जनप्रतिनिधि, अधिकारीगण एवं बड़ी संख्या में आमजन उपस्थित थे।

जयपुर, 17 दिसम्बर 2016
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